अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रासायनिक संघटन किसे कहते हैं?
उत्तर:
दो या दो से अधिक परमाणुओं अथवा अणुओं का संयोग जिससे रासायनिक यौगिक बनता है, उस यौगिक का रासायनिक संघटन कहलाता है।
प्रश्न 2.
अभिकारक तथा उत्पाद को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जो पदार्थ रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं, अभिकारक कहलाते हैं तथा इन अभिक्रियाओं में उत्पन्न होने वाले नए पदार्थ उत्पाद कहलाते हैं।
प्रश्न 3.
रासायनिक समीकरण में अभिकारक तथा उत्पाद किस प्रकार लिखे जाते हैं?
उत्तर:
रासायनिक समीकरण में अभिकारक बाईं ओर लिखे जाते हैं। एक से अधिक अभिकारक होने पर इनके मध्य ‘+’ का चिह्न लगाया जाता है। उत्पादों को समीकरण के दाईं ओर लिखा जाता है तथा इनके मध्य भी ‘+’ का चिह्न लगा दिया जाता है। अभिकारकों तथा उत्पादों के मध्य एक तीर लगाया जाता है जिसकी दशा उत्पादों की ओर होती है। यह तीर अभिक्रिया की दिशा का बोध कराता है।
उदाहरणार्थ:
प्रश्न 4.
असन्तुलित समीकरण क्या है?
उत्तर:
एक असन्तुलित समीकरण में अभिकारकों तथा उत्पादों के तत्वों में से एक या एक से अधिक तत्वों के परमाणुओं की संख्या असमान होती है।
प्रश्न 5.
सन्तुलित रासायनिक समीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारक तथा प्राप्त उत्पादों में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान होने पर समीकरण सन्तुलित रासायनिक समीकरण कहलाती है।
प्रश्न 6.
विद्युत वियोजन क्या होता है?
उत्तर:
जब किसी पदार्थ का विद्युत धारा प्रवाहित करने पर अपघटन हो जाता है तो यह प्रक्रम विद्युत वियोजन कहलाता है।
प्रश्न 7.
उपचयन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह अभिक्रिया जिसमें एक रासायनिक स्पीशीज इलेक्ट्रॉनों का ह्रास करती है, उपचयन कहलाती है।
प्रश्न 8.
अपचयन क्या है?
उत्तर:
वह अभिक्रिया जिसमें एक रासायनिक स्पीशीज इलेक्ट्रॉन प्राप्त करती है, अपचयन कहलाती है।
प्रश्न 9.
उपचायक किसे कहते हैं?
उत्तर:
अभिक्रिया में वह पदार्थ जो अन्य पदार्थ को उपचयित कर देता है, उपचायक कहलाता है।
प्रश्न 10.
अपचायक किसे कहते हैं?
उत्तर:
अभिक्रिया में वह पदार्थ जो अन्य पदार्थ को अपचयित करता है, अपचायक कहलाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए –
(i) जिंक धातु जलीय हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर जिंक क्लोराइड का विलयन तथा हाइड्रोजन गैस बनाती है।।
(ii) जब ठोस मरकरी (II) ऑक्साइड को गर्म करते हैं, तब द्रव मरकरी तथा ऑक्सीजन गैस उत्पन्न होती हैं।
उत्तर:
प्रश्न 2.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए
1. सल्फ्यूरिक अम्ल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन परस्पर अभिक्रिया करके जलीय सोडियम सल्फेट और जल बनाते हैं।
2. फॉस्फोरस क्लोरीन गैस में जलकर फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइड निर्मित करता है।
उत्तर:
प्रश्न 3.
निम्नलिखित समीकरणों को सन्तुलित कीजिए –
- Ba(OH)2 (aq) + HBr(aq) → BaBr2(aq) + H2O(l)
- KCN(aq)+ H2SO4(aq) + K2SO4(aq)+ HCN(g)
- Al(s) + HCl(aq) → AICl3(aq) + H2(g)
- 4CH4(g)+ O2(g) → CO2(g)+ H2O(l)
उत्तर:
प्रश्न 4.
(a) क्या होता है जब सोडियम सल्फेट विलयन को बेरियम क्लोराइड विलयन में मिलाया जाता है?
