Bihar Board Class 10 Science Subjective Chapter 12 विद्युत

 

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत चालक एवं अचालक पदार्थों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
विद्युत चालक लोहा, चाँदी। विद्युत अचालक रबड़, प्लास्टिक।

प्रश्न 2.
एक ऐम्पियर की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
यदि किसी परिपथ में 1 सेकण्ड में 1 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है, तो परिपथ में प्रवाहित धारा का मान 1 ऐम्पियर होता है।

प्रश्न 3.
कूलॉम की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
यह S.I. पद्धति में विद्युत आवेश की इकाई है। एक कूलॉम आवेश, आवेश की वह मात्रा है जो किसी चालक में एक ऐम्पियर की धारा बहने पर एक सेकण्ड में प्रवाहित होती है।

प्रश्न 4.
आवेश (q), धारा (i) तथा समय (t) में सम्बन्ध लिखिए। (2013)
उत्तर:
आवेश (q) = धारा (i) x समय (t)

उत्तर 5.
एक इलेक्ट्रॉन पर कितना तथा कैसा आवेश होता है ? (2011, 14)
उत्तर:
1.6 x 10-19 कूलॉम ऋणावेश।

प्रश्न 6.
1 कूलॉम आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या कितनी होती है ? (2011)
उत्तर:
6.25 x 1018 इलेक्ट्रॉन।

प्रश्न 7.
विद्युत धारा की दिशा तथा आवेश की गति की दिशा में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
विद्युत धारा की दिशा धनावेश की गति की दिशा में होती है।

प्रश्न 8.
आवेश, विभवान्तर Vतथा कार्य w में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
V = Wq

प्रश्न 9.
किसी चालक का कुल आवेश 8.0 x 10-19 कूलॉम है जो कि ऋणात्मक है। इस पर कितने इलेक्ट्रॉनों की अधिकता है? (2014)
हल:
माना n इलेक्ट्रॉन अधिक हैं। तब
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5 इलेक्ट्रॉन अधिक हैं।

प्रश्न 10.
एक चालक से होकर एक मिनट में 150 कूलॉम आवेश गुजरता है। चालक में बहने वाली विद्युत धारा कितनी होगी? आवेश 150 कूलॉम
हल:
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प्रश्न 11.
यदि किसी चालक में प्रवाहित धारा 4.0 ऐम्पियर हो तो 1.5 मिनट में प्रवाहित आवेश की मात्रा ज्ञात कीजिए। (2011, 12, 13, 16, 17)
हल:
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∴ आवेश = धारा x समय
ज्ञात है : धारा = 4.0 ऐम्पियर, समय =1.5 मिनट = 90 सेकण्ड
∴ आवेश = 4.0 x 90 कूलॉम = 360 कूलॉम

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प्रश्न 12.
एक चालक में 1.6 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। प्रति सेकण्ड चालक से गुजरने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी? (2009, 11, 12, 17)
हल:
माना इलेक्ट्रॉनों की संख्या n है।
∴ विद्युत धारा = प्रति सेकण्ड प्रवाहित होने वाले आवेश की मात्रा
∴ 1.6 = n x 1.6 x 10-19
(इलेक्ट्रॉन का आवेश = 1.6 x 10-19 कूलॉम)
n = 1.61.6×1019
= 1019 इलेक्ट्रॉन

प्रश्न 13.
ताँबे के एक तार से होकर 50 x 1018 मुक्त इलेक्ट्रॉन प्रति सेकण्ड प्रवाहित हो रहे हैं। चालक में धारा का मान ज्ञात कीजिए। (e = 1.6 x 10-19 कूलॉम) (2009, 17, 18)
हल:
विद्युत धारा = प्रति सेकण्ड प्रवाहित होने वाले आवेश की मात्रा
= 50 x 1018 x 1.6 x 10-19 ऐम्पियर = 80 x 10-1 ऐम्पियर
= 8.0 ऐम्पियर

प्रश्न 14.
बिन्दु A से B की ओर 108 इलेक्ट्रॉन 10-4 सेकण्ड में प्रवाहित होते हैं। कितनी विद्युत धारा किस दिशा में प्रवाहित होगी? इलेक्ट्रॉन पर आवेश = 1.6 x 1019कूलॉम है। (2015, 16)
हल:
प्रवाहित धारा = प्रति सेकण्ड प्रवाहित आवेश –
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= 1.6 x 10-7ऐम्पियर (दिशा B से A की ओर)

प्रश्न 15.
1 ओम प्रतिरोध से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
यदि चालक के सिरों के बीच 1 वोल्ट का विभवान्तर होने पर उसमें 1 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो, तो चालक का प्रतिरोध 1 ओम होगा।

प्रश्न 16.
किसी चालक के विशिष्ट प्रतिरोध से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
किसी पदार्थ के एक मीटर लम्बे तार, जिसकी अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल 1 वर्गमीटर है, के प्रतिरोध को उस पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं।

प्रश्न 17.
किसी धात्विक चालक के प्रतिरोध पर ताप-परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है? (2011)
उत्तर:
धात्विक चालक का ताप बढ़ने पर उसका प्रतिरोध बढ़ जाता है।

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प्रश्न 18.
ओम, ऐम्पियर तथा वोल्ट में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
वोल्ट = ऐम्पियर x ओम।

प्रश्न 19.
किसी चालक में 0.5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होती है जब उसके सिरों के बीच विभवान्तर 2 वोल्ट है। चालक का प्रतिरोध बताइए।
हल:
ओम के नियम से R = Vi
ज्ञात है V = 2 वोल्ट, i = 0.5 ऐम्पियर
R = 20.5 ओम = 4 ओम

प्रश्न 20.
24 ओम प्रतिरोध के एक चालक में 0.2 ऐम्पियर की धारा बह रही है। इस चालक के सिरों के बीच क्या विभवान्तर है ?
हल:
ओम के नियम से
R = Vi
V = i x R
ज्ञात है i = 0.2 ऐम्पियर,
R = 24 ओम
V = 0.2 x 24 = 4.8 वोल्ट

प्रश्न 21.
दो तार जिनके प्रतिरोध 4 ओम और 2 ओम हैं, श्रेणीक्रम में एक बैट्री से जुड़े हैं। पहले तार में 2 ऐम्पियर की धारा बह रही है। दूसरे तार में धारा का मान कितना होगा? (2014)
हल:
चूँकि प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। अत: दोनों तारों में समान धारा 2 ऐम्पियर ही प्रवाहित होगी।

प्रश्न 22.
तीन चालक तार जिनके प्रतिरोध क्रमशः 5, 7 तथा 13 ओम हैं, श्रेणीक्रम में जोड़े गये हैं। इनके संयोजन का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
हल:
तुल्य प्रतिरोध R = R1 + R2 + R3 = 5 + 7 + 13 = 25 ओम

प्रश्न 23.
5 ओम तथा 10 ओम के प्रतिरोधों को समान्तर-क्रम में जोड़ा गया है। इस संयोजन का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
हल:
माना संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R है, तब
1R = 1R1+1R2
1R = 15 + 110 = 310
या R = 103 = 3.33 ओम

प्रश्न 24.
दिये गये विद्युत परिपथ में धारा का मान बताइए।
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हल:
22 व 80 के प्रतिरोध समान्तर में संयोजित माना है। माना उभयनिष्ठ विभव V है, तब
V = 2 x i = 8 x 1
i = 8 = 4 ऐम्पियर

प्रश्न 25.
A एवं B के मध्य दिए गए परिपथ का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। (2015)
हल:
परिपथ में 2 Ω व 2 Ωके प्रतिरोध समान्तर क्रम में लगे हैं। यदि इनका तुल्य प्रतिरोध R1 है
तब 1R1 = 1212 = 1
या R1 = 1 ओम
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पुन: R, व 2Ω के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं। अत: इनका तुल्य प्रतिरोध
R = R1 + 2 = 1 + 2 = 3Ω
अत: A व B के मध्य तुल्य प्रतिरोध 3Ω है।

