Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग

 


Bihar Board Class 10 Geography भारत : संसाधन एवं उपयोग Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

भारत संसाधन एवं उपयोग प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 1.
कोयला किस प्रकार का संसाधन है ?
(क) अनवीकरणीय
(ख) नवीकरणीय
(ग) जैव
(घ) अजैव
उत्तर-
(क) अनवीकरणीय

भारत संसाधन एवं उपयोग Bihar Board Class 10 प्रश्न 2.
सौर ऊर्जा निम्नलिखित में से कौन-सा संसाधन है
(क) मानवकृत
(ख) पुनः पूर्तियोग्य
(ग) अजैव
(घ) अचक्रीय
उत्तर-
(ख) पुनः पूर्तियोग्य

Bharat Sansadhan Evam Upyog Bihar Board प्रश्न 3.
तट रेखा से कितने किमी. क्षेत्र सीमा अपवर्तक आर्थिक क्षेत्र कहलाते हैं ?
(क) 100 NM
(ख) 200 NM
(ग) 150 NM
(घ) 250 NM
उत्तर-
(ख) 200 NM

Geography Class 10 Chapter 1 Notes Bihar Board प्रश्न 4.
डाकू की अर्थव्यवस्था का संबंध है
(क) संसाधन संग्रहण से
(ख) संसाधन के विदोहण से
(ग) संसाधन के नियोजित दोहन से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) संसाधन के विदोहण से

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 5.
समुद्री क्षेत्र में राजनैतिक सीमा के कितने किमी. तक राष्ट्रीय सम्पदा निहित है
(क) 10.2 किमी.
(ख) 15.5 किमी.
(ग) 12.2 किमी.
(घ) 19.2 किमी.
उत्तर-
(ग) 12.2 किमी.

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 1.
संसाधन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
सामान्य तौर मानवीय उपयोग में आनेवाली सभी वस्तुएँ संसाधन कहलाती हैं। जैसे भूमि, मृदा, जल, वायु, खनिज, जीव, प्रकाश इत्यादि। वर्तमान परिवेश में सेवाओं को भी संसाधन माना गया है। जैसे-गायक, कवि, चित्रकार इत्यादि की सेवा।।
वस्तुतः संसाधन का अर्थ बहुत ही व्यापक है। प्रसिद्ध भूगोलविद ‘जिम्मरमैन’ के अनुसा -“संसाधन होते नहीं, बनते हैं।

भारत संसाधन एवं उपयोग क्लास 10th Bihar Board प्रश्न 2.
संभावी एवं संचित कोष संसाधन में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
संभावी संसाधन-ऐसे संसाधन जो किसी क्षेत्र विशेष में मौजूद होते हैं, जिसे उपयोग में लाये जाने की संभावना रहती है। जिसका उपयोग अभी तक नहीं किया गया हो। जैसे-हिमालयी क्षेत्र का खनिज, अधिक गहराई में होने के कारण दुर्गम है।

संचित कोष संसाधन वास्तव में ऐसे संसाधन भंडार के ही अंश हैं जिसे उपलब्ध तकनीक के आधार पर प्रयोग में लाया जा सकता है। किन्तु इनका उपयोग प्रारंभ नहीं हुआ है। जैसे नदी का जलं भविष्य में जल विद्युत के रूप में उपयोग हो सकता है।

Bihar Board Geography Solution Class 10 प्रश्न 3.
संसाधन संरक्षण की उपयोगिता को लिखिए।
उत्तर-
सभ्यता एवं संस्कृति के विकास में संसाधन की अहम भूमिका होती है। किन्तु संसाधनों का अविवेकपूर्ण या अतिशय उपयोग; विविध सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म देता है। इन समस्याओं के समाधान हेतु विभिन्न स्तरों पर संरक्षण की आवश्यकता होती है।

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 4.
संसाधन-निर्माण में तकनीक की क्या भूमिका है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
संसाधन-निर्माण में तकनीक की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि अनेक प्रकृति-प्रदत्त वस्तुएँ तब तक संसाधन का रूप नहीं लेती जबतक कि किसी विशेष तकनीक द्वारा उन्हें उपयोगी नहीं बनाया जाता। जैसे-नदियों के बहते जल से पनबिजली उत्पन्न करना, बहती हुई वायु से पवन ऊर्जा उत्पन्न करना, भूगर्भ में उपस्थित खनिज अयस्कों का शोधन कर उपयोगी बनाना, इन सभी में अलग-अलग तकनीकों की आवश्यकता होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोतर

