Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 3 हिन्द-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन

 


Bihar Board Class 10 History हिन्द-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। जो आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिह्न लगायें।

हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Bihar Board Class 10 प्रश्न 1.
हिन्द-चीन क्षेत्र में कौन-से देश आते हैं ?
(क) चीन, वियतनाम, लाओस
(ख) हिन्द, चीन, वियतनाम, लाओस
(ग) कम्बोडिया, वियतनाम, लाओस
(घ) कम्बोडिया, वियतनाम, चीन, थाईलैण्ड
उत्तर-
(ग) कम्बोडिया, वियतनाम, लाओस

हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन का ऑब्जेक्टिव Bihar Board Class 10 प्रश्न 2.
अंकोरवाट का मन्दिर कहाँ स्थित है ?
(क) वियतनाम
(ख) थाईलैण्ड
(ग) लाओस
(घ) कम्बोडिया
उत्तर-
(घ) कम्बोडिया

Hind Chin Me Rashtravad Bihar Board Class 10 प्रश्न 3.
हिन्द-चीन पहुँचने वाले प्रथम व्यापारी कौन थे
(क) इंग्लैण्ड
(ख) फ्रांसीसी
(ग) पुर्तगाली
(घ) डच
उत्तर-
(ग) पुर्तगाली

हिंद चीन में राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन करें Bihar Board Class 10 प्रश्न 4.
हिन्द चीन में बसने वाले फ्रांसीसी कहे जाते थे ?
(क) फ्रांसीसी
(ख) शासक वर्ग
(ग) कोलोन
(घ) जेनरल
उत्तर-
(ग) कोलोन

हिंद चीन क्षेत्र में कौन से देश आते हैं Bihar Board Class 10 प्रश्न 5.
नरोत्तम सिंहानुक कहाँ के शासक थे ?
(क) वियतनाम
(ख) लाओस
(ग) थाईलैण्ड
(घ) कम्बोडिया
उत्तर-
(घ) कम्बोडिया

Hind Chin Mein Francisi Prasar Ka Varnan Karen प्रश्न 6.
“द हिस्ट्री ऑफ द लॉस ऑफ वियतनाम” किसने लिखा?
(क) हो-ची-मिन्ह
(ख) फान-वोई-चाऊ
(ग) कुआंग
(घ) त्रियु
उत्तर-
(ख) फान-वोई-चाऊ

Hind Chin Mein Rashtrawadi Aandolan Bihar Board प्रश्न 7.
मार्च 1946 में फ्रांस एवं वियतनाम के बीच होने वाला समझौता किस नाम से जाना जाता है ?
(क) जेनेवा समझौता
(ख) हनोई समझौता
(ग) पेरिस समझौता
(घ) धर्मनिरपेक्ष समझौता
उत्तर-
(ख) हनोई समझौता

हिन्द चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Bihar Board Class 10 प्रश्न 8.
किस प्रसिद्ध दार्शनिक ने एक अदालत लगाकर अमेरिका को वियतनाम युद्ध के लिए दोषी करार दिया?
(क) रसेल
(ख) होची मिन्ह
(ग) नरोत्तम सिंहानुक
(घ) रूसो
उत्तर-
(क) रसेल

इंडो चाइना में राष्ट्रवादी आंदोलन प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 9.
हिन्दु-चीनी क्षेत्र में अंतिम युद्ध समाप्ति के समय में अमेरिकी राष्ट्रपति थे-
(क) वाशिंगटन
(ख) निक्सन
(ग) जार्ज बुश
(घ) रुजवेल्ट
उत्तर-
(ख) निक्सन

Hind Chin Mein Basne Wale Francisi Kahe Jaate The Bihar Board प्रश्न 10.
होआ-होआ आन्दोलन किस प्रकृति का था?
(क) क्रांतिकारी
(ख) धार्मिक
(ग) साम्राज्यवादी समर्थक
(घ) क्रांतिकारी धार्मिक
उत्तर-
(घ) क्रांतिकारी धार्मिक

निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें:

Hind Chin Me Rashtrawadi Andolan Bihar Board प्रश्न 1.
12वीं शताब्दी में राजा सूर्य वर्मा/द्वितीय ने………..का निर्माण करवाया था।
उत्तर-
अंकोरवाट मंदिर

प्रश्न 2.
……………समझौते ने पूरे वियतनाम को दो हिस्से में बाँट दिया और …………..रेखा को विभाजक रेखा माना गया।
उत्तर-
जेनेवा समझौता, 17वीं अक्षांश।

