Bihar Board Class 10 History शहरीकरण एवं शहरी जीवन Text Book Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। जो आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिह्न लगायें।
शहरीकरण एवं शहरी जीवन Bihar Board प्रश्न 1.
सामंती व्यवस्था से हटकर किस प्रकार की शहरी व्यवस्था की प्रवृत्ति बढ़ी?
(क) प्रगतिशील प्रवृति
(ख) आक्रामक प्रवृति
(ग) रूढ़िवादी प्रवृति
(घ) शोषणकारी प्रवृति
उत्तर-
(क) प्रगतिशील प्रवृति
Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 2.
शहर को आधुनिक व्यक्ति का किस प्रकार का क्षेत्र माना जाता है ?
(क) सीमित क्षेत्र
(ख) प्रभावी क्षेत्र
(ग) विस्तृत क्षेत्र ।
(घ) सभी
उत्तर-
(ख) प्रभावी क्षेत्र
Bihar Board 10th Social Science Solution प्रश्न 3.
स्थायी कृषि के प्रभाव से कैसा जमाव संभव हुआ?
(क) संपत्ति
(ख) ज्ञान
(ग) शांति
(घ) बहुमूल्य धातु
उत्तर-
(क) संपत्ति
Bihar Board Class 10 Economics Solution प्रश्न 4.
एक प्रतियोगी एवं उद्यमी प्रवृति से प्रेरित किस प्रकार की अर्थव्यवस्था लागू की गई?
(क) जीवन-निर्वाह अर्थव्यवस्था
(ख) मृदा प्रधान अर्थव्यवस्था
(ग) शिथिल अर्थव्यवस्था
(घ) सभी
उत्तर-
(ख) मृदा प्रधान अर्थव्यवस्था
Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 5.
आधुनिक काल में औद्योगीकरण ने किसके स्वरूप को गहन रूप से प्रभावित किया ?
(क) ग्रामीणीकरण
(ख) शहरीकरण
(ग) कस्बा
(घ) बन्दरगाहो
उत्तर-
(ख) शहरीकरण
Bihar Board Class 10th Geography प्रश्न 6.
जनसंख्या का घनत्व सबसे अधिक कहाँ होता है ?
(क) ग्रामा
(ख) कस्बा
(ग) नगर
(घ) महानगर
उत्तर-
(घ) महानगर
Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 7.
1810 से 1880 ई. तक लंदन की आबादी 10 लाख से बढ़कर कहाँ तक पहुंची ?
(क) 20 लाख
(ख) 30 लाख
(ग) 40 लाख
(घ) 50 लाख
उत्तर-
(ग) 40 लाख
प्रश्न 8.
लंदन में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा कब लागू हुई ?
(क) 1850
(ख) 1855
(ग) 1860
(घ) 1870
उत्तर-
(घ) 1870
प्रश्न 9.
कौन-सा सामाजिक वर्ग बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में उभरकर आया?
(क) उद्योगपति वर्ग
(ख) पूँजीपति वर्ग
(ग) श्रमिक वर्ग
(घ) मध्यम वर्ग
उत्तर-
(घ) मध्यम वर्ग
प्रश्न 10.
पूँजीपति वर्ग के द्वारा किस वर्ग का शोषण हुआ?
(क) श्रमिक वर्ग
(ख) मध्यम वर्ग
(ग) कृषक वर्ग
(घ) सभी
उत्तर-
(क) श्रमिक वर्ग
निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें:
प्रश्न 1.
शहरों के विस्तार में भव्य………..”का निर्माण हुआ।
उत्तर-
परफोटोक
प्रश्न 2.
लंदन भारी संख्या में………….”को आकर्षित करने में सफल हुआ।
उत्तर-
प्रवासिया
प्रश्न 3.
शहरों में रहने वाले…………”से सीमित थे।
उत्तर-
बाध्यताआ
प्रश्न 4.
…………”देशों में नगरों के प्रति रुझान देखा जाता है।
उत्तर-
विकासशील
प्रश्न 5.
…………..”के द्वारा निवास तथा आवासीय पद्धति, जन यातायात के साधन, जन स्वास्थ्य इत्यादि के उपाय किये गये।
उत्तर-
नगर प्रबंधन
समूहों का मिलान करें:
उत्तर-
1. (ङ), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख), 5. (ग)।
लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)
प्रश्न 1.
किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हई?
उत्तर-
औद्योगिक पूँजीवाद का उदय, विश्व के विशाल भूभाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना एवं लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास। यही तीन प्रक्रियाएँ हैं जिसने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई।
प्रश्न 2.
समाज़ का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में किस भिन्नता के आधार पर किया जाता है ?
उत्तर-
ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में समाज का वर्गीकरण निम्न आधारों पर किया जाता है – (i) आर्थिक तथा (ii) प्रशासनिक संदर्भ।
प्रश्न 3.
आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय बनावट के दो प्रमुख आधार क्या हैं ?
उत्तर-
(i) जनसंख्या का घनत्व तथा (ii) कृषि आधारित क्रियाओं का अनुपात।
प्रश्न 4.
गाँव के कृषि जन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता को दर्शायें।
उत्तर-
गाँवों की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि-संबंधी व्यवसाय से जुड़ा ह अधिकांश वस्तुएँ कृषि उत्पाद ही होती हैं जो इनकी आय का प्रमुख स्रोत होता है। आय का प्रमुख स्रोत होता होता है।
प्रश्न 5.
शहर किस प्रकार की क्रियाओं का केन्द्र होता है
उत्तर-
शहर राजनीतिक प्राधिकार का केन्द्र होता है जहाँ दस्तकार, व्यापारी और अधिकारी बसने लगते हैं।
प्रश्न 6.
नगरीय जीवन एवं आधुनिकता एक-दूसरे से अभिन्न रूप से कैसे जुड़े हुए हैं ?
उत्तर-
परिवर्तन प्रकृति का अटूट नियम है। समय के साथ आ रहे बदलावों को हम आधुनिकता की श्रेणी में रखते हैं। यह परिवर्तन हमारे वेशभूषा, जीवन स्तर इत्यादि में आता है जो सर्वप्रथम शहरी क्षेत्रों में ही परिलक्षित होता है। आधुनिक संचार सुविधाएँ, आधुनिक घरेलू उपयोगी पदार्थों, नई-नई डिजाइनों वाले वेशभूषा इत्यादि, सर्वप्रथम नगरीय जीवन में ही दिखाई देता है क्योंकि उन्हें अपनाने के लिए वहाँ आवश्यक संसाधन एवं माध्यम उपलब्ध है।
प्रश्न 7.
नगरों में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक है ऐसी मान्यता क्यों बनी है?
उत्तर-
किसी भी नगर में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक होता है। ऐसी मान्यता का मुख्य कारण है पूँजी का असमान वितरण। पूँजी कुछ मुट्ठी पर लोगों के पास ही सीमित होती है जिसे पूँजीपति वर्ग कहते हैं और अपनी पूँजी के बल पर वह हर कार्यक्षेत्र में विशेष रूप से सफलता प्राप्त कर लेता है।
प्रश्न 8.
नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना किस प्रकार के आंदोलन या प्रयास से बनी?
उत्तर-
नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना का विकास मुख्यतः आर्थिक एवं राजनैतिक प्रयास से हुआ, क्योंकि लोगों को अपनी आर्थिक स्थिति को उन्नत करने के लिए राजनैतिक अधिकारों को जानना जरूरी हो गया।
प्रश्न 9.
व्यावसायिक पूँजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उदभव में अपना योगदान दिया?
उत्तर-
व्यावसायिक पूँजीवाद ने नगरों के उद्भव में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया क्योंकि इनके कारण ही नगरों में शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि का विकास हुआ। व्यापार एवं धर्म शहरों की स्थापना के मुख्य आधार थे। व्यावसायिक पूँजीवाद के कारण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती गयी जिससे नगरों के उद्भव को बल मिला।
प्रश्न 10.
शहरों के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका किस प्रकार की रही ?
उत्तर-
मध्यम वर्ग एक नए शिक्षित वर्ग के रूप में उभरा, जो विभिन्न पेशों में रहकर भी औसतन एक समान आय प्राप्त करने वाले वर्ग के रूप में उभर कर आया एवं बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किए गए। यह विभिन्न रूप में कार्यरत रहे जैसे शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउंटेंट्स परन्तु इनके जीवन मूल्य के आदर्श समान रहे और आर्थिक स्थिति भी एक वेतनभोगी वर्ग के रूप में उभर कर आई।
प्रश्न 11.