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प्रश्न 26.
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव से आप क्या समझते हैं? (2013)
उत्तर:
जब किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो यह गर्म हो जाता है अर्थात् विद्युत धारा के प्रभाव से तार के पदार्थ में ऊष्मा उत्पन्न होती है। यह प्रभाव विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 27.
विद्युत ऊर्जा से आप क्या समझते हैं? (2013)
उत्तर:
किसी चालक में विद्युत आवेश प्रवाहित करने में जो ऊर्जा व्यय होती है उसे विद्युत ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 28.
यदि R प्रतिरोध वाले चालक में t सेकण्ड के लिए। ऐम्पियर धारा प्रवाहित की जाये तो उसमें उत्पन्न हुई ऊष्मा का मानi,R तथाt के पदों में लिखिए।
उत्तर:
H = i2Rt4.18 कैलोरी।

प्रश्न 29.
जूल, वोल्ट तथा कूलॉम में क्या सम्बन्ध है? (2009, 14)
उत्तर:
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प्रश्न 30.
विद्युत हीटर बनाने के लिए किस पदार्थ के तार को प्रयुक्त करना चाहिए तथा क्यों? या नाइक्रोम के तार के तन्तु का उपयोग विद्युत ऊष्मक में क्यों किया जाता है? (2015)
उत्तर:
नाइक्रोम के तार को; क्योंकि इसका गलनांक काफी अधिक होता है तथा उच्च ताप तक गर्म होने पर यह ऑक्सीकृत नहीं होता है।

प्रश्न 31.
धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित चार विद्युत संयन्त्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. विद्युत बल्ब
  2. विद्युत ऊष्मक
  3. विद्युत इस्तरी
  4. गीजर।

प्रश्न 32.
विद्यत परिपथ के सामान्य तार तथा फ्यूज के तार में क्या अन्तर होता है? (2017, 18)
उत्तर:
फ्यूज के तार का गलनांक विद्युत परिपथ के सामान्य तार से कम होता है।

प्रश्न 33.
विद्युत फ्यूज किस धातु का बनाया जाता है तथा क्यों? (2011)
उत्तर:
विद्युत फ्यूज सीसा, टिन व ताँबे की मिश्रधातु का बना होता है; क्योंकि इसका गलनांक कम होता है।

प्रश्न 34.
400 W एवं 100 W के बल्बों में प्रयुक्त फिलामेन्ट के तारों में कौन पतला होगा और क्यों? (2012)
उत्तर:
100 W वाले बल्बों का फिलामेंट पतला होगा, क्योंकि पतले तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल कम होगा जिससे उसका प्रतिरोध अधिक होगा
∴ R ∝  1A

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प्रश्न 35.
विद्युत सामर्थ्य की परिभाषा लिखिए। या विद्युत शक्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी विद्युत परिपथ में विद्युत ऊर्जा के व्यय होने की समय दर को विद्युत सामर्थ्य कहते हैं।
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प्रश्न 36.
एक हीटर पर 1 kW – 220V अंकित है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर:
इसका अर्थ है कि हीटर को 220V पर जलाने पर 1 घण्टे में 1 किलोवाट ऊर्जा व्यय होगी।

प्रश्न 37.
एक विद्युत हीटर में 120 वोल्ट विभवान्तर पर 12 कूलॉम का आवेश प्रवाहित होता है। हीटर में कितनी ऊर्जा व्यय होगी?
हल:
विभवान्तर V = 120 वोल्ट
प्रवाहित आवेश Q = i x t = 12 कूलॉम
∴ हीटर में व्यय ऊर्जा W = Vit = 120 x 12 = 1440 जूल

प्रश्न 38.
10 वोल्ट तथा 0.5 ऐम्पियर के बल्ब से प्रति सेकण्ड कितने जूल ऊष्मा उत्पन्न होती है?
हल:
प्रश्नानुसार, विभवान्तर V = 10 वोल्ट,
धारा i = 0.5 ऐम्पियर, समय t = 1 सेकण्ड
व्यय ऊर्जा W = Vit = 10 x 0.5 x 1 = 5 जूल

प्रश्न 39.
किसी चालक तार के सिरों का विभवान्तर 30 वोल्ट है तथा धारा का मान 3 ऐम्पियर है। तार में ऊष्मा प्रवाह की दर की गणना कीजिए। (2017)
हल:
प्रश्नानुसार, विभवान्तर V = 30 वोल्ट, धारा i = 3 ऐम्पियर, t = 1 सेकण्ड
∴ ऊष्मा प्रवाह की दर H = Vi4.2 कैलोरी
30×34.2 = 21.43 कैलोरी/सेकण्ड

प्रश्न 40.
250 वोल्ट, 5 ऐम्पियर फ्यूज वाले परिपथ में 25 वाट के कितने बल्ब जल सकते (2009, 11, 13, 14, 15, 17)
हल:
माना n बल्ब जल सकते हैं।
प्रश्नानुसार, V = 250 वोल्ट, i = 5 ऐम्पियर, P =n x 25 वाट
∴ P = Vi
n x 25 = 250 x 5
∴ n = 250×525 = 50
50 बल्ब जल सकते हैं।

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प्रश्न 41.
एक विद्युत हीटर में 250 वोल्ट विभवान्तर पर 4.5 ऐम्पियर धारा प्रवाहित होती है। हीटर की सामर्थ्य की गणना कीजिए। (2013)
हल:
विभवान्तर V = 250 वोल्ट, i = 4.5 ऐम्पियर
सामर्थ्य P = V x i = 250 x 4.5 = 1125 वाट

प्रश्न 42.
किसी परिपथ में 10 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित की जाती है। परिपथ में लगे 2 ओम प्रतिरोध वाले चालक में प्रति सेकण्ड उत्पन्न ऊष्मा की गणना कीजिए। (2012)
हल:
प्रश्नानुसार, 1 = 10 ऐम्पियर, R = 2 ओम, t = 1 सेकण्ड, H = ?
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सामर्थ्य P = V x i = 250 x 4.5 = 1125 वाट

प्रश्न 43.
किसी चालक के दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 10 वोल्ट है। चालक में धारा का= मान ज्ञात कीजिए। यदि उसमें उत्पन्न ऊष्मा 15 जूल प्रति सेकण्ड हो। (2014, 16)
हल:
चालक में प्रति सेकण्ड उत्पन्न ऊष्मा (जूल में)
= विभवान्तर x धारा
15 =10 x i
चालक में धारा i = 1510 = 1.5 ऐम्पियर

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत धारा से क्या तात्पर्य है ? इसका मात्रक बताइए। (2014)
उत्तर:
विद्युत धारा किसी चालक में विद्युत आवेश के प्रवाह की समय-दर को विद्युत धारा अथवा विद्युत धारा की तीव्रता कहते हैं।
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इसका मात्रक ऐम्पियर अथवा कूलॉम/सेकण्ड है। यह अदिश राशि है।

प्रश्न 2.
विद्युत विभव की परिभाषा दीजिए तथा चालक के विभवान्तर एवं धारा में सम्बन्ध लिखिए। (2012)
उत्तर:
विद्युत विभव अनन्त से एकांक आवेश को विद्युत क्षेत्र के किसी निश्चित बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य उस बिन्दु पर विद्युत विभव कहलाता है। इसका मात्रक वोल्ट है। चालक के विभवान्तर एवं उसमें बहने वाली धारा का अनुपात सदैव नियत रहता है। अर्थात् यदि चालक का विभवान्तर V तथा इसमें धारा i है तो Vi = नियतांक।