प्रश्न 3.
हो-ची-मिन्ह का दूसरा नाम…………..था।
उत्तर-
न्यूगन आई क्वोक

प्रश्न 4.
दिएन-विएन-पुके युद्ध में…………..बुरी तरह हार गए।
उत्तर-
फ्रांस

प्रश्न 5.
अनामी दल का संस्थापक……………. था।
उत्तर-
जोन्गुएन आइ

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
एकतरफा अनुबन्ध व्यवस्था क्या थी?
उत्तर-
एक तरह की बंधुआ मजदूरी थी। वहाँ मजदूरों को कोई अधिकार नहीं था, जबकि मालिक को असीमित अधिकार प्राप्त था।

प्रश्न 2.
बाओदायी कौन था ?
उत्तर-बाओदायी अन्नाम का शासक था।

प्रश्न 3.
हिन्द चीन का अर्थ क्या है ?
उत्तर-
दक्षिण-पूर्व एशिया में लगभग 3 लाख वर्ग कि. मी. फैला क्षेत्र जिसमें आज के वियतनाम लाओस और कम्बोडिया के क्षेत्र आते हैं।

प्रश्न 4.
जेनेवा समझौता कब और किनके बीच हुआ?
उत्तर-
1954 में लाओस एवं कम्बोडिया के बीच।

प्रश्न 5.
होआ-होआ आनदोलन की चर्चा करें।
उत्तर-
होआ-होआ एक बौद्धिक धार्मिक क्रान्तिकारी आन्दोलन था जो 1939 में शुरू हुआ था। जिसके नेता-हुइन्ह फू-सो था। इसके क्रान्तिकारी उग्रवादी घटनाओं को भी अंजाम देते थे जिसमें आत्मदाह तक भी शामिल होता था।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें।)

प्रश्न 1.
हिन्द चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें।
उत्तर-
1498 ई. में वास्कोडिगामा भारत से जुड़ने की चाह में जब समुद्री मार्ग ढूँढने निकाला तो धीरे-धीरे स्पेन, डच, इंगलैंड एवं फ्रांसीसियों का आगमन इस क्षेत्र में व्यापारिक उद्देश्य से होने लगा। 17वीं शताब्दी में बहुत से फ्रांसीसी व्यापारी पादरी हिन्द चीन पहुँच गए। 1747 ई. के बाद ही फ्रांस अन्नाम में रुचि सेने लगा। 1787 ई. में कोचीन-चीन के शासक के साथ संधि का मौका मिला। 19वीं शताब्दी में अन्नाम, कोचीन-चीन में फ्रांसीसी पादरियों की बढ़ती गतिविधियों के विरुद्ध उग्र आन्दोलन हो रहे थे। फिर भी 1862 ई. में अन्नाम को सैन्यबल पर संधि के लिए बाध्य किया गया। उसके अगले वर्ष कम्बोडिया भी संरक्षण में ले लिया गया और 1783 में तोकिन में फ्रांसीसी सेना घुस गयी। इसी तरह 20वीं शताब्दी के आरंभ तक सम्पूर्ण हिन्द चीन फ्रांसीसियों की अधीनता में आ गया।

प्रश्न 2.
रासायनिक हथियारों एवं एजेन्ट ऑरेज का वर्णन करें।
उत्तर-
नापाम एक तरह का आर्गेनिक कम्पाउंड है जो अग्नि बमों में गैसोलिन के साथ मिलकर एक ऐसा मिश्रण तैयार करता था जो त्वचा से पिचक जाता और जलता रहता था। इसका व्यापक पैमाने पर वियतनाम में प्रयोग किया गया था। एजेन्ट आरेंज एक जहर था जिससे पेड़ों की पत्तियाँ तुरंत झुलस जाती थीं एवं पेड़ मर जाते थे। जंगलों को खत्म करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता। इसका नाम आरेंज पट्टियों वाले ड्रमो में रखे जाने के कारण पड़ा। अमेरिका ने इसका इस्तेमाल जंगलों के साथ खेतों और आबादी दोनों पर जमकर किया।

प्रश्न 3.
हो-ची-मिन्ह के संबंध में संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
हो-ची-मिन्ह (न्यूगन आई क्वोक) एक वियतनामी छात्र था जिसने 1917 में पेरिस में ही साम्यवादियों का एक गुट बनाया, बाद में हो-ची-मिन्ह शिक्षा प्राप्त करने मास्को गया और साम्यवाद से प्रेरित होकर 1925 में वियतनामी क्रांतिकारी दल का गठन किया, साथ ही कार्यकर्ताओं के सैनिक प्रशिक्षण की भी व्यवस्था कर ली। अंततः 1930 में वियतनाम के बिखरे राष्ट्रवादी गुटों को एकजुट कर वितनाम कांग सान देंग अर्थात् वियतनाम कम्युनिष्ट पार्टी की स्थापना की जो पूर्णतः उग्र विचारों पर चलने वाली पार्टी थी।

