Chapter 1. Real Number Notes in Hindi

 


वास्तविक संख्याएँ ( Real numbers )– वे संख्याएँ जिसका वास्तविक मान होता है और जिन्हें संख्या रेखा पर प्रदर्शित किया जा सकता है | या, परिमेय संख्याओं और अपरिमेय संख्याओं के संग्रह को वास्तविक संख्या कहते हैं | 

प्रमेयिका ( Lemma )– प्रमेयिका एक सिद्ध किया हुआ कथन होता है जिसकी प्रयोग से अन्य कथनों को सिद्ध  किया जाता है | 

यूक्लिड विभजन प्रमेयिका ( Euclid’s division lemma )– माना की a और b धनात्मक पूर्णाक है , तो ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ ( अऋणात्मक पूर्णाक  ) q और r विधमान है की a = bq +r , जहाँ 0 ≤ r <b. 

यहाँ , यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका विभाजन के नियन पर आधारित है –

भाज्य = भाजक × भागफल + शेषफल 

a = bq + r 

एल्गोरिथ्म ( Algorithm )– एल्गोरिक्म सुपरिभाषित चरणों की एक श्रृंखला  है , जो एक विशेष प्रकार की समस्या को हल करने की एक विधि प्रदान करती है | 

यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म ( Euclid ‘ s division algorithm )– यूक्लिड विभाज्य एल्गोरिक्म का प्रयोग दो धनात्मक पूर्नाको का H. C. F. ( ल. स. ) ज्ञात करने के लिए होता है | 

माना a तथा b दो धनात्मक पूर्णाक है, जहाँ a > b |  

चरण 1. a और b के लिए यूक्लिड विभाजक प्रमेयिका का प्रयोग कीजिए | इसलिए हम दो पूर्ण संख्यां q और r प्राप्त कर सकते है की a = bq + r , जहाँ 0 ≤ r < b . 

चरण 2. यदि r = 0 तो a तथा b का H . C . F . b होगा | यदि r ≠ 0 , तो b और r के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करेंगे | 

चरण 3. इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखेंगे जब तक शेषफल 0 न प्राप्त हो जाए | 

 अंत में प्राप्त भाजक अभिष्ट H . C . F . होगा | 

दो संख्याओं के H.C.F. और L.C.M. से सम्बंधित सूत्र –

  1.   दो संख्याओं का गुणनफल = H.C.F. × L.C.M.

अंकगणित की आधारभूत प्रमिय ( Fundamental theorem of arithmetic )– प्रत्येक भाज्य संख्या की अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रुप में व्यक्त किया जा सकता है तथा यह गुणनखंडन अभाज्य गुणनखंड़ो  के आने वाले क्रमों के बिना अद्वितीय होता  है | 

अर्थात् :- 

  1. प्रत्येक भाज्य संख्या , अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में गुनानाखंडित की जा सकती है | 
  2. एक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के गुणनफल के रूप में अद्वितीय रूप से गुणनखंडित किया जा सकता है यदि अभाज्य संख्याओं क्रम पर विचार न किया जाय |

परिमेय संख्याओं का दशमलव प्रसार ( Decimal expression of rational numbers )– 

  1. यदि    एक परिमेय संख्या है और    के रूप में है , जहाँ m तथा n पूर्ण संख्याएँ है और p  तथा q असहभाज्य हो | तब परिमेय संख्या का दशमलव प्रसार सांत होता है |
  2. यदि    एक परिमेय संख्या है और      के रूप में है , जहाँ m तथा n पूर्ण संख्याएँ है और p  तथा q असहभाज्य हो | तब परिमेय संख्या का दशमलव प्रसार असांत होता है | 

नोट :- अपरिमेय संख्याओं का दशमलव प्रसार असांत अनावर्ती होता है | 

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