प्रश्न 3.
किसी विद्युत परिपथ में अमीटर और वोल्टमीटर क्यों लगाये जाते हैं ? इन्हें परिपथ में किन क्रमों में जोड़ा जाता है? (2015)
या अमीटर का क्या कार्य है? इसे परिपथ में किस प्रकार जोड़ते हैं? (2016)
उत्तर:
अमीटर परिपथ में धारा मापने तथा वोल्टमीटर परिपथ के सिरों के बीच विभवान्तर मापने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं। विद्युत परिपथ में अमीटर को श्रेणीक्रम में तथा वोल्टमीटर को समान्तर क्रम में लगाया जाता है।

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प्रश्न 4.
विद्युत प्रतिरोध का क्या अर्थ है ? एक धातु के तार का प्रतिरोध किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
या प्रतिरोध से क्या तात्पर्य है ? यह किन-किन बातों पर निर्भर करता है? (2011)
या विद्युत प्रतिरोध क्या है ? इसका मात्रक लिखिए। (2012, 15)
उत्तर:
विद्युत प्रतिरोध किसी चालक का वह गुण जिसके कारण वह विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है, चालक का प्रतिरोध अथवा विद्युत प्रतिरोध कहलाता है। चालक के प्रतिरोध को R से व्यक्त करते हैं। इसका मान चालक के सिरों के बीच आरोपित विभवान्तर (V) व चालक में बहने वाली धारा (I) के अनुपात के बराबर होता है,
अर्थात्
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चालक के प्रतिरोध की निर्भरता किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित दो बातों पर निर्भर करता है –
1. एक ही पदार्थ तथा समान अनुप्रस्थ काट के विभिन्न लम्बाइयों के तारों का प्रतिरोध (R), लम्बाई (l) के अनुक्रमानुपाती होता है, अर्थात्
R ∝ l
2. एक ही पदार्थ के समान लम्बाई परन्तु विभिन्न अनुप्रस्थ काट के तारों का प्रतिरोध (R), अनुप्रस्थ काट (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है, अर्थात्
R ∝  1A

प्रश्न 5.
एक चालक का प्रतिरोध 3.0 ओम है। इसमें 0.5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित करने से कितना विभवान्तर उत्पन्न होगा? यदि इस तार के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तर 2.4 वोल्ट हो, तो इसमें कितनी धारा प्रवाहित होगी?
हल:
प्रश्नानुसार, प्रतिरोध R = 3.0 ओम, धारा i =0.5 ऐम्पियर
उत्पन्न विभवान्तर V = iR = 0.5 x 3.0 = 1.5 वोल्ट
पुन: यदि उत्पन्न विभवान्तर V = 2.4 वोल्ट, R = 3.0 ओम
प्रवाहित धारा i = VR = 2.43.0 = 0.8 ऐम्पियर

प्रश्न 6.
दिए गए परिपथ में 1.5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। निम्न को ज्ञात कीजिए (2013, 17)
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(i) प्रतिरोध R का मान
(ii) A व B के बीच विभवान्तर
हल:
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(ii) A व B के बीच तुल्य प्रतिरोध R’ = 32 + 22 + 42 = 92 (प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं।)
∴ A व B के बीच विभवान्तर = प्रतिरोध x धारा = 9 x 1.5 = 13.5 वोल्ट

प्रश्न 7.
दो प्रतिरोधों के मान क्रमशः 6 ओम एवं 3 ओम हैं। इनके संयोजन से बनने वाले अधिकतम व न्यूनतम प्रतिरोध की गणना कीजिए। (2014)
उत्तर:
अधिकतम प्रतिरोध R1तब होगा यदि संयोजन श्रेणीक्रम में हो।
∴ इस स्थिति में अधिकतम तुल्य प्रतिरोध
R1 = 6 +3 = 9 ओम
न्यूनतम प्रतिरोध R2 तब होगा यदि संयोजन समान्तर क्रम में हो।
इस स्थिति में,
1R2 = 16 + 13
1R2 = 1+26 = 12
अतः R2 = 2 ओम

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प्रश्न 8.
दो प्रतिरोध 4 ओम तथा 12 ओम के हैं। इन्हें 10 वोल्ट के सेल से जोड़ने पर परिपथ में कल कितनी धारा बहेगी, यदि प्रतिरोधों को –
(i) श्रेणीक्रम में
(ii) समान्तर क्रम में जोड़ा जाये? (2016)
हल:
श्रेणीक्रम में श्रेणीक्रम में जोड़ने पर,
परिपथ का तुल्य प्रतिरोध R1 = 4 + 12 = 16 ओम
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समान्तर क्रम में समान्तर क्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध
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प्रश्न 9.
निम्न विद्युत परिपथ में सेल का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। (2011, 16, 17)
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हल:
परिपथ में 6 Ω व 6 Ω के दो प्रतिरोध समान्तर क्रम में जुड़े हैं।
इनका तल्य प्रतिरोध 1R1 = 16 + 16 या 1R1 = 26 या R1 = 3Ω
अब R1 व r प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं।
∴ इनका तुल्य प्रतिरोध
R2 =(3 + r) ओम
अब परिपथ में E = V = 2 वोल्ट, i = 0.5 ऐम्पियर, R2 =(3 + r) ओम
V = iR से 2 = 0.5 (3 + r) या 3 + r = 4 या r = 4 – 3 = 1Ω

प्रश्न 10.
निम्न परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा का मान ज्ञात कीजिए। (2015, 17)
हल:
परिपथ में 4 Ω के दो प्रतिरोध समान्तर क्रम में लगे हैं।

इनका तुल्य प्रतिरोध –
1R1 = 14 + 14
R1 = 42 = 2Ω
पुनः परिपथ में R1 व 2 2 के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं।
∴ इनका तुल्य प्रतिरोध R = (R1 + 2)Ω = (2 + 2) Ω = 4Ω
परिपथ में धारा i = VR = 104 = 2.5 ऐम्पियर

प्रश्न 11.
नीचे दिये गये चित्र में दिये गये विद्युत परिपथ में A तथा B बिन्दुओं के बीच परिणामी प्रतिरोध का मान ज्ञात कीजिए। (2014, 15, 17, 18)
हल:
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2Ω, 3Ω, 4Ω श्रेणीक्रम में हैं। अतः तुल्य प्रतिरोध
R1 = 2Ω + 3Ω + 4Ω = 9Ω
अब 9Ω के दो प्रतिरोध समान्तर क्रम में हैं। अत: A व B बिन्दुओं के बीच परिणामी प्रतिरोध,
1R = 19 + 19 = 1R = 29 R = 92 = 4.5Ω

प्रश्न 12.
संलग्न विद्युत परिपथ में बहने वाली विद्युत धारा की गणना कीजिए। 12 वोल्ट
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हल:
परिपथ में 1Ω,4Ω व 1Ω के प्रतिरोध श्रेणी क्रम में हैं।
∴ इनका तुल्य प्रतिरोध R = 1 + 4 + 1 = 60
प्रतिरोध R1,62 के प्रतिरोध के समान्तर क्रम में है
यदि इनका तुल्य प्रतिरोध R2 है, तब
1R2 = 1R1 + 16
16 + 16 = 26 = 13
∴ R2 = 3Ω
अब 1Ω,2Ω व R2 प्रतिरोध श्रेणी क्रम में हैं।
∴ इनका तुल्य प्रतिरोध अर्थात् परिपथ का कुल प्रतिरोध
R = 1Ω + 2Ω + 3Ω = 6Ω
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प्रश्न 13.
ऊष्मा उत्पादन सम्बन्धी जूल का नियम लिखिए। या किसी चालक तार में धारा प्रवाहित करने पर उसमें उत्पन्न ऊष्मा किन-किन कारकों पर निर्भर करती है? स्पष्ट कीजिए। (2016)
उत्तर:
यदि विद्युत चालक में प्रवाहित होने वाली धारा i हो, तो t सेकण्ड में चालक में उत्पन्न ऊष्मा
Q = i2 – Rt जूल = i2Rt4.2 कैलोरी
इस सूत्र को जूल का ऊष्मीय प्रभाव का नियम कहते हैं।
स्पष्टत: चालक में प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न ऊष्मा
1. चालक के प्रतिरोध के अनुक्रमानुपाती होती है, अर्थात् Q ∝ R
2. चालक में प्रवाहित धारा के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है, अर्थात् p ∝ l2
3. चालक में धारा प्रवाह के समय के अनुक्रमानुपाती होती है, अर्थात् Q ∝ t