प्रश्न 4.
हो-ची-मिन्ह मार्ग क्या है बतावें?
उत्तर-
हो-ची मिन्ह 2 सितम्बर 1945 ई. को वियतनाम लोकतंत्रीय गणराज्य के सरकार के प्रधान बने और बाद में फ्रांसीसी सेना का प्रत्यक्ष मुकाबला न कर पाने की स्थिति में गुरिल्ला युद्ध छेड़ दिया। इस युद्ध के लिए मुरिल्ला सेनिक लाओस और कंबोडिया के रास्ते दक्षिणी वियतनाम पर धावा बोलते और पुन: उन्हीं जंगलों में छिप जाते थे। इसी रास्ते को हो-ची मिन्ह मार्ग कहा जाता है।

प्रश्न 5.
अमेरिका हिन्द चीन में कैसे घुसा, चर्चा करें।
उत्तर-
1945 ई. तक वियतमिन्ह के गुरिल्लों के हाथों में तोंकिन के प्रायः सारे क्षेत्र नियंत्रण में आ गए थे। अब जबकि द्वितीय विश्वयुद्ध की स्थितियाँ बदलने लगीं पर्ल हार्बर पर जापान के आक्रमण के साथ ही अमेरिका युद्ध में शामिल हो गया था। अमेरिका जो फ्रांस का समर्थन कर रहा था सीधे हिन्द चीन में उतरना चाह रहा था। साम्यवादियों के विरोध में उसने ऐसी घोषणा भी कर दी। हिन्द चीन में साम्यवादी प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका कृतसंकल्प था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1.
हिन्द चीन उपनिवेश स्थापना का उद्देश्य क्या था?
उत्तर-
फ्रांस द्वारा हिन्द चीन को अपना उपनिवेश बनाने का प्रारंभिक उद्देश्य तो डच एवं ब्रिटिश कंपनियों की व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना था। भारत में फ्रांसीसी पिछड़ रहे थे। चीन में उनका व्यापारिक प्रतिद्वन्द्वी, मुख्य रूप से इंगलैड था। अतः सुरक्षात्मक आधार के रूप में उन्हें हिन्द चीनी क्षेत्र उचित लगा जहाँ खड़े होकर वे दोनों तरफ भारत एवं चीन की परिस्थितियों में संभल सकते थे। दूसरे, औद्योगिकीकरण के लिए कच्चे माल की आपूर्ति उपनिवेशों से होती थी एवं उत्पादित वस्तुओं के लिए बाजार भी उपलब्ध होता था। तीसरे, पिछड़े समाजों को समय बनाने का विकसित यूरोपीय राज्यों का स्वघोषित दायित्व था।

अमेरिका जो पूर्व में फ्रांस का समर्थन कर रहा था वह भी हिन्द चीन में अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाह रहा था। साम्यवादियों के प्रभाव को इस क्षेत्र में रोकने के लिए अमेरिका कृत संकल्प था।

प्रश्न 2.
माई ली गाँव की घटना क्या थी? इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
दक्षिणी वियतनाम एक गाँव था जहाँ के लोगों को वियतकांग समर्थक मान अमेरिकी सेना ने पूरे गाँव को घेर कर पुरुषों को मार डाला, औरतों बच्चियों को बंधक बनाकर कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया फिर उन्हें भी मार कर पूरे गाँव में आग लगा दी। लाशों के बीच दबा एक बूढ़ा जिन्दा बच गया था जिसने इस घटना को उजागर किया था।

इस घटना के कारण अमेरिका की पूरे विश्व में किरकिरी होने लगी। अतः राष्ट्रपति निक्सन ने शांति के लिए पाँच सूत्री योजना की घोषणा की

  • हिन्द-चीन की सभी सेनाएँ युद्ध बंद कर यथास्थान पर रहें।
  • युद्ध विराम की देख-रेख अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे।
  • इस दौरान कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयत्न नहीं करेगा।
  • युद्ध विराम के दौरान सभी तरह की लड़ाइयाँ बंद रहेंगी सभी बमबारी से आतंक फैलने वाली घटनाओं तक।
  • युद्ध विराम का अन्तिम लक्ष्य समूचे हिन्द चीन में संघर्ष का अंत होना चाहिए।

