Bihar Board Class 10 Political Science सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

I. सही विकल्प चुनें:

सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली Bihar Board Class 10 प्रश्न 1.
संघ राज्य की विशेषता नहीं है
(क) लिखित संविधान
(ख) शक्तियों का विभाजन
(ग) इकहरी शासन-व्यवस्था
(घ) सर्वोच्च न्यायपालिका
उत्तर-
(ग) इकहरी शासन-व्यवस्था

सत्ता की साझेदारी प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10  प्रश्न 2.
संघ सरकार का उदाहरण है
(क) अमेरिका
(ख) चीन
(ग) ब्रिटेन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क) अमेरिका

सत्ता की साझेदारी प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 3.
भारत में संघ एवं राज्यों के बीच अधिकारों का विभाजन कितनी सूचियों में हुआ है।
(क) संघीय सूची, राज्य सूची
(ख) संघीय सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची
उत्तर-
(ख) संघीय सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची

II. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?

सत्ता का क्षैतिज वितरण क्या है Class 10 Bihar Board प्रश्न 1.
सत्ता में साझेदारी सही है क्योंकि
(क) यह विविधता को अपने में समेट लेती है
(ख) देश की एकता को कमजोर करती है
(ग) फैसले की एकता को कमजोर करती है।
(घ) फैसले लेने में देरी कराती है।
उत्तर-
(क) यह विविधता को अपने में समेट लेती है

सत्ता की साझेदारी के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 2.
संघवाद लोकतंत्र के अनुकूल है।
(क) संघीय व्यवस्था केन्द्र सरकार की शक्ति को सीमित करती है।
(ख) संघवाद इस बात की व्यवस्था करता है कि उस शासन-व्यवस्था के अन्तर्गत रहनेवाले लोगों में आपसी सौहार्द्र एवं विश्वास रहेगा। उन्हें इस बात का भय नहीं रहेगा कि एक की भाषा, संस्कृति और धर्म दूसरे पर लाद दी जायेगी।
उत्तर
(ख) संघवाद इस बात की व्यवस्था करता है कि उस शासन-व्यवस्था के अन्तर्गत रहनेवाले लोगों में आपसी सौहार्द्र एवं विश्वास रहेगा। उन्हें इस बात का भय नहीं रहेगा कि एक की भाषा, संस्कृति और धर्म दूसरे पर लाद दी जायेगी।

III. नीचे स्थानीय स्वशासन से पक्ष में कुछ तर्क दये गये हैं, इन्हें आप वरीयता के क्रम से सजाएँ।

1.सरकार स्थानीय लोगों को शामिल कर अपनी योजनाएँ कम खर्च में पूरी कर सकती है?
2. स्थानीय लोग अपने इलाके की जरूरत, समस्याओं और प्राथमिकताओं को जानते हैं।
3. आम जनता के लिए अपने प्रदेश के अथवा राष्ट्रीय विधायिका के जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर पाना मुश्किल होता है।
4. स्थानीय जनता द्वारा बनायी योजना सरकारी अधिकारियों द्वारा बतायी योजना में ज्यादा स्वीकृत होती है।
उत्तर-
चरीय क्रम के अनुसार
(i) स्थानीय लोग अपने इलाके की जरूरत, समस्याओं और प्राथमिकताओं को जानते हैं।
(ii) स्थानीय शासन द्वारा बनायी योजना सरकारी अधिकारियों द्वारा बतायी योजना में ज्यादा स्वीकृत होती है।
(ii) सरकार स्थानीय लोगों को शामिल कर अपनी योजनाएँ कम खर्च में पूरी कर सकती है।
(iv) आम जनता के लिए अपने प्रदेश के अथवा राष्ट्रीय विधायिका के जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर पाना मुश्किल होता है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

सत्ता में साझेदारी सही है क्योंकि Bihar Board Class 10 प्रश्न 1.
संघ राज्य का अर्थ बताये।
उत्तर-
संघ राज्य में सर्वोच्च सत्ता केन्द्र सरकार और उसकी विभिन्न आनुसंगिक इकाइयों के बीच बँट जाती है। इसमें दोहरी सरकार होती है। एक केन्द्रीय स्तर की तथा दूसरी प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर की। केन्द्रीय स्तर की सरकार के अधिकार क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं तथा प्रांतीय क्षेत्रीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में स्थानीय महत्व के विषय होते हैं।