Geography Class 10 Bihar Board प्रश्न 1.
संसाधन के विकास में ‘सतत-विकास की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
संसाधन मनुष्य के जीविका का आधार है। जीवन की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए संसाधनों के सतत् विकास की अवधारणा अत्यावश्यक है। ‘संसाधन प्रकृति-प्रदत्त उपहार है।’ की अवधारणा के कारण मानव ने इनका अंधाधुंध दोहन किया जिसके कारण पर्यावरणीय समस्याएँ भी उत्पन्न हो गयी हैं।

व्यक्ति का लालच लिप्सा ने संसाधनों का तीव्रतम दोहन कर संसाधनों के भण्डार में चिंतनीय हास ला दिया है। संसाधनों का केन्द्रीकरण खास लोगों के हाथों में आने से समाज दो स्पष्ट भागों में (सम्पन्न और विपन्न) बँट गया है।

संपन्न लोगों द्वारा स्वार्थ के वशीभूत होकर संसाधनों का विवेकहीन दोहन किया गया जिससे विश्व पारिस्थितिकी में घोर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जैसे भूमंडलीय तापन, ओजोन अवक्षय, पर्यावरण प्रदूषण, अम्ल वर्षा इत्यादि।

उपर्युक्त परिस्थितियों से निजात पाने, विश्व-शांति के साथ जैव जगत् को गुणवत्तापूर्ण जीवन लौटाने के लिए सर्वप्रथम समाज में संसाधनों का न्याय-संगत बँटवारा अपरिहार्य है अर्थात् संसाधनों का नियोजित उपयोग हो। इससे पर्यावरण को बिना क्षति पहुँचाये, भविष्य की आवश्यकताओं के मद्देनजर, वर्तमान विकास को कायम रखा जा सकता है। ऐसी अवधारणा सतत विकास कही जाती है जिसमें वर्तमान के विकास के साथ भविष्य सुरक्षित रह सकता है।

Bihar Board Solution Class 10 प्रश्न 2.
स्वामित्व के आधार पर संसाधन के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वामित्व के आधार पर संसाधन चार प्रकार के होते हैं
(a) व्यक्तिगत संसाधन-ऐसे संसाधन किसी खास व्यक्ति के अधिकार क्षेत्र में होते हैं जिसके बदले में वे सरकार को लगान भी चुकाते हैं। जैसे- भूखंड, घर व अन्य जायदाद; ही संसाधन है, जिसपर लोगों का निजी स्वामित्व है। बाग-बगीचा, तालाब, कुआँ इत्यादि भी ऐसे ही संसाधन हैं जिनपर व्यक्ति निजी स्वामित्व रखता है।

(b) सामुदायिक संसाधन ऐसे संसाधन किसी खास समुदाय के आधिपत्य में होती हैं जिनका उपयोग समूह के लिए सुलभ होता है। गाँवों में चारण-भूमि, श्मशान, मंदिर या मस्जिद परिसर, सामुदायिक भवन, तालाब आदि। नगरीय क्षेत्र में इस प्रकार के संसाधन सार्वजनिक पार्क, पिकनिक स्थल, खेल मैदान, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा एवं गिरजाघर के रूप में ये संसाधन सम्बन्धित समुदाय के लोगों के लिए सर्वसुलभ होते हैं।

(c) राष्ट्रीय संसाधन कानूनी तौर पर देश या राष्ट्र के अन्तर्गत सभी उपलब्ध संसाधन राष्ट्रीय हैं। देश की सरकार को वैधानिक हक है कि वे व्यक्तिगत संसाधनों का अधिग्रहणं आम जनता के हित में कर सकती है।

(d) अंतर्राष्ट्रीय संसाधन-ऐसे संसाधनों का नियंत्रण अंतर्राष्ट्रीय संस्था करती है। तट-रेखा से 200N.M. दूरी छोड़कर खुले महासागरीय संसाधनों पर किसी देश का आधिपत्य नहीं होता, है। ऐसे संसाधन का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की सहमति से किसी राष्ट्र द्वारा किया जा सकता है।

परियोजना कार्य

Bihar Board Class 10 Geography Solution प्रश्न 1.
विद्यालय में विषय शिक्षक से मिलकर एक संगोष्ठी का आयोजन करें, जिसमें उपयोग में आनेवाले संसाधनों के संरक्षण के उपाय पर चर्चा हो।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

भारत के संसाधन प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 2.
अपने प्रखंड में उपलब्ध संभाव्य संसाधन का सर्वेक्षण कर उसके विकास पर आधारित एक प्रतिवेदन प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 10 Geography प्राकृतिक संसाधन Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 1.
पंजाब में भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण है ?
(क) वनोन्मूलन
(ख) गहन खेती
(ग) अतिपशुचारण
(घ) अधिक सिंचाई
उत्तर-
(क) वनोन्मूलन