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प्रश्न 14.
तार में कुछ देर तक धारा प्रवाहित करने से तार का ताप 3°C बढ़ जाता है। यदि धारा को दोगुना कर दें तो उतनी ही देर में तार का ताप कितना बढ़ जायेगा? (2012)
हल:
∴ उत्पन्न ऊष्मा H = i2 Rt
उत्पन्न ऊष्मा ∝  प्रवाहित धारा का वर्ग (i2)
धारा दोगुनी होने पर उत्पन्न ऊष्मा चार गुनी होगी।
पुनः चूँकि ताप वृद्धि ∝ ऊष्मा ताप वृद्धि चार गुनी अर्थात् 3 x 4 = 12°C होगी।

प्रश्न 15.
R1 तथा R2 प्रतिरोधों के दो चालक एक सेल से समान्तर-क्रम में संयोजित हैं। किसी निश्चित समय में चालकों में व्यय हुई विद्युत ऊर्जाओं का अनुपात कितना होगा?
उत्तर:
दोनों चालक R1 ओम तथा R2 ओम सेल से समान्तर-क्रम में जुड़े हैं। अतः चालकों के सिरों पर समान विभवान्तर V वोल्ट होगा। उनमें से प्रत्येक में t सेकण्ड में व्यय विद्युत ऊर्जा निम्न प्रकार होगी
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भाग देने पर,
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अतः समान्तर-क्रम में जुड़े प्रतिरोधों में व्यय विद्युत ऊर्जा का अनुपात उनके प्रतिरोधों के अनुपात का प्रतिलोम होगा। स्पष्ट है जिस चालक का प्रतिरोध कम होगा, उसमें अधिक ऊर्जा व्यय होगी।

प्रश्न 16.
स्विच किसे कहते हैं? इसे परिपथ में किस क्रम में लगाते हैं?
उत्तर:
स्विच वह युक्ति है जिसके द्वारा किसी विद्युत उपकरण में विद्युत धारा के प्रवाह को नियन्त्रित किया जाता है। स्विच यदि ऑन रहता है तो उपकरण में धारा प्रवाह होता है और यदि स्विच ऑफ होता है तो उपकरण में धारा प्रवाह रुक जाता है। इसे परिपथ में उपकरण के साथ सदैव श्रेणीक्रम में लगाते हैं।

प्रश्न 17.
घरों की वायरिंग के परिपथ में फ्यूज का क्या महत्त्व है ? आवश्यक परिपथ बनाकर स्पष्ट कीजिए (2011, 12, 13, 14, 16, 17, 18)
उत्तर:
विद्युत परिपथ में फ्यूज एक सुरक्षा युक्ति के रूप में कार्य करता है। जब कभी घरों में बिजली की डोरी के दोनों तार विद्युतरोधी आवरण हट जाने के कारण एक-दूसरे से छू जाते हैं अथवा बिजली के बहुत सारे उपकरण एक साथ प्रयोग में लाये जाते हैं; तब परिपथ का विद्युत प्रतिरोध एकदम गिर जाता है तथा परिपथ में बहुत 1 N अधिक धारा बहती है।

इससे इतनी अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है कि परिपथ के तारों में आग लग सकती है। कभी-कभी किसी उपकरण की खराबी के कारण भी उसमें बहुत अधिक धारा आ जाती है जिससे उपकरण जल सकता है। इस फ्यूज के खतरों से बचने के लिए विभिन्न परिपथों की वायरिंग में वितरण बॉक्स फ्यूज-तार लगाये जाते हैं।
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प्रत्येक फ्यूज-तार में अधिकतम धारा वहन करने की एक क्षमता होती है। जब धारा इस निश्चित परिमाण से अधिक होती है तो फ्यूज -तार गल जाता है और विद्युत परिपथ टूट जाता है। जिससे क्षति होने से बच जाती है।

प्रश्न 18.
विद्युत बल्ब में कौन-सी गैस भरी जाती है और क्यों?
उत्तर:
उच्च सामर्थ्य के बल्बों में कोई निष्क्रिय गैस नाइट्रोजन अथवा ऑर्गन भरी जाती है। इससे बल्ब के तन्तु का वाष्पीकरण नहीं होता तथा बल्ब की दक्षता बढ़ जाती है।

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प्रश्न 19.
वाट की परिभाषा दीजिए। किलोवाट-घण्टा तथा जूल में सम्बन्ध स्थापित कीजिए। (2011, 12, 14)
या किलोवाट-घण्टा (यूनिट) क्या है? इसकी परिभाषा दीजिए। या किलोवाट-घण्टा से क्या अर्थ है ?
या किलोवाट-घण्टा तथा जूल में सम्बन्ध स्थापित कीजिए। (2013) किलोवाट को परिभाषित कीजिए। (2011, 12, 17)
या किलोवाट-घण्टा को जूल में बदलिए। (2018)
उत्तर:
वाट की परिभाषा यह सामर्थ्य का मात्रक है। “यदि किसी कर्ता के कार्य करने की दर 1 जूल प्रति सेकण्ड है, तो उसकी सामर्थ्य 1 वाट कहलाती है। इसी प्रकार यदि किसी विद्युत परिपथ में विद्युत ऊर्जा व्यय की दर 1 जूल / सेकण्ड हो, तो उस परिपथ में लगे विद्युत स्रोत की सामर्थ्य 1 वाट होती है।”
वाट = ऐम्पियर-वोल्ट भी होता है। क्योंकि
वाट = जूल/सेकण्ड = कूलॉम x वोल्ट / सेकण्ड
= ऐम्पियर x सेकण्ड – वोल्ट / सेकण्ड = ऐम्पियर x वोल्ट

किलोवाट-घण्टा यह विद्युत ऊर्जा का मात्रक है। इसको साधारण भाषा में यूनिट भी कहते हैं। 1 किलोवाट-घण्टा किसी विद्युत परिपथ में 1 घण्टे में व्यय होने वाली विद्युत ऊर्जा की मात्रा है; जबकि उस परिपथ में 1 किलोवाट विद्युत शक्ति का स्रोत लगा हो।
किलोवाट-घण्टा तथा जूल में सम्बन्ध –
1 किलोवाट-घण्टा =1 किलोवाट x 1 घण्टा
=103 वाट x 60 x 60 सेकण्ड
= 103 जूल/सेकण्ड x 60 x 60 सेकण्ड
= 3.6 x 106 जूल

प्रश्न 20.
दो विद्युत बल्बों में समान धातु एवं समान लम्बाई के तन्तु लगे हैं, परन्तु एक बल्ब का तन्तु दूसरे की अपेक्षा अधिक मोटा है। किस बल्ब की सामर्थ्य अधिक होगी तथा क्यों? (बल्बों की वोल्टता समान है) (2014,18)
उत्तर:
किसी बल्ब की सामर्थ्य (Power) P, उस पर लगे विभवान्तर V तथा प्रवाहित धारा । पर निर्भर करती है।
P= Vi
ओम के नियम से,
V = iR
या i = V / R
अतः P = V2R …(i)
चूँकि समान धातु एवं समान लम्बाई वाले तन्तु का प्रतिरोध उसकी त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अत: जिस बल्ब का तन्तु मोटा है; उसका प्रतिरोध कम तथा जिस बल्ब का तन्तु पतला है; उसका प्रतिरोध अधिक होगा।
अत: समीकरण (i) से मोटे तार के लिए प्रतिरोध कम होने से उसकी सामर्थ्य अधिक होगी तथा पतले तार का प्रतिरोध अधिक होने से उसकी सामर्थ्य कम होगी।

