Bihar Board Class 10 History शहरीकरण एवं शहरी जीवन Subjective Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
प्राचीन इराक का सबसे प्रमख नगर कौन-सा था?
उत्तर-
उर प्राचीन इराक का सबसे प्रमुख नगर था।

प्रश्न 2.
1880 में दुर्गाचरण राय की प्रकाशित पुस्तक का क्या नाम था ?
उत्तर-
देबोगेरमत्ये आगमन।

प्रश्न 3.
इंगलैंड में संयमता आन्दोलन किसने चलाया ?
उत्तर-
इंगलैंड में संयमता आन्दोलन मध्यमवर्ग ने चलाया।

प्रश्न 4.
भारत में धुआँ निरोधक कानून सबसे पहले कहाँ और कब बनाया गया?
उत्तर-
भारत में धुआँ निरोधक कानून सबसे पहले कलकत्ता में 1863 में बनाया गया।

प्रश्न 5.
आधुनिक काल में शहरीकरण पर सबसे बड़ा प्रभाव किसका पड़ा है?
उत्तर-
आधुनिक शहरों के उदय को औद्योगिक पूँजीवाद के उदय ने गहरे रूप से प्रभावित किया है।

प्रश्न 6.
उन दो कानूनों के नाम लिखें जिनके द्वारा इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में काम करने से रोक दिया गया ?
उत्तर-
जिन दो कानूनों ने इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में नाम करने से रोक दिया था वे है-

  1. अनिवार्य ये प्राथमिक शिक्षा तथा
  2. 1902 का फैक्ट्री कानून।

प्रश्न 7.
शहरीकरण का पुरुषों और महिलाओं पर समान रूप से क्या प्रभाव पड़ा?
उत्सर-
शहरीकरण का पुरुषों और महिलाओं पर समान प्रभाव पड़ा। दोनों के व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिकारों और कार्यों पर बल दिया गया।

प्रश्न 8.
बंबई की चॉल किस प्रकार की इमारत थी? इनका निर्माण कबसे आरंभ हुआ?
उत्तर-
बंबई में बाहर से आए हुए मजदूरों के आवास के लिए ही बड़ी संख्या में चॉल बनवाए गए। चॉल बहुमंजिली इमारतें थी। इसका निर्माण 1860 के दशक से आरंभ हुआ था।

प्रश्न 9.
उन दो फिल्मों के नाम लिखे जिनमें बंबई के अंतर्विरोधी आयामों का उल्लेख किया गया है?
उत्तर-
सी.आई.डी. और गेस्ट हाउस।

प्रश्न 10.
शहरों की सबसे बड़ी समस्या क्या थी?
उत्तर-
शहरों की सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या एवं उनके पुर्नवास (आवास) की थी।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
8वीं शताब्दी के मध्य से लंदन की आबादी बढ़ने के क्या कारण थे?
उत्तर-
लंदन इंगलैंड का एक बड़ा नगर था। इंगलैंड की राजधानी होने के कारण इसकी आबादी लगातार बढ़ती गई। जहां 1750 तक इसकी आबादी 6 लाख थी वहीं 1890 तक लंदन की जनसंख्या 40 लाख हो गई। यद्यपि लंदन में कारखाने नहीं थे परंतु वहाँ रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध थे। इसलिए इंगलैंड के विभिन्न भागों से लोग वहाँ आकर बसने लगे। प्रथम विश्वयुद्ध तक लंदन में मोटर और बिजली के समान भी बड़े स्तर पर बनाए जाने लगे। इससे नए-नए कारखाने खुले। इससे भी लंदन की आबादी बढ़ती गयी।