सत्ता की साझेदारी Pdf Bihar Board Class 10 प्रश्न 2.
संघीय शासन की दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर-
संघीय शासन की, दो विशेषतायें इस प्रकार हैं

  1. संघीय शासन-व्यवस्था में सर्वोच्च सत्ता केन्द्र सरकार और उसकी विभिन्न आनुसंगिक इकाइयों के बीच बँट जाती है।
  2. संघीय व्यवस्था में दोहरी सरकार होती है। एक केन्द्रीय स्तर की सरकार जिसके अधिकार क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं। दूसरे स्तर पर प्रांतीय या क्षेत्रीय सरकारें होती हैं जिनके अधिकार क्षेत्र में स्थानीय महत्व के विषय होते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सत्ता की साझेदारी से आप क्या समझते हैं
उत्तर-
सत्ता की साझेदारी का तात्पर्य ऐसी साझेदारी से है जिसके अनतर्गत सत्ता का बँटवारा केन्द्रीय तथा प्रांतीय स्तर पर होता है। आम तौर पर सत्ता के बँटवारे को संघवाद कहा जाता है जिसमें दोहरी शासन व्यवस्था पायी जाती है। राष्ट्रीय स्तर पर केन्द्रीय सरकार तथा प्रांतीय स्तर पर राज्य सरकार जो अपने कार्य और शक्ति का बंटवारा करती हैं। नीचे स्तर की सरकारों के बीच भी सत्ता का बँटवारा होता है जिसे हम स्थानीय स्वशासन के नाम से जानते हैं।

प्रश्न 2.
सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र में क्या महत्व रखती है ?
उत्तर-
लोकतंत्र एक ऐसी शासन-व्यवस्था है जो लोगों का, लोगों के लिए तथा लोगों द्वारा संचालित होती है। इसमें सत्ता का विकेन्द्रीरण होता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही एकमात्र ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें ताकत सभी के हाथों में होती है। सभी को राजनीतिक शक्तियों में हिस्सेदारी या साझेदारी करने की व्यवस्था की जाती है। ये अपने अन्दर के विभिन्न समूहों के बीच प्रतिद्वन्द्विताओं एवं सामाजिक विभाजनों को संभालने की प्रक्रिया विकसित कर लेती है जिससे – इन टकरावों के विस्फोटक रूप लेने की आशंका कम हो जाती है।

कोई भी समाज अपने में व्याप्त विविधताओं और विभिन्नताओं को स्थायी तौर पर खत्म नहीं कर सकता है, पर इन अन्तरों, विभेदों और विविधताओं का आदर करने के लिए उन्हें सत्ता में साझेदार बनाकर समाज में सहयोग, सामंजस्य एवं स्थायित्व का सृजन किया जा सकता है। इस कार्य के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं सबसे अच्छी होती हैं, क्योंकि आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के बहुत सारे प्रावधान किये जाते हैं।

प्रश्न 3.
सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं ?
उत्तर-
सत्ता की साझेदारी- लोकतंत्र में सरकार की सारी शक्ति किसी एक अंग में सीमित नहीं रहती है, बल्कि सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा होता है। यह बँटवारा सरकार के एक ही स्तर पर होता है। उदाहरण के लिए सरकार के तीनों अंगों विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका के बीच सत्ता का बंटवारा होता है और ये सभी अंग एक ही स्तर पर अपनी-अपनी शक्तियों का प्रयोग करके सत्ता में साझेदार बनते हैं। सत्ता के ऐसे बँटवारे से किसी एक अंग के पास सत्ता का जमाव एवं उसके दुरुपयोग की संभावना खत्म हो जाती है। साथ ही हरेक अंग एक-दूसरे पर नियंत्रण रखता है। इसे नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था भी कहते हैं। विश्व के बहुत सारे लोकतांत्रिक देशों जैसे–अमेरिका, भारत आदि में यह व्यवस्था अपनायी गयी है।

