अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
बिहार की पूर्वी सीमा पर स्थित राज्य का नाम लिखें।
उत्तर-
प. बंगाल बिहार की पूर्वी सीमा पर स्थित है।
प्रश्न 2.
बिहार के किस भाग में सोमेश्वर की पहाड़ियाँ स्थित हैं ?
उत्तर-
बिहार के गंगा के उत्तरी मैदान में पश्चिमोत्तर कोने पर सोमेश्वर की पहाड़ियाँ स्थित हैं।
प्रश्न 3.
बिहार राज्य से झारखण्ड कब अलग हुआ? सही तिथि का उल्लेख करें।
उत्तर-
15 नवंबर 2000 को झारखण्ड बिहार राज्य से अलग हो गया।
प्रश्न 4.
बिहार में सबसे बड़ा ताल क्षेत्र कहाँ स्थित है ?
उत्तर-
बिहार में सबसे बड़ा ताल क्षेत्र मोकामा में स्थित है।
प्रश्न 5.
बिहार में सिंचाई का सबसे बड़ा साधन क्या है ?
उत्तर-
बिहार में सिंचाई के तीन मुख्य साधन हैं-
- नहरें
- कुएं और नलकूप तथा
- तालाब, आहार और पईन।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
बिहार में गेहूं के पाँच प्रमुख उत्पादक जिलों के नाम लिखें।
उत्तर-
बिहार में गेहूँ उत्पादन करने वाले पाँच-दरभंगा, रोहतास, गया, सिवान तथा औरंगाबाद इत्यादि प्रमुख जिले हैं।
प्रश्न 2.
बिहार के दक्षिण की ओर बहने वाली नदियों के नाम लिखें।
उत्तर-
बिहार के दक्षिण की ओर बहने वाली नदियों में सोन, पुनपुन, फल्गु, चानन और चीर नदियाँ प्रमुख हैं।
प्रश्न 3.
बिहार राज्य के सबसे अधिक वर्षा वाले दो जिलों के नाम लें।
उत्तर-
बिहार राज्य के सबसे अधिक वर्षा वाले दो जिले किशनगंज जहाँ 200-300 सेमी. या इससे भी अधिक वर्षा होती है तथा कटिहार जहाँ 150-200 सेमी. के बीच वर्षा होती है।
प्रश्न 4.
गंगा के दक्षिण के मैदान की मिट्टी का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
गंगा के दक्षिणी मैदान में केवाली मिट्टी पाई जाती है। बक्सर, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद, पटना, नालन्दा, बाढ़, मुंगेर और भागलपुर के मैदानी भाग में बांगर या पुरानी जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है। कुछ स्थानों पर तीन-चार महीने तक बाढ़ का पानी एकत्र हो जाने से विशाल ‘ताल’ का रूप ले लेता है। इसमें बड़हिया ताल सबसे बड़ा है। इसमें पानी सूखने पर दलहन की अच्छी उपज ली जाती है। ताल के ऊपर के क्षेत्र केवाली मिट्टी के हैं। इसमें समुचित वर्षा के अभाव में सिंचाई का सहारा लिया जाता है और अच्छी उपज ली जाती है।
प्रश्न 5.
बिहार राज्य के किस जिले में चूना-पत्थर अधिक मिलता है ?