प्रश्न 2.
19 वीं शताब्दी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?
उत्तर-
19वीं शताब्दी के मध्य से बंबई का विकास एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर के रूप में होने लगा था। यहाँ से अफीम और कपास का निर्यात किया जाता था। व्यापार के विकास के साथ-साथ यह प्रशासनिक रूप में पश्चिम भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय भी बन गया।
औद्योगीकरण का जब विकास हुआ तो बम्बई बड़े औद्योगिक केन्द्र के रूप में बदल गया। 1819 में आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठों की पराजय के बाद ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बम्बई को बम्बई प्रेसीडेंसी की राजधानी बनाई। इसके बाद बम्बई शहर का तेजी से विकास हुआ। व्यापारी, कारीगर, उद्योगपति, दुकानदार, श्रमिक बड़ी संख्या में यहाँ आकर बसने लगे। इससे बम्बई पश्चिमी भारत का सबसे प्रमुख नगर बन गया तथा इसकी आबादी में काफी वृद्धि हुई।

प्रश्न 3.
19 वीं 20 वीं शताब्दियों में लंदन में कामकाजी महिलाओं में किस प्रकार का बदलाव आया ? इसके क्या कारण थे?
उत्तर-
18वीं, 20वीं शताब्दी में जब इंगलैंड में कारखाने स्थापित होने लगे तब बड़ी संख्या में स्त्रियाँ भी इनमें काम करने लगी। लेकिन कुछ समय बाद तकनीक में परिवर्तन के कारण जब कुशल श्रमिकों की आवश्यकता हुई तो इन स्त्रियों को कारखानों से हटाया जाने लगा। कारखानों में काम बंद होने पर स्त्रियाँ घरेलु काम-धंधों में लग गई। कुछ स्त्रियाँ अपने घर ही रहकर कपड़े सिलने, ऊनी वस्त्र बुनने तथा कपड़ा धोने का काम करने लगी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जब पुरुष बड़ी संख्या में युद्ध में शामिल होने लगे तथा युद्धकालीन आवश्यक सामग्रियों की मांग बढ़ गई तो लंदन की कामकाजी महिलाओं में फिर से बदलाव आया। वे विभिन्न उद्योगों तथा दफ्तरों में काम करने लगी। इस प्रकार महिलाओं के आर्थिक क्रियाकलापों में महत्वपूर्ण बदलाव आया। औद्योगीकरण तथा प्रथम विश्वयुद्ध इस बदलाव के प्रमुख कारण थे।

प्रश्न 4.
19 वीं शताब्दी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत क्यों की?
उत्तर-
19 वीं शताब्दी में लंदन में गरीबों के आवास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण समस्या थी। कारखाने व्यवस्था ने लंदन नगर का स्वरूप परिवर्तित कर दिया। कारखानों में काम करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इंगलैंड के विभिन्न भागों से लंदन में आकर बसने लगे थे। परंतु उनके सामने मुख्य समस्या आवास की थी। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए धनी लंदन वासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत शुरू की। वैसे धनी लोग जिनके पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध की शहर में बाहर से आनेवाले गरीब लोगों के लिए टेनेमेंट्स बनाने लगे। ये कामचलाऊ और असुरक्षित अपार्टमेंट या मकान थे। ऐसे मकान शहर के गरीब इलाकों में बनवाए गए।