सरकार के एक स्तर पर सत्ता के ऐसे बँटवारे को हम सत्ता का क्षैतिज वितरण करते हैं। सत्ता में साझेदारी की दूसरी कार्य प्रणाली में सरकार के विभिन्न स्तरों पर सत्ता की बँटवारा होता है। सत्ता के ऐसे बँटवारे को हम सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण कहते हैं। इस तरह की व्यवस्था में पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार होती है। प्रांतीय और क्षेत्रीय स्तर पर अलग सरकारें होती हैं। दोनों के बीच सत्ता के स्पष्ट बंटवारे की व्यवस्था संविधान या लिखित दस्तावेज के द्वारा की जाती है। केन्द्रीय राज्य या क्षेत्रीय स्तर की सरकारों से नीचे की स्तर की सरकारों के बीच भी सत्ता का बँटवारा होता है। इसे हम स्थानीय स्वशासन के नाम से जानते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1.
राजनैतिक दल किस तरह से सत्ता में साझेदारी करते हैं?
उत्तर-
राजनीतिक दल सत्ता में साझेदारी का सबसे जीवंत स्वरूप है। राजनीतिक दल सत्ता के बँटवारे के वाहक से मोल-तोल करने वाले सशक्त माध्यम होते हैं। राजनीतिक दल लोगों का ऐसा संगठित समूह है जो चुनाव लड़ने और राजनैतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है। अतः, विभिन्न राजनीकतक दल सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा के रूप में काम करते हैं। उनकी आपसी प्रतिद्वंद्विता यह निश्चित करती है कि-सत्ता हमेशा किसी एक व्यक्ति या संगठित व्यक्ति समूह के हाथ में न रहे। राजनैतिक दलों के इतिहास पर गौर से अध्ययन करने पर पता चलता है कि सत्ता बारी-बारी से अलग-अलग विचारधाराओं और समूहों वाले राजनीतिक दलों के हाथ में आती-जाती रहती है।

प्रश्न 2.
गठबन्धन की सरकारों में सत्ता में साझेदार कौन-कौन होते हैं ?
उत्तर-
सत्ता की साझेदारी का प्रत्यख रूप तब भी दिखता है जब दो या दो से अधिक पार्टियाँ मिलकर चुनाव लड़ती हैं या सरकार का गठन करती हैं। इसतरह सत्ता की साझेदारी का सबसे अद्यतन रूप गठबन्धन की राजनीति या गठबन्धन की सरकारों में दिखता है, जबं विभिन्न विचारधाराओं, विभिन्न सामाजिक समूहों और विभिन्न क्षेत्रीय और स्थानीय हितों वाले राजनीतिक दल एक साथ एक समय में सरकार के एक स्तर पर सत्ता में साझेदारी करते हैं।

प्रश्न 3.
दबाव समूह किस तरह से सरकार को प्रभावित कर सत्ता में साझेदार बनते हैं?
उत्तर-
राजनीतिक दल के अलावा विभिन्न दबाव समूह सरकार की नीतियों और निर्णयों को बहुत हद तक प्रभावित करते हैं। दबाव समूह के संघर्ष एवं आन्दोलन में कई तरह के हित समूह शामिल होते हैं या यह भी हो सकता है कि वे कुछ हितों के बजाय सर्वमान्य हितों के लिए प्रयास करते हैं। ये समूह अप्रत्यक्ष रूप से सरकार की नीतियों को अपने पक्ष में करने के लिए कुछेक , हथकण्डे अपनाते हैं जिनमें धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन इत्यादि शामिल हैं। कभी-कभी यह भी देखने में आया है कि ये समूह संबंधित मंत्रीगण से सौदेबाजी करते हैं। ताकि सरकार की नीति और कार्यक्रम उन समूहों के अनुकूल हों। वास्तव में दबाव समूह सरकार को प्रभावित कर सत्ता मेंसाझेदार बनते हैं।

निम्नलिखित में से एक कथन का समर्थन करते हुए 50 शब्दों में उत्तर दें।

  • हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें । सामाजिक विभाजन नहीं हो।
  • सत्ता की साझेदारी की जरूरत क्षेत्रीय विभाजन वाले बड़े देशों में होती है।
  • सत्ता की साझेदारी की जरूरत क्षेत्रीय, भाषायी, जातीय आधार पर विभाजन वाले समाज में ही होती है।

उत्तर-
मैं उपर्युक्त प्रथम कथन से सहमत हूँ कि प्रत्येक समाज में किसी-न-किसी तरह से सत्ता की साझेदारी आवश्यक होती है चाहे वह छोटा हो या फिर उनमें किसी तरह का सामाजिक विभाजन न हो। ऐसा इसलिए कि यह लोकतंत्र का मौलिक सिद्धांत है कि लोग स्वशासन की संस्था द्वारा स्वयं के ऊपर शासन करते हैं चाहे समाज छोटा भी है या फिर इनके कोई विभाजन नहीं है। फिर भी इसकी अपनी एक इच्छा होती है। किसी भी संघर्ष अथवा राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए इस इच्छा को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की आवश्यकता होती है।