प्राकृतिक संसाधन प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 2.
सोपानी कृषि किस राज्य में प्रचलित है ?
(क) हरियाणा
(ख) पंजाब
(ग) बिहार का मैदानी क्षेत्र
(घ) उत्तराखंड
उत्तर-
(ग) बिहार का मैदानी क्षेत्र

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 3.
मरुस्थलीय मृदा का विस्तार निम्न में से कहाँ है ?
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) राजस्थान
(ग) कर्नाटक
(घ) महाराष्ट्र
उत्तर-
(ख) राजस्थान

Prakritik Sansadhan Class 10 Bihar Board प्रश्न 4.
मेढक के प्रजनन को नष्ट करने वाला रसायन कौन है ?
(क) बेंजीन
(ख) यूरिया
(ग) एड्रिन
(घ) फास्फोरस .
उत्तर-
(ग) एड्रिन

Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 5.
काली मृदा का दूसरा नाम क्या है ?
(क) बलुई मिट्टी
(ख) रेगुर मिट्टी
(ग) लाल मिट्टी
(घ) पर्वतीय मिट्टी
उत्तर-
(ख) रेगुर मिट्टी

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 1.
जलोढ़ मिट्टी के विस्तार वाले राज्यों के नाम बतावें। इस मृदा में कौन-कौन सी फसलें लगायी जा सकती हैं ?
उत्तर-
बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, बंगाल इत्यादि राज्यों में जलोढ़ मिट्टी का विस्तार है। इस मृदा में गन्ना, चावल, गेहूँ, मक्का, दलहन इत्यादि फसलें उगाई जाती हैं।

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 2.
समोच्च कृषि से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
पहाड़ी ढलानों पर जल के तेज बहाव से बचने के लिए सीढ़ीनुमा ढाल बनाकर की जाने वाली खेती को समोच्च कृषि कहते हैं। इससे मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।

Social Science In Hindi Class 10 Bihar Board Pdf प्रश्न 3.
पवन अपरदन वाले क्षेत्र में कृषि की कौन-सी पद्धति उपयोगी मानी जाती है?
उत्तर-
पवन अपरदन वाले क्षेत्रों में पट्टिका कृषि श्रेयस्कर है, जो फसलों के बीच घास की पट्टियाँ विकसित कर की जाती हैं।

Geography Class 10 Bihar Board प्रश्न 4.
भारत के किन भागों में डेल्टा का विकास हुआ है ? वहाँ की मदा की क्या विशेषता है?
उत्तर-
गंगा नदी द्वारा पश्चिम बंगाल में, महानदी, कृष्णा, कावेरी और गोदावरी नदियों द्वारा पूर्वी तटीय मैदान में डेल्टा का निर्माण हुआ है।
इन क्षेत्रों में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है। इस मिट्टी का गठन बालू, सिल्ट एवं मृतिका के विभिन्न अनुपात से होता है। इसका रंग धुंधला से लेकर लालिमा लिये भूरे रंग का होता है।

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 प्रश्न 5.
फसल चक्रण मृदा संरक्षण में किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर-
दो धान्य फसलों के बीच एक दलहन की फसल को उगाना, फसल चक्रण कहलाता है। इसके द्वारा मृदा के पोषणीय स्तर को बरकरार रखा जा सकता है, क्योंकि दलहनी पौधों की जड़ों में नाइट्रोजनी स्थिरीकारक जीवाणु पाये जाते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 Social Science Notes प्रश्न 1.
जलाक्रांतता कैसे उपस्थित होता है ? मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका है ?
उत्तर-
अति सिंचाई से जलाक्रांतता की समस्या पैदा होती है। पंजाब, हरियाणा और प. उत्तर प्रदेश में इससे भूमि का निम्नीकरण हुआ है।
जलाक्रांतता से मृदा में लवणीय और क्षारीय गुण बढ़ जाते हैं जो भूमि के निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी होते हैं। इससे मृदा की उर्वरा शक्ति घटते जाती है और भूमि धीरे-धीरे बंजर हो जाती है।
जलाक्रांतता एक बड़ी समस्या है जो मृदा अपरदन में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

Bihar Board Class 10 History Book प्रश्न 2.
मृदा संरक्षण पर. एक निबंध लिखिए।
उत्तर-
मृदा पारितंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह न केवल पौधों के विकास का मध्यम है। बल्कि पृथ्वी पर विविध जीव समुदायों का पोषण भी करती है। मृदा में निहित उर्वरता मानव के आर्थिक क्रियाकलाप को प्रभावित करती है और देश की नियति का भी निर्धारण करती है। मृदा निर्माण एक लंबी अवधि में पूर्ण होने वाली जटिल प्रक्रिया है। इसके नष्ट होने के साथ संपत्ति एवं संस्कृति दोनों ध्वस्त हो जाती है।