(b) उपर्युक्त अभिक्रिया की सन्तुलित समीकरण लिखिए। (2010)
उत्तर:
(a) जब सोडियम सल्फेट विलयन को बेरियम क्लोराइड विलयन में मिलाया जाता है तो Baso, का सफेद अवक्षेप बनता है। सोडियम क्लोराइड अन्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है जो विलयन में शेष रह जाता है।
प्रश्न 5.
संयोजन और वियोजन अभिक्रियाओं में क्या अन्तर है? प्रत्येक अभिक्रिया का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
संयोजन तथा वियोजन अभिक्रियाओं में अन्तर –
प्रश्न 6.
ऊष्मीय वियोजन तथा आयनिक वियोजन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मीय वियोजन तथा आयनिक वियोजन में अन्तर –
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रासायनिक समीकरण क्या है? इससे क्या-क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर:
रासायनिक समीकरण जिस प्रकार प्रतीक किसी तत्व के एक परमाणु और सूत्र पदार्थ के एक अणु को व्यक्त करता है, उसी प्रकार रासायनिक समीकरण से वास्तविक रासायनिक अभिक्रिया व्यक्त होती है। किसी रासायनिक अभिक्रिया में भिन्न-भिन्न अणु भाग लेते हैं और उनमें उपस्थित परमाणुओं अथवा मूलकों की अदला-बदली के पश्चात् नए प्रकार के अणु बनते हैं। इन सब अणुओं को सूत्रों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।
उदाहरणार्थ:
सोडियम क्लोराइड और सिल्वर नाइट्रेट की अभिक्रिया को सूत्रों की सहायता से निम्नलिखित प्रकार से निरूपित किया जा सकता है –
यहाँ पर AgNO3 और NaCl अभिकारक तथा AgCl और NaNO3 परिणामी अथवा उत्पाद हैं। रासायनिक अभिक्रिया को इस प्रकार निरूपित करने को रासायनिक समीकरण (chemical equation) कहते हैं। इस प्रकार “किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों तथा अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले उत्पादों या परिणामी पदार्थों को प्रतीकों तथा सूत्रों द्वारा निरूपित करने को रासायनिक समीकरण कहते हैं।” कैल्सियम कार्बोनेट पर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से कैल्सियम क्लोराइड और जल बनते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। इस अभिक्रिया के लिखने का स्वरूप अर्थात् रासायनिक समीकरण निम्नवत् है।
CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + H2O + CO2
रासायनिक समीकरण से निम्नलिखित तथ्यों की जानकारी प्राप्त होती है
- रासायनिक समीकरण से, रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
- रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न उत्पादों का ज्ञान हो जाता है।
- रासायनिक समीकरण में अभिकारकों तथा उत्पादों के परमाणुओं तथा अणुओं की संख्या का बोध होता है। दूसरे शब्दों में, उनकी मोल संख्या का बोध होता है; क्योंकि किसी पदार्थ के प्रतीक या सूत्र से उस पदार्थ के एक मोल का बोध होता है।
- रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों तथा उत्पादों की मोल संख्या ज्ञात होने पर उनके द्रव्यमान की जानकारी प्राप्त होती है।
- रासायनिक अभिक्रिया में यदि कोई अभिकारक या उत्पाद गैसीय अवस्था में है तो उसके आयतन की जानकारी प्राप्त होती है। क्योंकि किसी गैस के एक ग्राम अणुभार का आयतन मानक ताप तथा दाब पर 22.4 लीटर होता है; अत: गैसीय पदार्थों के अणुओं की संख्या को 22.4 लीटर से गुणा करके उसका आयतन ज्ञात कर लेते हैं।
- रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों का कुल द्रव्यमान, उत्पादों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है। इससे द्रव्यमान संरक्षण के नियम (पदार्थों के अविनाशिता के नियम) की पुष्टि होती है।
प्रश्न 2.
रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
रासायनिक अभिक्रिया जब एक या एक-से-अधिक पदार्थ परस्पर अभिक्रिया करके नए पदार्थ बनाते हैं तो ऐसी अभिक्रिया को ‘रासायनिक अभिक्रिया’ कहते हैं।
उदाहरणार्थ:
मैग्नीशियम जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करता है तो मैग्नीशियम क्लोराइड व हाइड्रोजन गैस बनती है। इस अभिक्रिया को निम्नलिखित समीकरण से प्रदर्शित करते हैं –
इस अभिक्रिया में, मैग्नीशियम तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को अभिकारक (reactants) तथा मैग्नीशियम क्लोराइड व हाइड्रोजन को परिणामी या उत्पाद (resultants or product) कहते हैं। इस सम्पूर्ण क्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं। रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों (अभिकारकों) तथा बनने वाले पदार्थों (उत्पादों) को रासायनिक सूत्रों द्वारा समीकरण के रूप में दर्शाने को अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण कहते हैं।
रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार:
मुख्य रूप से रासायनिक अभिक्रिया निम्नलिखित प्रकार की होती है –
1. संयोजन अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें दो या दो-से-अधिक प्रकार के पदार्थों के अणु परस्पर जुड़कर केवल एक ही प्रकार के पदार्थ के अणु बनाते हैं। उदाहरणार्थ:
(i) सोडियम (Na) धातु, क्लोरीन (Cl) में जलकर सोडियम क्लोराइड (NaCl) बनाती है –
(ii) कार्बन मोनोक्साइड (CO) तथा क्लोरीन (Cl2) की क्रिया से कार्बोनिल क्लोराइड (COCl2) बनता है –
(iii) मैग्नीशियम (Mg), वायु अथवा ऑक्सीजन में जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड (Mgo) बनाता है –
मैग्नीशियम ऑक्सीजन मैग्नीशियम ऑक्साइड संयोजन अभिक्रियाओं में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन; जैसे-ऐल्कीन अथवा ऐल्काइन अणु का किसी परमाणु अथवा परमाणु समूह से योग होता है तथा असंतृप्त अणु का कोई भाग अणु से पृथक् नहीं होता है। एथिलीन (C2H4) तथा ऐसीटिलीन (C2 H2) हैलोजेन, हाइड्रोजन, सल्फ्यूरिक अम्ल, हाइड्रोजन सायनाइड, ऐल्कोहॉल आदि से संयोजन अभिक्रियाएँ करते हैं।
इनमें असंतृप्त यौगिक असंतृप्तता कम करके संतृप्त यौगिकों में परिवर्तित हो जाता है।
2. वियोजन अभिक्रिया वियोजन अभिक्रिया वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें कोई यौगिक
अपने अवयवी तत्वों अथवा छोटे-छोटे सरल यौगिकों में वियोजित हो जाता है। यह अभिक्रिया ऊष्मा, प्रकाश अथवा विद्युत द्वारा सम्पन्न होती है। वियोजन अभिक्रिया निम्नलिखित दो प्रकार की होती है
(a) ऊष्मीय-वियोजन (Thermal decomposition) “जब किसी पदार्थ के वियोजन की अभिक्रिया ऊष्मा देने पर होती है तो उसे ऊष्मीय वियोजन कहते हैं।”
उदाहरणार्थ:
(i) पोटैशियम क्लोरेट का वियोजन पोटैशियम क्लोरेट (KClO) को गर्म करने पर यह पोटैशियम क्लोराइड (KCI) तथा ऑक्सीजन में वियोजित होता है –
(ii) कैल्सियम कार्बोनेट का वियोजन कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर यह कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड में वियोजित होता है –
(iii) फेरस सल्फेट का वियोजन फेरस सल्फेट को गर्म करने पर यह फेरिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड तथा सल्फर ट्राइऑक्साइड में वियोजित होता है –
(iv) मरकरी ऑक्साइड का वियोजन मरकरी ऑक्साइड को गर्म करने पर यह मरकरी तथा ऑक्सीजन में वियोजित होता है –
(b) विद्युत वियोजन (Electrolysis or electrolytic decomposition) “जिस रासायनिक अभिक्रिया में यौगिक (गलित अवस्था में या जलीय विलयन में) का विद्युत प्रवाहित करने पर वियोजन होता है, उसे विद्युत वियोजन कहते हैं।’
उदाहरणार्थ:
(i) सोडियम क्लोराइड का विद्युत-वियोजन गलित सोडियम क्लोराइड में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह सोडियम तथा क्लोरीन में वियोजित हो जाता है