उत्तर-
बिहार के रोहतास और मुंगेर जिले में चूनापत्थर अधिक मिलता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
प्राकृतिक संसाधनों का नाम दें। किसी एक का बिहार में वितरण बताएँ।
उत्तर-
बिहार के प्राकृतिक संसाधन निम्नलिखित हैं
(क) मिट्टी
(ख) खनिज
(ग) वन और वन्य प्राणी तथा
(घ) जल या जलशक्ति।
मिटटी का वितरण बिहार के मैदानी भाग में सर्वत्र वाहित मिट्टियाँ पाई जाती हैं। अति प्राचीन काल में उत्तरी मैदान में सागर था, जो नदियों के द्वारा लाई गई और जमा की कई मिट्टियों से भरकर समतल मैदान बन गया। इस वाहित मिट्टी को जलोढ़ मिट्टी के नाम से पुकारा जाता है। इसे कई उपवर्गों में बांटा गया है
(i) तराई या दलदली क्षेत्र की जलोढ़ मिट्टी इसका वितरण सबसे उत्तर में 5 से 10 किलोमीटर चौड़ी पट्टी में मिलता है। हिमालय की तराई होने, घनी वर्षा होने और घने पेड़-पौधों से भरा होने के कारण इस क्षेत्र में बहुत अधिक नमी बनी रहती है। इस मिट्टी में चूने का अंश कम होता है। रंग गाढा भूरा होता है, यह बहुत उपजाऊ नहीं होती है। इसमें धान, जूट, गन्ना आम
और लीची की खेती की जाती है।
(ii) बाँगर या परानी जलोढ मिटटी इसका वितरण गंडक नदी के पूर्वी और पश्चिमी दोनों क्षेत्र में पाया जाता है। इस मिट्टी में चूना-कंकड़ अधिक मिलता है। मिट्टी का रंग भूरा और कालिमा लिए हुए होता है। यह गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसमें मकई, जौ, गेहूँ की भी खेती की जाती है।
(iii) खादर या नई जलोढ मिट्टी इसका वितरण बूढ़ी गंडक के पूरब में है। यह दोमट मिट्टी है। यह क्षेत्र बाढ़ग्रस्त रहा करता है। इसमें जूट की खेती की जाती है। इसके पश्चिमी भाग में गन्ने की खेती की जाती है। धान की भी अच्छी खेती की जाती है।
(iv) गंगा के दक्षिणी मैदान की केवाल मिटटी यहां पश्चिमी भाग में बाँगर मिट्टी मिलती है। पूर्व के निम्न भागों में ताल जैसे बड़हिया का ताल मिलता है, जो दलहन की पैदावर के लिए विख्यात है। यही मिट्टी दोमट और केवाल किस्म की है।
प्रश्न 2.
आर्द्र पर्णपाती और शुष्क पर्णपाती वनों में क्या अन्तर है ? इनके पेड़ों के तीन-तीन उदाहरण दें।
उत्तर-
बिहार के वन मॉनसूनी प्रकार के हैं और पर्णपाती हैं। सामान्यतः 125cm से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में शुष्क पर्णपाती वन पाया जाता है। आई पर्णपाती वनों के वृक्ष सदाबहार होते हैं जैसे आम, जामुन, कटहल, सखुआ, पलास, पीपल सेमल, बरगद, करंग, गंभार आदि। वनों के अतिरिक्त साबेघास भी पाया जाता है। इस प्रकार के वृक्ष मुख्यतः चम्पारण, सहरसा, पूर्णिया एवं अररिया के उत्तर भाग में पाये जाते हैं।
शुष्क पर्णपाती वनों में भी वे सभी पेड़ उगते हैं जो आई पर्णपाती वनों में पाये जाते हैं। परंतु ये आकार में छोटे और कम घने होते हैं और ग्रीष्म काल के प्रारंभ में ही इनके पत्ते गिर जाते हैं। इनमें मुख्यतः शीशम, महुआ, पलास, बबूल, खजूर और बाँस के पेड़ मिलते हैं, आम, अमरूद, कटहल के पेड़ भी पाये जाते हैं। ऐसे वन कृषि कार्य एवं आवास बनाने हेतु तेजी से काटे जा रहे हैं। फिर भी गया, दक्षिणी मुंगेर तथा दक्षिणी भागलपुर में इनकी संघनता पाई जाती है। नेपाल की सीमा से सटे तराई भागों में वर्षा की अधिकता के कारण आर्द्र पर्णपाती वन मिलते हैं जिसमें शीशम, सखुआ, सेमल तथा खैर के पेड़ों की प्रमुखता रहती है। कोसी क्षेत्र में नरकट जाति की झाड़ियाँ भी उगती हैं।
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