प्रश्न 3.
राष्ट्रपति निक्सन के हिन्द चीन में शांति के संबंध में पाँचसूत्री योजना क्या थी? इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
माई ली गाँव की घटना के बाद विश्व में किरकिरी होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने निम्नलिखित पाँचसूत्री योजना की घोषणा की

  • हिन्द-चीन की सभी सेनाएँ युद्ध बंद कर यथा स्थान पर रहें।
  • युद्ध विराम की देख-रेख अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे।
  • इस दौरान कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयत्न नहीं करेगा।
  • युद्ध विराम के दौरान सभी तरह की लड़ाइयाँ बंद रहेंगी सभी बमबारी से आतंक फैलाने वाली घटनाओं तक।
  • युद्ध विराम का अन्तिम लक्ष्य समूचे हिन्द-चीन में संघर्ष का अन्त होना चाहिए।

परन्तु इस शांति प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। अमेरिकी सेना पुनः बमबारी शुरू कर दी। लेकिन अमेरिका अब जान चुका था कि उसे अपनी सेनाएँ वापस बुलानी ही पड़ेंगी। निक्सन ने पुनः आठसूत्री योजना रखी। वियतनामियों ने इसे खारिज कर दिया। अब अमेरिका चीन को अपने पक्ष में करने में लग गया। वियतनामियों को चीनी धोखों का अंदेशा होने लगा। 24 अक्टूबर, 1972 को वियतकांग, उत्तरी वियतनाम, अमेरिका दक्षिणी वियतनाम में समझौता तय हो गया परन्तु दक्षिणी वियतनाम ने आपत्ति जताई और पुनः वार्ता के लिए कहा।

वियतकांग ने इसे अस्वीकार कर दिया। इस बार इतने बम गिराए गए जिनकी कुल विध्वंसक शक्ति हिरोशिमा में प्रयुक्त परमाणु बम से ज्यादा ऑकी गई। हनोई भी इस बमबारी से ध्वस्त हो गया परन्तु वियतनामी डटे रहे। अंतत: 27 फरवरी, 1973 को पेरिस में वियतनाम युद्ध की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर हो गया। समझौते की मुख्य बातें थीं-युद्ध समाप्त के 60 दिनों के अंदर अमेरिकी सेना वापस हो जाएगी। उत्तर और दक्षिण वियतनाम परस्पर सलाह करने एकीकरण का मार्ग खोजेंगे। अमेरिका वियतनाम को असीमित आर्थिक सहायता देगा।

इस तरह से अमेरिका के साथ चला आ रहा युद्ध समाप्त हो गया एवं जनवरी 1975 में दोनों वियतनाम मिल गए।

इस प्रकार सात दशकों से ज्यादा चलने वाला यह अमेरिका-वियतनाम युद्ध समाप्त हो गया। इस युद्ध में 9855 करोड़ सैनिक मारे गए, लगभग 3 लाख सैनिक घायल हुए, दक्षिणी वियतनाम के 18000 सैनिक मारे गए। अमेरिका के 4800 हेलिकाप्टर एवं जेट नष्ट हो गए। ट्रको की गिनती नहीं।

इस सारे घटना के परिपेक्ष्य में धन जन की बर्बादी के अलावे अमेरिकी शाख को गहरा आघात लगा पूरे हिन्द चीन में वह बुरी तरह असफल रहा। अंततः उसे अपनी सेना हिन्द चीन से हटानी पड़ी और सभी देशों की संप्रभुता अखण्डता को स्वीकार करना पड़ा।

प्रश्न 4.
फ्रांसीसी शोषण के साथ-साथ उसके द्वारा किये गये सकारात्मक कार्यों की समीक्षा करों
उत्तर-
फ्रांसीसियों ने प्रारंभिक शोषण तो व्यापारिक नगरों एवं बंदरगाहों से शुरू किया। उसके बाद भीतरी ग्रामीण इलाको में किसानों का शोषण करना शुरू किया था। तो किन के जीवन का आधार लाल घाटी थी तो कम्बोडिया का मेकांग नदी का मैदानी क्षेत्र एवं कोचीन-चीन का मेकांग का डेल्टा क्षेत्र जबकि चीन से सटे राज्यों में खनिज संसाधन कोयला, टीन, जस्ता टंगस्टन, क्रोमियम आदि मिलते थे, पहाड़ी इलाकों में रबर की खेती होती थी तथा मैदानी क्षेत्र में धान की।