प्रश्न 5.
बम्बई की बहुतेरी फिल्में शहर में बाहर से आनेवालों की जिन्दगी पर क्यों आधृत होती थी?
उत्तर-
बंबई नगर भीड़-भाड़, गंदगी, गरीबी, सम्पन्नता के साथ-साथ सपनों का शहर भी था। यहाँ अनेक लोग सुनहरे सपने संजोए हुए आते थे। इनमें बहुतों के सपने पूरे होते थे तो अनेक निराश हो जाते थे। बंबई को लोग सपनों का शहर या ‘मायापुरी’ मानते थे। औद्योगिक और आर्थिक केन्द्र होने के अतिरिक्त बम्बई रूपहले दुनिया या फिल्म उद्योग का भी केन्द्र था। पिल्मी दुनिया से आकृष्ट होकर इस उद्योग में अपना भविष्य तलाशने एवं सँवारने प्रतिवर्ष हजारों लोग इस शहर में आते इसलिए बंबई में अधिकांश फिल्में शहर से आनेवालों की जिन्दगी और उनकी आशाओं और निराशा पर केन्द्रित कर बनाई जाती थी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
शहरीकरण से आप क्या समझते हैं ? शहरीकरण ने सहायक तत्वों का उल्लेख करें?
उत्तर-
शहरीकरण का इतिहास काफी पुराना है। मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ शहरों का भी उदय और विकास हुआ। सुमेर (मेसोपोटामिया), हड़प्पा (भारत-पाकिस्तान) रोम और यूनानी सभ्यताओं में अनेक नगर विकसित हुए। मध्यकालीन और आधुनिक काल में भी शहरीकरण की प्रक्रिया जारी रही। प्राचनी, मध्यकालीन और आधुनिक शहरों के स्वरूप में अंतर देखा जा सकता है। इन सभी शहरों की एक साझा विशेषता थी कि नगर गैर-कृषक उत्पादन व्यवसाय व्यापार के केन्द्र थे। शहरों की जीवन-शैली ग्रामों से भिन्न थी शहरों में नगरी जीवन एवं संस्कृति का विकास हुआ।

शहरीकरण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके अंतर्गत गाँव, छोटे कस्बे, शहर, नगर और महानगर में तब्दील हो जाते हैं। शहरों के उदय और विकास में अनेक कारणों का योगदान रहा है। इनमें आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक कारण प्रमुख हैं।

शहरीरकण के सहायक तत्व-आधुनिक शहरों के उदय में तीन तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये हैं-

  1. औद्योगिक पूँजीवाद का उदय
  2. उपनिवेशवाद का विकास तथा
  3. लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास। शहरीकरण ने आर्थिक व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला।

प्रश्न 2.
19 वीं सदी में इंगलैंड में मनोरंजन के कौन-से साधन थे ?
उत्तर-
19वीं सदी में इंगलैंड के शहरवासियों के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजन की व्यवस्था की गयी। मशीनी जीवन व्यतीत करने के साथ-साथ रविवार एवं छुट्टियों का दिन आराम और मनोरंजन में व्यतीत करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों ने अलग-अलग रास्ते ढूँढे। 18वीं सदी के अंतिम दशक से तीन-चार सौ घनी एवं संभ्रात परिवार के लोगों के मनोरंजन के लिए अपेक्ष, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। 19वीं सदी में । मनोरंजन का एक प्रमुख केन्द्र शराबखाना था। रेलवे का आरंभ होने के पूर्व शराबखानों में लोग घोड़ा गाड़ियों से आते थे। शराबखाने सामान्यतः घोड़ागाड़ियों के रास्ते में स्थापित किए गए। इनमें मुसाफिर आकार ठहरते थे और रात्रि विश्राम भी करते थे। ये मुगलकालीन भारत में प्रचलित सराय के समान थे। जब रेल और बस का उपयोग बढ़ा तो घोड़ागाड़ियों का व्यवहार कम हो गया। अब शराबखाने रेलवे स्टेशन और बस पड़ावों के निकट बनाए गए।

19वीं शताब्दी से लंदनवासियों को अपने इतिहास की जानकारी देने के लिए संग्रहालय एवं कला दीर्घाएँ सरकार द्वारा खोली गई। पुस्तकालय भी स्थापित किए गए जो एक ही साथ मनोरंजन एवं ज्ञान-वर्द्धन के केन्द्र बन गए। 1810 में संग्रहालयों में प्रवेश शुल्क समाप्त कर देने से दर्शकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। लाखों लोग इन संग्रहालयों में आने लगे। समाज के निम्न तबके । के लोग अपने मनोरंजन के लिए संगीत सभा का आयोजन करते थे।