मदा का अपने स्थान से विविध क्रियाओं द्वारा स्थानांतरित होना भ-क्षरण कहलाता है। यह मृदा की एक बहुत बड़ी समस्या है। मृदा का क्षरण कई कारणों जैसे वायु और जल के तेज बहाव से, जलक्रांतता से, अतिपशुचारण से, खनन रसायनों का अत्यधिक उपयोग जैसी मानवीय अनुक्रियाओं द्वारा होता है। – वृक्षारोपण, पट्टिका कृषि, फसलचक्रण, समोच्च कृषि इत्यादि द्वारा भू-क्षरण को रोकना मृदा संरक्षण का मुख्य तरीका है।

वृक्षारोपण मृदा संरक्षण की सबसे बड़ी शर्त है; जिससे मृदा को बाधा पहुँचती है और इनकी पत्तियों से प्राप्त ह्यूमस मृदा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग मृदा संरक्षण में सहायक होता है।

प्रश्न 3.
भारत में अत्यधिक पशुधन होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नगण्य है। स्पष्ट करें।
उत्तर-
भारत में पशुधन के मामले में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल किया जाता है। किन्तु स्थायी चारागाह के लिए बहुत कम भूमि उपलब्ध है जो पशुधन के लिए पर्याप्त नहीं है। अतः पशुपालन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में परती के अतिरिक्त अन्य परती भूमि अनुपजाऊ है। ऐसी भूमि में दो तीन वर्ष में अधिक से अधिक दो बार बोया जा सकता है। अगर ऐसी भूमि को भी शुद्ध बोया गया क्षेत्र में शामिल कर लिया जाय तब भी वर्तमान उपलब्ध क्षेत्रफल का मात्र 54% भूमि ही कृषि योग्य है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन का नगण्य योगदान का कारण निम्न है-

  • उन्नत पशुनस्लों की अपर्याप्तता।
  • चारागाह के लिए भूमि की कमी।
  • वैज्ञानिक प्रणाली एवं तकनीकी ज्ञान का अभाव।
  • बढ़ती जनसंख्या का अति दबाव।
  • पूँजी का अभाव इत्यादि।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
अपने आस-पास के क्षेत्र में उपलब्ध मृदा संसाधन के उपयोग एवं संरक्षण हेतु एक परियोजना तैयार करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
ग्राम प्रतिनिधि, विद्यालय प्रधान से मिलकर संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन पर एक संगोष्ठी का आयोजन करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।


Bihar Board Class 10 Geography जल संसाधन Text Book Questions and Answers

 

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

जल संसाधन के प्रश्न उत्तर Bihar Board प्रश्न 1.
वृहद क्षेत्रों में जल की उपस्थिति के कारण ही पृथ्वी को कहते हैं
(क) उजला ग्रह
(ख) नीला ग्रह
(ग) लाल ग्रह
(घ) हरा ग्रह
उत्तर-
(ख) नीला ग्रह

जल संसाधन Class 10 Bihar Board प्रश्न 2.
कुल जल का कितना प्रतिशत भाग महासागरों में निहित है ?
(क) 9.5%
(ख) 95:5%
(ग) 96.5%
(घ) 96.6%
उत्तर-
(ग) 96.5%

Jal Sansadhan Class 10 Bihar Board प्रश्न 3.
देश के बाँधों को किसने ‘भारत का मंदिर’ कहा था?
(क) महात्मा गाँधी
(ख) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(ग) पंडित नेहरू
(घ) स्वामी विवेकानन्द
उत्तर-
(ग) पंडित नेहरू

जल संसाधन से संबंधित प्रश्न Bihar Board प्रश्न 4.
प्राणियों के शरीर में कितना प्रतिशत जल की मात्रा निहित होती है ?
(क) 55%
(ख) 60%
(ग) 65%
(घ) 70%
उत्तर-
(ग) 65%

Jal Sansadhan Question Answer Bihar Board प्रश्न 5.
बिहार में अति जल दोहन से किस तत्व का संकेन्द्रण बढ़ा है ?
(क) फ्लोराइड
(ख) क्लोराइड
(ग) आर्सेनिक
(घ) लोह
उत्तर-
(ग) आर्सेनिक