(ii) जल का विद्युत-वियोजन जब अम्लीय जल में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो जल हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन में वियोजित हो जाता है।
(iii) ऐलुमिनियम ऑक्साइड का विद्युत-वियोजन गलित ऐलुमिनियम ऑक्साइड में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह ऐलुमिनियम तथा ऑक्सीजन में वियोजित हो जाता है –
3. विस्थापन या प्रतिस्थापन अभिक्रिया विस्थापन वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा समूह (मूलक) के स्थान पर कोई दूसरा परमाणु अथवा समूह (मूलक) आ जाता है।
उदाहरणार्थ:
(i) लोहा (Fe), कॉपर सल्फेट (CuSO4) विलयन में से कॉपर को विस्थापित करके स्वयं आ जाता है। फलस्वरूप, फेरस सल्फेट तथा कॉपर (Cu) बनते हैं।
(ii) मैग्नीशियम (Mg), क्यूप्रिक क्लोराइड के विलयन से कॉपर को विस्थापित करके स्वयं उसका स्थान ले लेता है तथा कॉपर और मैग्नीशियम क्लोराइड बनते हैं।
(iii) जब जिंक (Zn), सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ क्रिया करता है तो सल्फ्यूरिक अम्ल की हाइड्रोजन को विस्थापित करके उसका स्थान स्वयं ले लेता है। इसके फलस्वरूप, जिंक सल्फेट बनता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है –
(iv) साधारण अवस्था में ओलीफिन (olefins) विस्थापन अभिक्रिया नहीं देते हैं किन्तु उच्च ताप पर इनमें भी प्रतिस्थापन हो जाता है; जैसे-एथिलीन को क्लोरीन के साथ 450-650°C ताप पर गर्म करने से एथिलीन का एक हाइड्रोजन परमाणु क्लोरीन के परमाणु द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है –
4. उभय-प्रतिस्थापन या द्वि-विस्थापन अभिक्रिया:
जिस रासायनिक अभिक्रिया में यौगिकों के आयनों अथवा घटकों की अदला-बदली (विनिमय) हो जाती है तथा नए यौगिक बनते हैं, वह उभय-प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती है। यह अभिक्रिया यौगिकों के विलयनों के मध्य होती है।
उदाहरणार्थ:
(i) जब बेरियम क्लोराइड के विलयन में सोडियम सल्फेट का विलयन मिलाते हैं तो बेरियम सल्फेट व सोडियम क्लोराइड बन जाते हैं –
(ii) जब कॉपर सल्फेट के विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन मिलाते हैं तो कॉपर हाइड्रॉक्साइड व सोडियम सल्फेट बन जाते हैं Cuso. + 2NaOH
(iii) जब फेरिक क्लोराइड के विलयन में अमोनियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन मिलाते हैं –
(iv) जब सिल्वर नाइट्रेट के विलयन में सोडियम क्लोराइड का विलयन मिलाते हैं तो सिल्वर क्लोराइड व सोडियम नाइट्रेट बन जाते हैं –
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में पहचान कीजिए कि किस पदार्थ का उपचयन (ऑक्सीकरण) और किस पदार्थ का अपचयन होता है? पदार्थ के उपचयन और अपचयन की आयनिक अभिक्रियाएँ लिखिए –
- H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g)
- H2(g) + Cuo(s) → Cu(s) + H2O(l)
- 2H2S(g) + SO2(g) → 3S(s)+2H2O(l)
- Zn(s) + 2AgNO3(aq) → Zn(NO3)2(aq) + 2Ag(s)
- 2Al(s)+6HCl(aq) → 2AICI3(aq) + 3H2(g)
उत्तर:
1. H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g)
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन का उपचयन (ऑक्सीकरण) होता है और क्लोरीन का अपचयन होता है।
आयनिक अभिक्रिया –
2. H2(g) + Cu0(s) → Cu(s) + H2O(l)
इस अभिक्रिया में H2 उपचयित होती है और Cu0 अपचयित होता है।
आयनिक अभिक्रिया –
3. 2H2S(g)+ SO2(g) → 3S(s) + 2H2O(l)
इस अभिक्रिया में H2S उपचयित होता है और SO2 अपचयित होती है।
आयनिक अभिक्रिया –
4. Zn(s) + 2AgNO3(aq) → Zn(NO3)2(aq) + 2Ag(s)
इस अभिक्रिया में AgNO का अपचयन होता है तथा जिंक उपचयित होता है।
आयनिक अभिक्रिया –
5. 2Al(s) + 6HCl(aq) → 2ACl3(aq) + 3H2(g)
इस अभिक्रिया में ऐलुमिनियम उपचयित होता है तथा हाइड्रोजन अपचयित होती है।
आयनिक अभिक्रिया –
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