श्रमिक वर्ग का आगमन शहरों में किन परिस्थितियों के अन्तर्गत हुआ?
उत्तर-
शहरों में फैक्टरी प्रणाली की स्थापना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों का भूमिविहीन कृषक वर्ग रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करने लगा।
प्रश्न 12.
शहरों ने किन नई समस्याओं को जन्म दिया?
उत्तर-
शहरों ने निम्नलिखित नई समस्याओं को जन्म दिया
- आवास की समस्या,
- जलापूर्ति की समस्या,
- प्रदूषण की समस्या।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)
प्रश्न 1.
शहरों क विकास की पृष्ठभूमि एवं उसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
शहरों के विकास की पृष्ठभूमि मध्यकालीन सामंती सामाजिक संरचना एवं मध्यकालीन जीवन मूल्य तेरहवीं शताब्दी तक अपने शिखर पर था। कई प्रतिरोधों के पश्चात भी यह व्यवस्था ने नई एवं बाह्य शक्तियों को जो इसे परिवर्तित करना चाहती थी यथासंभव नियंत्रित रखा, रोका और अपने में समाहित किया। अंततः एक नई सामाजिक एवं राजनीतिक संरचना विकसित हुई, जो अपनी परम्पराओं एवं स्वरूप के लिए प्राचीन परिपाटी के प्रति ऋणी तो थी, किन्तु नवीन राजनीतिक एवं आर्थिक अवधारणाओं को स्वीकार करती थी जो अधिक लौकिक एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति से प्रेरित थी। इसी पृष्ठभूमि में शहरी जीवन का पुनः उदय हुआ।
शहरीकरण की प्रक्रिया- तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई।
- औद्योगिक पूँजीवाद का उदय।
- विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना।
- लोकतांत्रिक आदशों का विकास।
इस तरह ग्रामीण एवं सामंती व्यवस्था से हटकर एक प्रगतिशील शहरी व्यवस्था की ओर बढ़ने की प्रवृत्ति बढ़ी। अतः नगरवाद जनसमूह के एक बड़े भाग की जीवन पद्धति के रूप में आधुनिक घटना है।
प्रश्न 2.
ग्रामीण तथा नगरीय जीवन के बीच की भिन्नता को स्पष्ट करें।
उत्तर-
(i) गाँव और शहर के बीच काफी भिन्नताएं हैं। गाँव की आबादी कम होती है नगर की ज्यादा; गाँव में खेती और पशुपालन मुख्य आजीविका है, शहर में व्यापार और उत्पादन, गाँव में प्राकृतिक वातावरण स्वच्छ है, शहर में प्रदूषित। शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि में शहर अधिक उन्नत अवस्था में होते हैं। शहर में आधुनिकताओं का बोलबाला होता है जबकि ग्रामीण क्षेत्र आधुनिकता से काफी दूर होता है।
नगर में रोजगार के साधनों की अधिकता होती है जबकि गाँव में रोजगार के साधन नहीं के बराबर होते हैं। ग्रामीणों का जीवन स्तर निम्न होता है, नगरीय लोगों का जीवन स्तर उच्च होता है। ग्रामीण लोग सामान्य तौर पर निष्कपट और ईमानदार होते हैं जबकि नगरीय लोगों में घृणा, इर्ष्या, द्वेष इत्यादि अधिक होते हैं।
प्रश्न 3.
शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाए आए।
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया ने सामाजिक जीवन में काफी बदलाव लाया। ग्रामीण जीवन मुख्यतः कृषिप्रधान अर्थव्यवस्था पर आधारित थी परंतु नगरीय जीवन गतिशील मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था पर आधारित था।
रोजगार के साधनों की अधिकता के कारण शहर में लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठने लगा जिससे शिक्षा का प्रसार सामाजिक जीवन में एक नया बदलाव लेकर आया। लोगों में स्वार्थ की भावना बढ़ने लगी, अधिकाधिक धनपार्जन के लिए प्रतिस्पर्धी माहौल बढ़ने लगा। लोगों के जीवन में सुविधाएँ तो बढ़ने लगीं परन्तु कलुषता और कुविचार भी बढ़ने लगे जिससे मानवता की भावना घटने लगी। लोग सिर्फ अपने ही बारे में सोचने लगे। सामाजिक जीवन में आधुनिकता का बोलबाला बढ़ने लगा। नगरीय जीवन और आधुनिकता एक-दूसरे के पूरक बन गए। व्यक्तिवाद की भावना बढ़ने लगी।
प्रश्न 4.
शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग मजदूर वर्ग की भूमिका की चर्चा करें।
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग एवं मजदूर वर्ग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
व्यवसायी वर्ग ने अपने व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति हेतु वाणिज्यिक कार्यस्थलों, जन परिवहन प्रणाली औद्योगिक केन्द्रों इत्यादि की स्थापना करना प्रारंभ किया जिससे धीरे-धीरे वहाँ की आबादी बढ़ने लगी, सामाजिक परिवर्तन होने लगा और छोटा-सा क्षेत्र शहर में तब्दील होने लगा।
मध्यम वर्ग धीरे-धीरे एक नए शिक्षित वर्ग के रूप में उभरने लगा। इस वर्ग से शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउंटेंट्स इत्यादि विभिन्न पदों पर लोग आसीन होने लगे। इनकी आर्थिक स्थिति उन्नत होने लगी जिससे सामाजिक जीवन में परिवर्तन आया और शहरीकरण की प्रक्रिया आरंभ हुई।
गांव के किसान और मजदूर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ओर पलायन करने लगे जिससे शहरीकरण की प्रक्रिया को बल मिला।
प्रश्न 5.
एक औपनिवेशिक शहर के रूप में बम्बई शहर के विकास की समीक्षा करें।
उत्तर-
बम्बई औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी। एक प्रमुख बंदरगाह होने के नाते यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र था जहाँ से कपास और अफीम जैसे कच्चे माल बड़ी तादाद में रवाना किए जाते थे। इस व्यापार के कारण न सिर्फ व्यापारी और महाजन बल्कि कारीगर एवं दुकानदार भी बम्बई में बसे। कपड़ा मिलें खुलने पर और अधिक संख्या में लोग इस शहर की ओर उन्मुख हुए। 1954 ई. में पहली कपड़ा मिल स्थापित हुई और 1921 ई. तक वहाँ 85 कपड़ा मिलें खुल चुकी थीं जिनमें लगभग 1,46,000 मजदूर काम कर रहे थे। 1931 तक लगभग एक चौथाई ही बम्बई के निवासी थे बाकी निवासी बाहर से आकर बसे थे। बम्बई का प्रति व्यक्ति क्षेत्रफल केवल 9.5 वर्ग गज था। वहाँ प्रति मकान में 20 व्यक्ति रहते थे।
मुम्बई का विकास सुनियोजित तरीके से नहीं हो सका। बल्कि 1800 के आसपास बम्बई फोर्ट एरिया का केन्द्र था और दो हिस्सों में बंटा हुआ था। एक हिस्से में ‘नेटिव’ रहते थे और दूसरे में यूरोपीय या ‘गोरे’ रहते थे। कोर्ट आबादी उत्तर में एक यूरोपीय उपनगर और औद्योगिक पट्टी में भी विकसित होने लगी थी। दक्षिण में इसी तरह की उपनगरीय आबादी और एक छावनी थी। यह नस्ली विभाजन अन्य प्रेसीडेंसी शहरों में भी रही।
19वीं शताब्दी के मध्य तक व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए और अधिक जमीन की जरूरत महसूस हुई तो सरकार और निजी कम्पनियों के द्वारा नयी योजनाएँ बनाई गईं। 1864 में मालाबार हिल से कोलबा के आखिरी छोर तक के पश्चिमी तट को विकसित करने का ठेका बैंक बेरिक्लेमेशन कम्पनी को मिला। 20वीं शताब्दी के आने तक जिस प्रकार आबादी तेजी से बढ़ी अधिक-से-अधिक जमीन को घेर लिया गया और समुद्री जमीन को विकसित किया जाने लगा।
एक सफल भूमि विकास परियोजना बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट के अन्तर्गत शुरू की गई। ट्रस्ट ने 1914 से 1918 के बीच एक सूखी गोद का निर्माण किया और उसकी खुदाई से जो मिट्टी निकली उसका इस्तेमाल करके 22 एकड़ का बालार्ड एस्टेट बना डाला। इसके बाद मशहूर मरीन ड्राइव बनाया गया।
0 Comments