प्रश्न 21.
एक नामांकित विद्युत परिपथ बनाइए जिसमें रेगुलेटर, स्विच, पंखा तथा वैद्युत बल्ब घर में मेन्स से जुड़े दिखाये गये हैं। (2011, 17)
उत्तर:
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प्रश्न 22.
5 ओम प्रतिरोध तथा 10 ओम प्रतिरोध के तारों में समान विद्युत धारा समान समय तक प्रवाहित करने पर तारों में उत्पन्न हुई ऊष्माओं में क्या अनुपात होगा?
हल:
तार में उत्पन्न ऊष्मा H =i2Rt4.2 कैलोरी
समान i व t के लिए H R
अत: 5 ओम व 10 ओम के तारों में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात
R1R2 = 52 = 1:2

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प्रश्न 23.
किसी परिपथ में 10 ऐम्पियर की धारा 4 सेकण्ड तक प्रवाहित की जाती है। यदि परिपथ का प्रतिरोध 10 ओम है, तो ज्ञात कीजिए –
(i) परिपथ में प्रवाहित कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या
(ii) उत्पन्न ऊष्मा (2015)
हल:
(i) परिपथ में प्रवाहित कुल आवेश (q) = धारा (i) x समय (t)
=10 x 4 = 40 कूलॉम
परिपथ में प्रवाहित इलेक्ट्रॉन की संख्या
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(ii) ऊष्मा, Q = i2. R x t = 10 x 10 x 10 x 4
= 4000 जूल = 40004.2 कैलोरी = 9.52.38 कैलोरी

प्रश्न 24.
किसी विद्यत मोटर की सामर्थ्य 7.5 किलोवाट है। इसने 8 घण्टा प्रतिदिन की दर से 15 दिन कार्य किया। कितने यूनिट (किलोवाट-घण्टा) विद्युत ऊर्जा व्यय हुई? इसका मान जूल में भी ज्ञात कीजिए। (2011, 13, 14, 18)
हल:
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= 900 x 3.6 x 106 जूल
= 3.24 x 109 जूल

प्रश्न 25.
1.5 किलोवाट सामर्थ्य के हीटर का उपयोग 30 मिनट तक करने में कितनी ऊष्मा प्राप्त होगी? (2009, 11)
हल:
सामर्थ्य P = 1.5 किलोवाट = 1500 वाट, समय 1 = 30 मिनट = 30 x 60 सेकण्ड
प्राप्त ऊष्मीय ऊर्जा = सामर्थ्य x समय = 1500 x 30 x 60 = 2700000 जूल = 2.7 x 109 जूल
2.7×1064.2 कैलोरी = 6.43 x 105कैलोरी

प्रश्न 26.
दो बल्बों जिनमें एक पर 100 वाट-220 वोल्ट तथा दूसरे पर 60 वाट-220 वोल्ट लिखा है को 220 वोल्ट की सप्लाई लाइन से समान्तर क्रम में जोड़ा गया है। सप्लाई लाइन से निर्गत धारा की गणना कीजिए। (2009, 14)
हल:
प्रश्नानुसार, V = 220 वोल्ट, P = 100 + 60 = 160 वाट, i = ?
P = Vi
i = PV = 160220 = 0.73 ऐम्पियर

प्रश्न 27.
एक विद्युत बल्ब पर 250 V-200w लिखा है। इसे 250 वोल्ट के मेन्स से जोड़ने पर बल्ब में कितनी अधिकतम धारा प्रवाहित होगी? बल्ब के प्रतिरोध की भी गणना कीजिए। (2012, 13, 14, 15, 16, 17, 18)
हल:
प्रश्नानुसार, V = 250 वोल्ट, P= 200 वाट
∴ बल्ब का प्रतिरोध R = V2P = 250x250200 = 312.5 ओम
250 वोल्ट के मेन्स से जोड़ने पर,
बल्ब में अधिकतम धारा i = VR = 250312.5 = 0.8 ऐम्पियर

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प्रश्न 28.
25 वाट तथा 100 वाट के दो बल्बों के प्रतिरोधों की तुलना कीजिए, यदि इनकी वोल्टता समान हो। (2014)
हल:
माना दोनों बल्बों की वोल्टता V वोल्ट है तथा 25 वाट और 100 वाट के बल्बों का प्रतिरोध क्रमश: R1 तथा R2 ओम हैं।
हम जानते हैं कि बल्ब की सामर्थ्य P = V2R
25 वाट के बल्ब के लिए 25 = V2R1
100 वाट. के बल्ब के लिए 100 = V2R2
भाग देने पर,
10025=R1R2
या R1R2=41 या R1 : R2 = 4:1
अर्थात् 25 तथा 100 वाट के बल्बों के पतिशों क अनुगात 4 : 1 है।

प्रश्न 29.
एक बल्ब पर 60 W-220 V लिखा है। इसको 220 वोल्ट के विद्युत मेन्स में लगाने पर कितनी धारा प्रवाहित होगी? बल्ब द्वारा 5 मिनट में उत्पन्न ऊष्मा की गणना कीजिए। (2011, 18)
हल:
विभवान्तर V = 220 वोल्ट, सामर्थ्य P = 60 वाट,
समय t = 5 मिनट = 5 x 60 सेकण्ड
धारा i = PV = 60220 = 311 ऐपियर
5 मिनट अर्थात् 5 x 60 सेकण्ड में व्यय ऊर्जा W = Vit
= 220 x 311 x 5 x 60 = 18000 जूल
अतः उत्पन्न ऊष्मा = 180004.2 = 4285.7 कैलोरी

प्रश्न 30.
एक घर में 220 V-100 w के 5 बल्ब प्रतिदिन 8 घण्टे जलते हैं तो 2 रुपये प्रति यूनिट की दर से एक माह (30 दिन) का खर्च ज्ञात कीजिए। (2014)
हल:
व्यय ऊर्जा (यूनिट)
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खर्च = व्यय यूनिट x 1 यूनिट का मूल्य
=120 x 2 = ₹ 240

प्रश्न 31.
एक विद्युत बल्ब का प्रतिरोध 1000 ओम है। इसको 200 वोल्ट के मेन्स से जोड़कर 10 घण्टे तक जलाने में कितने यूनिट विद्युत ऊर्जा व्यय होगी?
हल:
बल्ब में प्रवाहित धारा i = VR = 2001000 = 0.2 ऐम्पियर
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प्रश्न 32.
200 ओम प्रतिरोध के तार में 1.5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित करने से ऊर्जा व्यय की दर ज्ञात कीजिए। यदि उपर्युक्त तार में ऊर्जा व्यय की दर 1250 वाट लें, तो तार के सिरों का विभवान्तर कितना होगा? (2014, 18)
हल:
प्रतिरोध R = 200 ओम, धारा i = 1.5 ऐम्पियर
ऊर्जा व्यय की दर P = i2 R
= (1.5)2 x 200
= 2.25 x 200 = 450 वाट
प्रतिरोध R= 200 ओम, P = 1250 वाट, V= ?
सूत्र P = V2R से, V2 = P x R
= 1250 x 200 = 250000
∴ तार के सिरों के बीच विभवान्तर V = 250000 = 500 वोल्ट

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प्रश्न 33.
आपके घर में विद्युत कटौती के दौरान आवश्यक विद्यत आपूर्ति के लिए 12 वोल्ट/150 ऐम्पियर-घण्टा की एक बैटरी लगायी गयी है। यदि विद्युत कटौती के दौरान आप इस पूर्णतया आवेशित बैटरी से एक 60 वाट का पंखा एवं एक 40 वाट का बल्ब प्रयोग में लाते हैं, तो यह कब तक कार्य करेंगे? किसी भी अन्य ऊर्जा को हानि को नगण्य मानें। (2017)
हल:
उपकरणों की कुल सामर्थ्य P = 60 + 40 = 100 वाट
माना उपकरण t घण्टे कार्य करेंगे, तब
उपकरणों द्वारा t घण्टे में प्रयुक्त ऊर्जा = बैटरी की कुल ऊर्जा
100 वाट x t घण्टा = 12 x 150 वाट-घण्टा
t = 12×150100 = 18
∴ उपकरण 18 घण्टे तक कार्य करेंगे।

