Bihar Board Class 10 History Notes Chapter 7 व्यापार और भूमंडलीकरण

 


Bihar Board Class 10 History व्यापार और भूमंडलीकरण Notes

  • प्राचीन भारत में विकसित सिन्धुघाटी सभ्यता का व्यापारिक सम्बन्ध प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यता के साथ था।
  • 1919 में विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी का दौर था क्योंकि 1929 के बाद ब्रिटेन के उत्पादन, निर्यात, रोजगार, आयात तथा जीवन निर्वाह स्तर, इन सब में तेजी से गिरावट आया।
  • 1932 में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट (अमेरिकी राष्ट्रपति) ने जनकल्याण की एक बड़ी योजना से संबंधित नई नीति बनायी जिसे न्यू-डील कहते हैं। इसमें आर्थिक क्षेत्र के अलावा राजनीतिक और प्रशासनिक नीतियों को भी नियमित किया गया।
  • जुलाई 1944 में अमेरिका स्थित न्यू हैम्पशायर “ब्रेटन वुड्स’ नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन हुआ, जिसमें एक सहमति बनी जिसके बाद अन्तर्राष्ट्री मुद्राकोष एवं विश्व बैंक का गठन किया।
  • 1119 के बाद विश्वव्यापी अर्थतंत्र में यूरोप के स्थान पर संयुक्त राज्य अमारका और रूस का प्रभाव बढ़ा जो द्वितीय महायुद्ध के बाद विश्व व्यापार और राजनैतिक व्यवस्था में निर्णायक हो गया।
  • 1919 के बाद विश्व बाजार के अन्तर्गत ही एक नवीन आर्थिक प्रवृति भूमंडलीकरण का उत्कर्ष हुआ जो निजीकरण और आर्थिक उदारीकरण से प्रत्यक्षतः जुड़ा था।
  • भूमंडलीकरण ने सम्पूर्ण विश्व के अर्थतंत्र का केन्द्र बिन्दु संयुक्त राज्य अमेरिका को बना दिया। उसकी मुद्रा डॉलर पूरे विश्व की मानक मुद्रा बन गई।
  • आर्थिक मंदी का सबसे बुरा असर अमेरिका को ही झेलना पड़ा।
  • 1928 से 1934 के बीच भारत में गेहूँ की कीमत 50 प्रतिशत गिर गया।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलीन डी रूजवेल्ट ने 1932 में न्यूडील (नई व्यवस्था) नामक नवीन आर्थिक नीतियों को अमेरिका में लागू किया।
  • व्यापार को बढ़ाने के उद्देश्य से 1932 में लोजान सम्मेलन हुआ जिसमें जर्मनी के क्षतिपूर्ति राशि को कम कर दिया गया।
  • फ्रांस के विदेश मंत्री त्रिया ने पहली बार यूरोप में एक आर्थिक संघ बनाने का सुझाव दिया।
  • 1944 में अमेरिका स्थित न्यू हैल्थशायर में ‘ब्रेटनवुडस’ नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन हुआ।
  • 1948 में ब्रसेल्स संधि हुई जिसमें यूरोपीय आर्थिक सहयोग की प्रक्रिया कोयला एवं इस्पात के माध्यम से शुरू हुआ।
  • 1991 के बाद विश्व बाजार के अंतर्गत ही एक नवीन आर्थिक प्रवृत्तिं भूमंडलीकरण का उत्कर्ष हुआ जो निजीकरण और आर्थिक उदारीकरण से प्रत्यक्षतः जुड़ा था।
  • भौगोलिक खोजों पुनर्जागरण तथा राष्ट्रीय राज्यों के उदय से वाणिज्यक क्रांति हुई।
  • औद्योगिक क्रांति और उपनिवेशवाद के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का विकास हुआ।
  • रेशम मार्ग चीन से आरंभ होकर जमीनी मार्ग द्वारा मध्य एशिया होते हुए यूरोप से जुड़ जाता था।

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