Bihar Board Class 10 History यूरोप में राष्ट्रवाद Notes
- राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व की राजनैतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है।
- यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में फ्रांस की राज्यक्रांति तत्पश्चातनेपोलियन के आक्रमणों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- फ्रांस में वियना व्यवस्था के तहत क्रांति के पूर्व की व्यवस्था को स्थापित करने के लिएबर्वो राजवंश को पुनर्स्थापित किया गया तथा लुई 18वाँ फ्रांस का राजा बना।
- 28 जून 1830 ई. से फ्रांस में गृहयुद्ध आरम्भ हो गया। इसे ही जुलाई 1830 की फ्रांस क्रांति कहते हैं। परिणमतः चार्ल्स-X फ्रांस की राजगद्दी त्याग कर इंगलैंड पलायन कर गया और इस प्रकारबुर्बो वंश के शासन का अन्त हो गया।
- बूर्वो वंश के स्थान पर आर्लियस वंश को गद्दी सौंपी गयीलुई फिलिप उसका शासक बना।
- 1871 ई. तक इटली का एकीकरण मेजनी, काबूर, गैरी-बाल्डी जैसे राष्ट्रवादी नेताओं एवं विक्टर इमैनुएल जैसे शासक के योगदानों के कारण पूर्ण हुआ।
- 1871 में ही जर्मनी एक एकीकृत राष्ट्र के रूप में यूरोप के राजनैतिक मानचित्र में पाया जिसमेंजालवेरिन विस्मार्क की भूमिका मुख्य थी।
- राष्ट्रवाद की भावना का बीजारोपण यूरोप में पुनर्जागरण के काल से प्रारंभ हो चुका या परंतु उन्नत रूप में 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रांति से प्रकट हुई।
- नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक एवं राजनैतिक रूपरेखा प्रदान की जिससेइटली और जर्मनी का एकीकरण हुआ।
- नेपोलियन के पतन के बाद यूरोप की विजयी शक्तियाँऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में 1815 में एकत्र हुई।
- वियना काँग्रेस (1815) का मुख्य उद्देश्य यूरोप में पुनः उसी व्यवस्था को स्थापित करना
था जिसेनेपोलियन ने समाप्त कर दिया था। - सन् 1815 ई. केवियना सम्मेलन की मेजबानी आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख ने किया जो घोर प्रतिक्रियावादी था।
- वियना सम्मेलन में शामिल हुए देशों में ब्रिटेन रूसप्रशा औरऑस्ट्रिया मुख्य थे।
- गणतंत्र एवं प्रजातंत्र जो फ्रांसीसी क्रांति की देन थी, उसका विरोध करना और पुरातन व्यवस्था की पुनर्स्थापना करना मेटरनिख व्यवस्था का उद्देश्य था।
- 1848 ई. की फ्रांसीसी क्रांति नेमेटरनिख युग का अंत कर दिया।
- विलियम प्रथम प्रशा का शासक था जिसने. विस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया।
- “रक्त और लौह की नीति” का अवलम्बन बिस्मार्क ने किया।
- ऑस्ट्रिया एवं प्रशा के बीच 1866 ई. में सेंडोवा का युद्ध’ हुआ।
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