सर्वप्रथम फ्रांसीसियों ने शोषण के साथ-साथ कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के लिए नहरों का एवं जलनिकासी का समुचित प्रबंध किया और दलदली भूमि, जंगलों आदि में कृषि क्षेत्र को बढ़ाया जाने लगा। इन प्रयास का ही फल था कि 1931 ई. तक वियतनाम विश्व का तीसरा बड़ा चावल निर्यातक देश बन गया। रबर बगानों, खानों, फार्मों में मजदूरों से एकतरफा अनुबंध व्यवस्था पर काम लिया जाता था। जमींदारी अपने विकृत रूप में आ चुकी थी। हालाँकि इसी दौरान पूरे उत्तर से दक्षिण हिन्द चीन तक संरचनात्मक विकास जोरों पर रहा एवं एक विशाल रेल नेटवर्क, सड़क जाल बिछ गया था। परन्तु किसानों, मजदूरों का जीवन स्तर गिरता जा रहा था, क्योंकि सारी व्यवस्था ही शोषण मूलक थी।

जहाँ तक शिक्षा का प्रश्न था अब तक परंपरागत स्थानीय भाषा अथवा चीनी भाषा में शिक्षा पा रहे लोगों को अब फ्रांसीसी भाषा में शिक्षा दी जाने लगी, परंतु इस क्षेत्र में बसने वाले , फ्रांसीसियों को शिक्षा के प्रसार के सकारात्मक प्रभावों का डर था। अत: आमलोगों को शिक्षा से दूर रखने का प्रयास किया जाने लगा और सकूल के अंतिम साल की परीक्षा में अधिकतर स्थानीय बच्चों को फेल कर दिया जाता था। स्थानीय जनता एवं कोलोनी की सामाजिक स्थिति में आसमान जमीन का अन्तर था और 1920 के दशक तक आते-आते छात्र-छात्राएँ राजनीतिक पार्टियाँ बनाने लगे थे। दनोई विश्वविद्यालय का बंद किया जाना फ्रांसीसी शोषण की पराकष्ठा थी।

प्रश्न 5.
हिन्द चीन के राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन करें।
उत्तर-
हिन्द चीन में फ्रांसीसी उपनिवेशवाद के छिट-फुट विद्रोह का सामना तो प्रारंभिक दिनों से ही झेलना पड़ रहा था। परन्तु 20वीं शताब्दी के शुरू में यह और मुखर होने लगा। वहाँ राष्ट्रवाद का विकास निम्न प्रकार से हुआ

  • 1930 ई. में फान-बोई-चाऊ ने ‘दुईतान होई’ नामक एक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की जिसके नेता कुआंग थे। फान-बोई-चाऊ ने ‘द हिस्ट्री ऑफ द लॉस ऑफ वियतनाम’ लिखकर हलचल पैदा कर दी।
  • 1905 में जापान द्वारा रूस को हटाया जाना हिन्द चीनियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया।
  • रूसो एवं माण्टेस्क्यू जैसे फ्रांसीसी विचारों के विचार उन्हें उद्वेलित कर रहे थे।
  • राष्ट्रवादी नेता फान-चू-त्रिन्ह ने राष्ट्रवादी आन्दोलन के स्वतंत्रीय स्वरूप को गणतंत्रवादी बनाने का प्रयास किया।
  • जापान में शिक्षा प्राप्त करने गए छात्रों ने फान-चू-त्रिन्ह के विचारों से प्रभावित होकर वियतनाम कुवान फुक होई नामक संगठन की स्थापना की।
  • प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुई ज्यादतियों के कारण 1914 में ही देशभक्तों ने एक “वियतनामी राष्ट्रवादी दल” नामक संगठन बनाया जिसका पहला अधिवेशन कैण्टन में हुआ।
  • 1917 में हो-ची-मिन्ह नामक एक वियतनामी छात्र ने पेरिस में ही साम्यवादियों का एक गुट बनाया।
  • 1925 में हो-ची मिन्ह ने साम्यवाद से प्रेरित होकर ‘वियतनामी क्रान्तिकारी दल’ बनाया।
  • 1930 में वियतनाम के बिखरे राष्ट्रवादी गुटों को एकजुट कर ‘वियतनामकांग सान इंग’ की स्थापना की।
  • 1930 के दशक की विश्वव्यापी मंदी ने भी राष्ट्रवाद के विकास में योगदान दिया। क्योंकि हिन्द-चीन में बेरोजगारी बढ़ती जा रही थी। इस स्थिति से परेशान किसान भी साम्यवाद को अपना . रहे थे और राष्ट्रवादी आन्दोलन जोर पकड़ता जा रहा था।

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