प्रश्न 34.
दो प्रतिरोध 3 ओम तथा 5 ओम के हैं। इन्हें किसी सेल से जोड़ने पर कौन-सा प्रतिरोध अधिक गर्म होगा, यदि इन्हें परस्पर
(i) श्रेणीक्रम में
(ii) समान्तर क्रम में जोड़ा जाये? (2017)
हल:
(i) श्रेणीक्रम में दोनों प्रतिरोधों में समान धारा बहेगी।
∴ उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात H1H2=i2R1ti2R2t=R1R2=35
= 3:5
∴ 5 ओम का प्रतिरोध अधिक गर्म होगा।
(ii) समान्तर क्रम में दोनों प्रतिरोधों के सिरों पर विभवान्तर समान होगा। .
∴ उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात
H1H2=V2t/R1V2t/R2=R2R1=53 = 5 : 3
अत: 3 ओम का प्रतिरोध अधिक गर्म होगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ओम का नियम क्या है ? इसके सत्यापन के लिए आवश्यक प्रयोग का वर्णन परिपथ आरेख खींचकर कीजिए। (2011, 12, 13, 14, 15)
या ओम के नियम की व्याख्या कीजिए। प्रतिरोध का मात्रक भी बताइए।
उत्तर:
ओम का नियम ओम के नियम के अनुसार जब भौतिक अवस्थाएँ (जैसे ताप आदि) समान रहें तो किसी चालक में प्रवाहित होने वाली धारा, उसके सिरों के बीच विभवान्तर के समानुपाती होती है। यदि किसी चालक के सिरों पर लगा विभवान्तर V तथा उसमें बहने वाली धारा I हो, तो
विभवान्तर ∝ धारा  या  V ∝ I
V = स्थिरांक x I
इस स्थिरांक को चालक का प्रतिरोध कहते हैं। यदि प्रतिरोध हो, तो
V = R x I था R = VI
अतः यह नियम यह भी बताता है कि किसी परिपथ में प्रतिरोध, उसके सिरों के बीच विभवान्तर (वोल्टता) तथा प्रवाहित धारा का अनुपात होता है।
यदि हम विभवान्तर तथा धारा में ग्राफ खींचें तो वह एक सरल रेखा आती है। इससे भी यह प्रदर्शित होता है कि विभवान्तर, धारा के समानुपाती है।

प्रतिरोध का मात्रक प्रतिरोध का मात्रक
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इसे Ω (ओम) से प्रदर्शित करते हैं।
ओम के नियम का सत्यापन इस प्रयोग के लिए एक बैटरी, अमीटर, कुंजी, धारा नियन्त्रक, प्रतिरोध तथा वोल्टमीटर चित्र (a) के अनुसार लगाते हैं। प्रतिरोध में प्रवाहित धारा (I) अमीटर से तथा प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर (V) वोल्टमीटर द्वारा मापते हैं।
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प्रयोग करने के लिए कुंजी K को लगाकर धारा नियन्त्रक की एक स्थिति के लिए प्रतिरोध में प्रवाहित धारा तथा उसके सिरों के बीच विभवान्तर वोल्टमीटर द्वारा मापते हैं। इसी प्रकार धारा नियन्त्रक द्वारा परिपथ में बहने वाली धारा बदलकर अमीटर तथा वोल्टमीटर के पाठ पढ़ लेते हैं। अब विभवान्तर को X – अक्ष पर तथा धारा को Y – अक्ष पर लेकर एक ग्राफ खींचते हैं यदि यह सरल रेखा आता है देखें चित्र (b)], तो चालक के सिरों के बीच विभवान्तर तथा उनमें प्रवाहित धारा का सरल रेखीय ग्राफ ओम के नियम का पालन करता है, अर्थात् चालक ओम के नियम का पालन करता है।

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प्रश्न 2.
यदि तीन प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ दिया जाये तो इस संयोग के लिए उनके तुल्य प्रतिरोध का सूत्र स्थापित कीजिए। (2012)
श्रेणीक्रम में प्रतिरोधों को किस प्रकार जोड़ा जाता है? प्रतिरोधों के इस समायोजन के लिए सूत्र प्राप्त कीजिए। (2015, 17)
उत्तर:
श्रेणीक्रम में संयोजन (Series combination) प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम में संयोजन इस प्रकार होता है कि प्रतिरोधों को क्रमश: जोड़ा जाए अर्थात् किसी एक प्रतिरोध का सिरा, दूसरे प्रतिरोध के एक सिरे से तथा इस प्रतिरोध का दूसरा सिरा अगले प्रतिरोध के पहले सिरे से जुड़ा रहे। यह संयोजन चित्र में दिखाया गया है। इसमें R1, R2, R3प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़कर एक सेल, जिसका कुल विभवान्तर V वोल्ट है, से जोड़ा गया है। श्रेणीक्रम में जुड़े इन प्रतिरोधों के तुल्य प्रतिरोध का मान निम्नलिखित प्रकार से ज्ञात किया जाता है –
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माना प्रतिरोधों के सिरों पर विभवान्तर क्रमश: V1,V2,V3, हैं, तब ओम के नियम से
V1 =iR1; V2 =iR2; Vs =iR3
तब V1 + V2 + V3 = iR1 + iR2 + iR3
= i(R1 + R2 + R3) ……(i)
चूँकि कुल विभवान्तर V है, तब V =V1 + V2 +V3 …….(ii)
अब माना कोई एक ऐसा प्रतिरोध है, जो विभवान्तर V होने पर परिपथ में। धारा प्रवाहित करने में सहायक होता है। यह प्रतिरोध समतुल्य प्रतिरोध R कहलाता है।
अतः V = iR ……(iii)
समीकरण (i), (ii) व (iii) से,
iR = i(R1 + R2 + R3)
या R = R1 + R3 + R3 ……(iv)
अत: श्रेणीक्रम में समतुल्य प्रतिरोध, प्रतिरोधों के कुल योग के बराबर होता है।

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प्रश्न 3.
समान्तर क्रम में जुड़े तीन प्रतिरोधों के तुल्य प्रतिरोध के लिए सूत्र का निगमन। कीजिए। (2011, 16, 17)
उत्तर:
समान्तर क्रम में संयोजन समान्तर क्रम में जुड़े प्रतिरोधों का संयोजन चित्र में दिखाया गया है। इस प्रकार के संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध (R1 , R2, R3) दो निश्चित बिन्दुओं (A, B) के बीच जुड़ा हुआ होता है तथा उन दोनों निश्चित बिन्दुओं के बीच में सेल जोड़ दिया जाता है। अतः प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के विभवान्तर का मान V (माना) होगा।
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माना प्रतिरोधों R1, R2, व R3, में क्रमश: i1, i2 व i3 धाराएँ प्रवाहित होती हैं, तब ओम के नियम से,
i1 = VR1 i2 = VR2 i3 = VR3
कुल धारा i = i1 + i2 + i3
i = VR1+VR2+VR3
i = V(1R1+1R2+1R3) ……..(i)

माना इन प्रतिरोधों के समतुल्य प्रतिरोध R है जिसके सिरों पर विभवान्तर V होने पर इसमें धारा i प्रवाहित होती है।
अतः R = Vi अथवा i = VR …(ii)
समी० (i) व (ii) से,
VR = V(1R1+1R2+1R3)
अथवा
1R = 1R1+1R2+1R3 ……..(iii)
यह समीकरण समान्तर क्रम में जुड़े तीन प्रतिरोधों के समतुल्य प्रतिरोध का मान दर्शाती है।
अत: “समान्तर क्रम में जोड़ने पर समतुल्य प्रतिरोध का मान कम हो जाता है।”

