Bihar Board Class 10 History अर्थव्यवस्था और आजीविका Notes
- औद्योगिकीकरण के कारण –
- आवश्यकता आविष्कार की जननी
- नये-नये मशीनों का आविष्कार
- कोयले एवं लोहे की प्रचुरता
- फैक्ट्री प्रणाली की शुरूआत
- सस्ते श्रम की उपलब्धता
- यातायात की सुविधा
- विशाल औपनिवेशिक स्थिति
- 18वीं शताब्दी के उतरार्द्ध में ब्रिटेन ने नये-नये यंत्रों एवं मशीनों के आविष्कार ने उद्योग जगत में ऐसी क्रांति का सूत्रपात किया, जिससे औद्योगिकीकरण एवं उपनिवेशवाद दोनों का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- सन् 1769 में जेम्सवाट ने वाष्प इंजन का आविष्कार किया।
- सन् 1815 में हम्फ्री डेवी ने खानों में काम करने के लिए एक सेफ्टी लैम्प का और इसी वर्ष हेनरी वेसेमर ने एक शक्तिशाली भट्ठी को विकसित करके लौह उद्योग को और भी बढ़ाने में सहायता की।
- भारत में कारखानों की स्थापना 1850 के बाद होने लगी, इसके बाद भारत में कुटीर उद्योग बन्द होने लगे। भारतीय इतिहासकारों ने इसे भारत के लिए निरूद्योगीकरण की संज्ञा दी।
- सर्वप्रथम सूती कपड़े की मिल 1851 में बम्बई में स्थापित की गयी।
- 1869 में स्वेनजहर के खुल जाने से बम्बई के बन्दरगाह पर इंगलैंड से आने वाला सूती कपड़ों का आयात बढ़ने लगा।
- सूती वस्त्र उद्योग ब्रिटेन का सबसे बड़ा उद्योग 19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक बन चुका था।
- लिवरपुल स्थित लंकाशायर सूती वस्त्र उद्योग का बड़ा केन्द्र बन गया।
- 1805 के बाद न्यू साउथ वेल्स ऊन उत्पादन का केन्द्र बना।
- अंग्रेज व्यापारी एजेंट की मदद से भारतीय कारीगरों को पेशगी रकम देकर उनसे उत्पादन करवाते थे। ये एजेंट ‘गुमाश्ता’ कहलाते थे।
- 1835 ई. में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित चार्टर एक्ट के द्वारा व्यापार पर से ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिकार समाप्त कर दिया।
- कारखानों की स्थापना के क्रम में सन् 1830-40 के दशक में बंगाल में द्वारकानाथ टैगोर ने 6 संयुक्त उद्यम कम्पनियाँ लगाई।
- सर्वप्रथम सूती कपड़े की मिल की नींव 1851 ई. में बम्बई में डाली गई।
- सन् 1917 में कलकत्ता में देश का पहला जूट मिल एक मारवाड़ी व्यवसायी हुकुम चंद ने स्थापित किया।
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