प्रश्न 3.
लंदन में भूमिगत रेलवे का निर्माण क्यों किया गया ? इसकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर-
उमर लंदन शहर का जब विस्तार हुआ तब यह शहर इतना विशालकाय हो गया कि लोगों को अपने कार्यस्थल पर पैदल पहुंचना मुश्किल होने लगा। लंदन में बाहर से आनेवाले को भी यहाँ पहुँचना मुश्किल हो रहा था। इसलिए परिवहन के साधनों के विकास के अंतर्गत भूमिगत रेलवे के विकास की योजना बनाई गई। इसका सबसे बड़ा लाभ यह था कि लोग उपनगरीय बस्तियों से सुविधापूर्वक लंदन आकर अपना काम कर सकते थे। इसका दूसरा लाभ यह था कि भूमिगत रेलवे की सुविधा होने से लंदन पर आबादी का बोझ कम हो जाता। इसलिए 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में लंदन में भूमिगत रहा था विकास किया गया। लंदन में ही विश्व की पहली भूमिगत रेल बनी। इसका आरंभ 10 जनवरी 1863 को हुआ। यह रेल लाइन लंदन के पैडिंग्टन और फैरिंग्टन स्ट्रीट के बीच चलाई गई।

लेकिन भूमिगत रेलवे के विकास के साथ लोगों द्वारा इसकी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की गई। आरंभ में लोगों को भूमिगत रेल से यात्रा करना असुविधाजनक और भयभीत कर देनेवाला लगता था। अखबार में एक पाठक ने भूमिगत रेल में अपनी यात्रा का अनुभव करते हुए लिखा था कि भूमिगत रेलगाड़ियों को फौरन बंद कर देना चाहिए। ये स्वास्थ्य के लिए भयानक खतरा है। इसी तरह की निराशाजनक प्रतिक्रिया कुछ अन्य लोगों की भी थी। उनका कहना था कि “इन लौह दैत्यों ने शहर की अफरातफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल को और बढ़ा दिया है।” विख्यात अंग्रेजी उपन्यासकार चार्ल्स डिकेंस भी अपने उपन्यास ‘डॉम्बी एंडवसन’ में भूमिगत रेलवे द्वारा लाएगा विनाश का उल्लेख करते हैं। भूमिगत रेल निर्माण से गरीब तबकों पर बुरा असर पड़ा। अनुमानतः दो मील लम्बी लाइन बिछाने के लिए नौ सौ घर गरीबों के गिरा दिए जाते थे। इस प्रकार भूमिगत रेलवे के निर्माण द्वारा बड़ी संख्या में गरीबों की बस्तियाँ उजाड़ी जा रही थी।

प्रश्न 4.
शहरीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा? प्रदूषण को रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए?
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया का प्रतिकूल प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। शहरों में कल-कारखानों के खुलने, बेतरतीब भीड़, गाड़ियों और लोगों की लगातार आवाजाही, धूल और गंदगी से पर्यावरण प्रदूषित होता है। शहरों के विस्तार के क्रम में प्राकृतिक वातावरण को नष्ट कर दिया गया था। जंगल का काटना, पहाड़ियों को समतल करना तथा तटीय इलाकों को भूमि के रूप में परिवर्तित करना आदि से पर्यावरण प्रदूषित हुई। हवा पानी को गंदगी ने प्रदूषित कर दिया। शहरों की भीड़, शोर-शराबे ने वायु प्रदूषण को बढ़ाया।

लेकिन धीरे-धीरे नगर नियोजक इन समस्याओं की ओर ध्यान देने लगे। सरकार ने समय-समय पर शहरों के पर्यावरण में सुधार लाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास किए। शहर में गंदगी फैलानेवाले इलाकों की सफाई करवाई गई। गंदे कारखाने को शहर से बाहर स्थानांतरित करने का प्रयास किया गया। भारत में पहली बार कलकत्ता में ही धुआं निरोधक कानून 1863 में पारित किया गया। बंगाल धुआं निरोधक आयोग के प्रयासों से कलंकत्ता में औद्योगिक इकाइयों से निकलनेवाले धुएँ पर नियंत्रण लाकर वायु प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया गया। इसके पूर्व 1840 के दशक तक इंगलैंड के प्रमुख औद्योगिक शहरों में धुआँ नियंत्रक कानून लागू किए गए।