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प्रश्न 4.
एक परिपथ में 10 ओम, 6 ओम तथा 4 ओम के तीन प्रतिरोध श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। पूरे संयोजन के सिरों का विभवान्तर 10.0 वोल्ट है। प्रत्येक प्रतिरोध में धारा एवं विभवान्तर ज्ञात कीजिए। (2011)
हल:
प्रश्न के अनुसार परिपथ संलग्न है: परिपथ का कुल प्रतिरोध R = R1 + R2 + R3
या R = 10 + 6 + 4 = 20
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ओम के नियम से, i = VR = 1020 = 0.5 ऐम्पियर
प्रत्येक प्रतिरोध में धारा 0.5 ऐम्पियर बहेगी।
सूत्र V = iR से,
100 के प्रतिरोध का विभवान्तर = 0.5 x 10 = 5 वोल्ट
62 के प्रतिरोध का विभवान्तर = 0.5 x 6 = 3 वोल्ट
40 के प्रतिरोध का विभवान्तर = 0.5 x 4 = 2 वोल्ट

प्रश्न 5.
दो विद्यत प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर उनका तुल्य प्रतिरोध 25 ओम आता है। इनको समान्तर क्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध 4 ओम आता है। प्रत्येक विद्युत प्रतिरोध का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। (2011, 12, 18)
हल:
माना विद्युत प्रतिरोध क्रमश: P व Q हैं, तब प्रश्नानुसार श्रेणीक्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध
P + Q = 25 Ω …….(i)
तथा समान्तर क्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध
1P + 1Q = 14 Ω  ……..(ii)
या P+QPQ = 14 या 4(P + Q) = PQ
समी० (i) से, 4 x 25 = PQ या PQ = 100 ……….(iii)
∴ (P-Q)2 = (P +Q)2 .. 4PQ = (25)2 – 4 x 100 = 625 – 400 = 225
∴ P – Q = 15 ……..(iv)
समी० (iii) व (iv) को हल करने पर,
P = 20 ओम तथा Q = 5 ओम

प्रश्न 6.
नीचे दिये गये चित्र में ज्ञात कीजिए (2012, 13, 14, 16)
1. तुल्य प्रतिरोध
2. परिपथ की धारा
3. 3Ω प्रतिरोध वाले चालक के सिरों का विभवान्तर 108
हल:
1. 2 Ω व 2 Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में लगे हैं –
इनका तुल्य प्रतिरोध 1R = 12 + 12= R1 = 1Ω
अब परिपथ में 1 Ω,1 Ω व 3 Ω के प्रतिरोध श्रेणी क्रम में लगे हैं।
∴ परिपथ का तुल्य प्रतिरोध R = 1Ω +1Ω + 3Ω = 5Ω
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2. परिपथ में विभवान्तर V = 1Ω वोल्ट, प्रतिरोध R = 5Ω
∴ परिपथ की धारा i = VR = 105 = 2 ऐम्पियर

3. 3Ω के प्रतिरोध में धारा i = 2 ऐम्पियर
3 Ω के प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर = धारा x प्रतिरोध – 2 x 3 = 6 वोल्ट

प्रश्न 7.
दिये गये परिपथ में ज्ञात कीजिए (2018)
1. A तथा B के मध्य प्रतिरोध
2. परिपथ में प्रवाहित धारा i (2015)
3. A तथा B के मध्य विभवान्तर
4. 3Ω के प्रतिरोध के सिरों का विभवान्तर (2013, 14, 15, 17)
हल:
1. AB के बीच (4 + 2) = 6 Ω व (2 + 1) = 3Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में लगे हैं।
यदि A व B के बीच तुल्य प्रतिरोध R1 है तब,
1R1 = 16 + 13 = 36 + 12
⇒ R1 = 2Ω
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2. परिपथ में R, व 3Ω के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में लगे है अत: परिपथ का तुल्य प्रतिरोध R = R1 + 3Ω = 2Ω + 3Ω = 5Ω
तथा विभवान्तर V = 10 वोल्ट
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3. A व B के मध्य विभवान्तर = A व B के बीच प्रतिरोध x धारा
= 2 x 2 = 4 वोल्ट

4. 3Ω के प्रतिरोध के सिरों का विभवान्तर = प्रतिरोध x धारा
= 3 x 2 = 6 वोल्ट

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प्रश्न 8.
विद्युत बल्ब का सिद्धान्त, रचना एवं कार्य-विधि समझाइए। इसका नामांकित चित्र बनाइए। विद्युत बल्ब में वायु के स्थान पर नाइट्रोजन अथवा ऑर्गन क्यो भरी जाती है ? (2011, 13) विद्युत बल्ब से प्रकाश प्राप्त होने के सिद्धान्त को समझाइए। (2012)
उत्तर:
विद्युत बल्ब
सिद्धान्त विद्युत बल्ब विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित है। किसी तार मे विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसमें ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे तार का ताप बढ़ जाता है तथा अधिक ताप बढ़ने पर वह श्वेत-तप्त काँच की छड़ रचना इसमें एक काँच का बल्ब होता है; जिसमें टंगस्टन धातु का तन्तु (फिलामेण्ट) होता है। बल्ब में निर्वात रखते हैं या कोई तार अक्रिय गैस जैसे ऑर्गन या नाइट्रोजन भर देते हैं। इसके ऊपर एक धातु (पीतल) की टोपी होती है, जिसके दोनों ओर दो पिन होते हैं; जो बल्ब को होल्डर में लगाने में सहायक होते हैं। इसके फिलामेण्ट तन्तु अन्दर काँच की छड़ होती है; जिसके अन्दर ताँबे के दो मोटे तार होते हैं।
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इन तारों के ऊपरी सिरे राँग से झले होते हैं तथा नीचे के सिरों के बीच टंगस्टन का बारीक फिलामेण्ट होता है (चित्र)। बल्ब को ऊपर से लाख या चपड़े से बन्द कर दिया जाता है; जिससे बाहर की वायु इसमें प्रवेश न कर सके। कार्य-विधि जब विद्युत धारा बल्ब में से प्रवाहित की जाती है, तो टंगस्टन का फिलामेण्ट गर्म होकर चमकने लगता है एवं प्रकाश देने लगता है। इससे विद्युत ऊर्जा का रूपान्तरण प्रकाश और ऊष्मा में होता है। घरों में प्रयोग किए जाने वाले बल्ब विभिन्न सामर्थ्य के होते हैं। उन पर उनकी सामर्थ्य तथा विभवान्तर लिखे होते है। ये सामान्यत: 220 वोल्ट विभवान्तर पर कार्य करते हैं।

ये 15 वाट से 500 वाट सामर्थ्य तक के होते हैं। यदि किसी बल्ब पर 40 वाट 220 वोल्ट लिखा हो, तो इसका ५ अर्थ यह होगा कि 220 वोल्ट मेन्स में लगाने पर इसमें प्रति घण्टा 40 वाट-घण्टा ऊर्जा व्यय होगी। बल्ब में निष्क्रिय गैसों का भरना. साधारण कोटि के तथा कम सामर्थ्य के बल्बों के भीतर निर्वात होता है, परन्तु ऊँची सामर्थ्य के बल्बों में निष्क्रिय गैसें (जैसे नाइट्रोजन एवं ऑर्गन) भर देने से तन्तु का ऑक्सीकरण नहीं हो पाता। इससे तन्तु का वाष्पीकरण नहीं होता तथा बल्ब की दक्षता व आयु बढ़ जाती है।

