Bihar Board Class 10 Science धातु एवं अधातु InText Questions and Answers
अनुच्छेद 3.1 पर आधारित
प्रश्न 1.
ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो –
- कमरे के ताप पर द्रव होती है।
- चाकू से आसानी से काटी जा सकती है।
- ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
- ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर:
- पारा (मरकरी)
- सोडियम
- चाँदी (सिल्वर)
- सीसा (लेड)
प्रश्न 2.
आघातवर्ध्यता तथा तन्यता का अर्थ बताइए।
उत्तर:
आघातवर्ध्यता धातुओं को पीटकर पतली चादर बनाने के गुणधर्म को आघातवर्ध्यता कहते तन्यता धातुओं के पतले तार के रूप में खींचने की क्षमता को तन्यता कहते हैं।
अनुच्छेद 3.2 पर आधारित
प्रश्न 1.
सोडियम को केरोसिन में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर:
सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है। यह कमरे के सामान्य ताप पर भी वायु की ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके जलने लगता है। इसलिए इसे केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है।
प्रश्न 2.
इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए –
1. भाप के साथ आयरन।
2. जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर:
1. 3Fe(s) + 4H4O(g) → Fe3O4(s) + 4H2 (g)
2. (a) Ca(s) + 2H2O(D) → Ca(OH)2(aq) + H2 (g)
(b) 2K(s) + 2H2O(l) → 2KOH(aq) + H2 (g) + ऊष्मा
प्रश्न 3.
A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है –
इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के संबंध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
- सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है?
- धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
- धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
1. धातु ‘A’ Cu को विस्थापित कर सकती है, धातु ‘B’ Fe को विस्थापित कर सकती है तथा धातु ‘C’ Ag को विस्थापित कर सकती है। Cu, Fe तथा Ag को उनकी अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में निम्नवत् व्यक्त किया जा सकता है –
Fe > Cu > Ag
अतः धातु ‘B’ सर्वाधिक अभिक्रियाशील है।
2. चूँकि धातु ‘B’ कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है, अत: यह कॉपर (II) सल्फ़ेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देगी। अतः कॉपर सल्फेट का गहरा नीला रंग हल्का हो जायेगा।
3. धातु ‘B’ Fe को विस्थापित कर सकती है, धातु ‘A’ Cu को विस्थापित कर सकती है, धातु धातु B Fe ‘C’ Ag को विस्थापित कर सकती है तथा धातु ‘D’ किसी को भी विस्थापित नहीं कर सकती है; अतः इन्की अभिक्रियाशीलता का घटता क्रम निम्नवत् होगा
B> A>C>D
प्रश्न 4.
जब अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस निकलती है? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जब अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो हाइड्रोजन गैस निकलती है। आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण निम्नवत् है –
Fe (s) + dil. H2SO4 → FeSO4(aq) + H2 (g)
प्रश्न 5.
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से जिंक, आयरन को आयरन (II) सल्फेट विलयन में से विस्थापित कर देता है तथा आयरन (II) सल्फेट विलयन का गहरा हरा रंग हल्का हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिंक आयरन से अधिक अभिक्रियाशील है।
Zn(s) + FeSO4(aq) → ZnSO4 (aq) + Fe(s)
अनुच्छेद 3.3 पर आधारित
प्रश्न 1.
- सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखिए।
- इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na,o एवं Mgo का निर्माण दर्शाइए।
- इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं?
उत्तर:
1. (a) सोडियम (Na) = 11
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 1
(b) ऑक्सीजन (O) =8
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 6
(c) मैग्नीशियम (Mg) = 12
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 2
2. (a) Na2O का निर्माण
(b) Mgo का निर्माण
3. Nano में Na+और O– आयन उपस्थित हैं तथा Mgo में Mg+ और O– आयन उपस्थित हैं।
प्रश्न 2.
आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर:
आयनिक यौगिकों के गलनांक बहुत उच्च होते हैं; क्योंकि इनके मध्य उपस्थित अन्तराअणुक आकर्षण बल को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं।
अनुच्छेद 3.4 पर आधारित
प्रश्न 1.
निम्न पदों की परिभाषा दीजिए –
- खनिज
- अयस्क
- गैंग
उत्तर:
- खनिज पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले तत्त्वों या यौगिकों को खनिज कहते हैं।
- अयस्क कुछ स्थानों पर खनिजों में कोई विशेष धातु काफी मात्रा में होती है जिसे निकालना लाभकारी होता है। इन खनिजों को अयस्क कहते हैं।
- गैंग पृथ्वी से खनित अयस्कों में मिट्टी, रेत आदि जैसी कई अशुद्धियाँ होती हैं, जिन्हें गैंग कहते हैं।
प्रश्न 2.
दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर:
सोना और चाँदी धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में पायी जाती हैं।
प्रश्न 3.
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए अपचयन प्रक्रम का उपयोग किया जाता है।
अनुच्छेद 3.5 पर आधारित
प्रश्न 1.
जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया जिंक मैग्नीशियम कॉपर जिंक ऑक्साइड मैग्नीशियम ऑक्साइड धातुकॉपर ऑक्साइड किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी?
उत्तर:
विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी जब –
- जिंक ऑक्साइड मैग्नीशियम से अभिक्रिया करेगा। चूँकि मैग्नीशियम जिंक से अधिक अभिक्रियाशील है इसलिए यह जिंक को जिंक ऑक्साइड से विस्थापित करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनायेगा।
- कॉपर ऑक्साइड जिंक से अभिक्रिया करेगा। चूँकि जिंक कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है इसलिए यह कॉपर को कॉपर ऑक्साइड से विस्थापित करके जिंक ऑक्साइड बनायेगा।
- कॉपर ऑक्साइड मैग्नीशियम से अभिक्रिया करेगा। चूँकि मैग्नीशियम कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है इसलिए यह कॉपर को कॉपर ऑक्साइड से विस्थापित करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनायेगा।
प्रश्न 2.
कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर:
वे धातुएँ जो सक्रियता श्रेणी में सबसे नीचे स्थित हैं; जैसे – सोना, चाँदी आदि, आसानी से संक्षारित नहीं होती हैं।
प्रश्न 3.
मिश्रा क्या होते हैं? (2018)
उत्तर:
दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रातु कहते हैं।
उदाहरणार्थ:
पीतल, ताँबा एवं जस्ते की मिश्रातु है।
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