प्रश्न 9.
विद्यत परिपथ में व्यय सामर्थ्य से क्या अभिप्राय है? इसका मात्रक लिखिए। यदि परिपथ में v वोल्ट विभवान्तर पर। ऐम्पियर धारा प्रवाहित हो रही हो तो सामर्थ्य के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
या सिद्ध कीजिए कि किसी विद्युत बल्ब की सामर्थ्य उसके प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है। (2011, 12, 13, 16)
उत्तर:
विद्युत सामर्थ्य किसी विद्युत परिपथ में विद्युत ऊर्जा के व्यय होने की दर को विद्युत सामर्थ्य कहते हैं। (2016)
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यदि किसी परिपथ में t सेकण्ड में W जूल ऊर्जा व्यय हो तो परिपथ की विद्युत सामर्थ्य
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सामर्थ्य के मात्रक जूल/सेकण्ड को वाट भी कहते हैं।
∴ P = Wt वाट

यदि परिपथ में V वोल्ट के विभवान्तर पर । ऐम्पियर धारा, t सेकण्ड तक प्रवाहित हो, तब व्यय ऊर्जा W = Vit जूल
∴ परिपथ की सामर्थ्य P = Wt = Vitt = Vi वाट
यदि परिपथ का विद्युत प्रतिरोध R ओम है, तब V = iR से
सामर्थ्य P = i2 R वाट
पुन: चूंकि i = VR
∴ सामर्थ्य P = V2R वाट
∴ P = V2R
P ∝ 1R (यदि v स्थिर रहे)
अतः स्पष्ट है कि निश्चित विभवान्तर लगाने पर बल्ब की विद्युत सामर्थ्य बल्ब के प्रतिरोध की व्युत्क्रमानुपाती होती है।

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प्रश्न 10.
एक बर्तन में 100 ग्राम जल 10°C पर रखा है, इसमें 42 ओम प्रतिरोध का एक तार जल में डालकर 2.0 ऐम्पियर की धारा 5 मिनट तक प्रवाहित की जाती है। यदि बर्तन की ऊष्माधारिता 50 कैलोरी /°C हो, तो जल में ताप-वृद्धि का मान बनाइए। (2014)
हल:
उत्पन्न ऊष्मा H = i2Rt जूल = i2Rt4.2 कैलोरी
यहाँ i = 2.0 ऐम्पियर, R = 42 ओम,
t = 5 मिनट = 5 x 60 सेकण्ड = 300 सेकण्ड
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माना इस ऊष्मा द्वारा बर्तन तथा जल के ताप में Δr°C की वृद्धि होती है।
बर्तन द्वारा ली गयी ऊष्मा = ऊष्माधारिता x ताप-वृद्धि
= 50 x Ar = 50 Δt कैलोरी
जल द्वारा ली गयी ऊष्मा = ms Ar
= 100 x 1 x Δt = 100 Δt कैलोरी
कुल ली गयी ऊष्मा = 50 At + 100 Δt = 150 Δt
150 Δt = 12,000
Δt = 12,000150 = 80°C

प्रश्न 11.
एक घर में 50 W की 2 ट्यूबलाइट, 50 W के 2 पंखे, 200 w का एक फ्रिज तथा 1 kw का एक हीटर समय-समय पर प्रयुक्त होता है। यदि घर को विद्युत आपूर्ति 250 V पर की जा रही हो तो मीटर से ली जाने वाली अधिकतम धारा की गणना कीजिए जिससे उपयुक्त रेटिंग का फ्यूज परिपथ में लगाया जा सके। आवश्यक परिपथ बनाकर इनके संयोजन को भी दिखाइए। ‘2012, 18)
हल:
प्रश्नानुसार, P =(2 x 50 + 2 x 50 + 1 x 200 + 1000) W =1400 वाट
V = 250 वोल्ट, i = ?
परिपथ में अधिकतम धारा बहेगी यदि सभी उपकरण एक साथ चलेंगे।
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P = Vi से
i = PV = 1400250 = 5.6 ऐम्पियर

प्रश्न 12.
एक घर में 220 वोल्ट, 40 वाट के 5 बल्ब लगे हैं। बल्ब 30 दिन तक 5 घण्टे प्रतिदिन की दर से जलते हैं। यदि वैद्युत ऊर्जा का मूल्य ₹ 4 प्रति यूनिट हो तो ज्ञात कीजिए –
(i) बल्बों के संयोग का तुल्य प्रतिरोध
(ii) व्यय वैद्युत यूनिटों की संख्या
(iii) व्यय वैद्युत ऊर्जा का मूल्य (2017)
हल:
(i) दिया है V = 220 वोल्ट, एक बल्ब की सामर्थ्य P = 40 वाट
बल्ब का प्रतिरोध R = V2P = 220×22040 = 1210 ओम
∴ बल्ब समान्तर क्रम में लगे हैं, अत: 1210 ओम प्रतिरोध में 5 बल्ब समान्तर क्रम में लगे हैं। यदि इनका तुल्य प्रतिरोध R’ है, तो होता
1P = 1R + 1R + 1R + 1R + 1R = 5R
∴ R’ = R5 = 12105 = 242 ओम
(ii) व्यय वैद्युत यूनिटो की संख्या =
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(iii) वैद्युत ऊर्जा का मूल्य = 30 x 4 = ₹ 120

प्रश्न 13.
आपके घर में 10 वाट के पाँच एलईडी बल्ब, 100 वाट का एक तन्तु बल्ब, 50 वाट के चार पंखे एवं 1.5 किलोवाट का एक एयर-कण्डीशनर लगा है। यदि बल्ब प्रतिदिन 5 घण्टे तथा पंखे एवं एयर-कण्डीशनर 20 घण्टे प्रयोग किये जा रहे हैं तो एक महीने (30 दिन) में ₹ 5 प्रति यूनिट की दर से विद्युत ऊर्जा का व्यय ज्ञात कीजिए। (2013, 15, 17)
हल:
व्यय विद्युत ऊर्जा (किलोवाट-घण्टा में)
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1000 कुल व्यय = 5 x 1042.5 = ₹ 5212.50

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प्रश्न 14.
1000 वाट सामर्थ्य वाले एक विद्युत हीटर को 250 वोल्ट के विद्युत मेन्स से जोड़ा जाता है। गणना कीजिए –
(i) हीटर से प्रवाहित धारा
(ii) हीटर के तार का प्रतिरोध
(iii) हीटर से प्रति मिनट उत्पन्न ऊष्मीय ऊर्जा
(iv) हीटर को 2 घण्टे उपयोग में लाने से किलो-वाट घण्टा में ऊर्जा व्यय (2016)
हल:
प्रश्नानुसार हीटर की सामर्थ्य P = 1000 वाट
विभवान्तर V = 250 वोल्ट
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(iii) हीटर से प्रति मिनट उत्पन्न ऊष्मा = i2Rt जूल
= (4)2 x 62.5 x 1 x 60
= 6.0 x 104 जूल
6.0×1044.2 कैलोरी
= 1.43 x 104

(iv) व्यय विद्युत ऊर्जा (किलोवाट-घण्टे में)
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= 2 किलोवाट-घण्टे

प्रश्न 15.
220 वोल्ट व 10 ऐम्पियर धारा वाले विद्युत मोटर द्वारा आधे घण्टे में 40 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक पानी की टंकी में कितना पानी चढ़ाया जा सकता है? मोटर की कार्य दक्षता 80% है। पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण g = 10 मी/से है। (2014, 15, 17)
हल:
प्रश्नानुसार, V = 220 वोल्ट i= 10 ऐम्पियर,
t = 30 मिनट = 30 x 60 = 1800 सेकण्ड
∴ मोटर द्वारा 30 मिनट में ली गयी ऊष्मा = Vit
= 220 x 10 x 1800
= 3.96 x 106 जूल
∴ मोटर द्वारा दी गयी ऊर्जा = 3.96 x 106 x 80100.
= 3. 17 x 106 = m x 10 x 40
∴ m = 3.17×10610×40 (∴ g = 10 मी / से)
=7.925 x 103 किग्रा
अत: 7.925 x 103 किग्रा पानी ऊपर चढ़ाया जा सकता है।

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