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

जल संसाधन Class 10 Pdf Bihar Board प्रश्न 1.
बहुउद्देशीय परियोजना से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
वैसी परियोजना जिसके द्वारा कई उद्देश्यों जैसे बाढ़ नियंत्रण, मृदा अपरदन पर रोक, पेय एवं सिंचाई हेतु जलापूर्ति, विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, जल कृषि, वन्य जीव संरक्षण, पर्यटन इत्यादि की पूर्ति एक साथ हो जाती है बहुउद्देशीय परियोजना कहलाती है।

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 2.
जल संसाधन के ज्या उपयोग हैं ? लिखें।
उत्तर-
जल को ही जीवन कहा जाता है। जल के उपयोग की सूची लंबी है। पेयजल, घरेलू कार्य, सिंचाई, उद्योग, जनस्वास्थ्य, स्वच्छता तथा मल-मूत्र विसर्जन इत्यादि कार्यों के लिए जल अपरिहार्य है। इसके अलावे जल-विद्युत निर्माण तथा परमाणु संयंत्र-शीतलन, मत्स्य पालन, जल कृषि वानिकी, जल क्रीड़ा जैसे कार्य की कल्पना बिना जल के नहीं की जा सकती है।

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 3.
अंतर्राज्यीय जल-विवाद का क्या कारण है ?
उत्तर-
चूँकि जल एक व्यापक उपयोगिता वाला संसाधन है और सभी के लिए आवश्यक भी है अतः अपनी-अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अधिकाधिक जल प्राप्त करना अर्थात् जल का बँटवारा ही विवाद का मुख्य कारण है। भारत में कर्नाटक एवं तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के जल बंटवारे का विवाद काफी पुराना है।

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 4.
जल संकट क्या है?
उत्तर-
उद्देश्य जनित जल की अनुपलब्धता को ही जल-संकट के रूप में जाना जाता है। पृथ्वी पर विशाल जलसागर होने एवं नवीकरणीय संसाधन होने के बावजूद जल दुर्लभता एक जटिल समस्या है। जल संकट के भाव उत्पन्न होते ही मानस पटल पर सूखाग्रस्त या अनावृष्टि क्षेत्र का चित्र उपस्थित होने लगता है।

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 5.
भारत की नदियों के प्रदूषण के कारणों का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत की नदियों के प्रदूषण के कारण निम्नलिखित हैं

  • शहरों में बढ़ती आबादी और जीवन-शैली।
  • वाहित मल-जल का नदियों में निस्तारण।
  • धार्मिक अनुष्ठान एवं अंधविश्वास।
  • औद्योगिक अवशिष्टों का नदियों में निस्तारण।
  • शवों का विसर्जना

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर –

Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 1.
जल संरक्षण से आप क्या समझते हैं ? इसके क्या उपाय हैं ?
उत्तर-
उद्देश्य जनिल जलं की पर्याप्तता को बनाये रखना, जल को प्रदूषित होने से बचाना तथा वर्षाऋतु में निरुद्देश्य बहने वाले जल को सुरक्षित करना ही जल संरक्षण कहलाता है। जल संरक्षण के उपाय निम्न हैं

(i) भूमिगत जल की पूनर्पूर्ति- भूमिगत जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण जल स्रोत है। आज इसका कई प्रकार से दोहन भी हो रहा है जिससे भूमिगत जल के स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। अत: इसकी पूनर्पूर्ति आवश्यक है। इसके लिए वृक्षारोपण, जैविक तथा कम्पोस्ट खाद का उपयोग, वेटलैंड्स का संरक्षण, वर्षा जल का संचयन एवं मल-जल शोधन पुनः चक्रण जैसे क्रियाकलाप उपयोगी होते हैं।

(ii) जल संभर प्रबंधन (Watershed Management)- जल प्रवाह या जल जमाव का उपयोग कर उद्यान, कृषि वानिकी, जल कृषि, कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इससे पेयजल की आपूर्ति भी की जा सकती है। इस प्रबंधन को छोटी इकाइयों पर लागू करने की आवश्यकता है। इसके लिए जलाशयों, नहरों इत्यादि का निर्माण करना चाहिए।

(iii) तकनीकि विकास- तकनीकी विकास से तात्पर्य ऐसे उपक्रम से है जिसमें जल का कम-से-कम उपयोग कर, अधिकाधिक लाभ लिया जा सके। जैसे ड्रिप सिंचाई, लिफ्ट सिंचाई, सूक्ष्म फुहारों से सिंचाई, सीढ़ीनुमा खेती इत्यादि।

प्रश्न 2.
वर्षा जल की मानव जीवन में क्या भूमिका है ? इसके संग्रहण एवं पुनःचक्रण की विधियों का उल्लेख करें।
उत्तर-
हमारे लिए उपयोगी जल की एक बड़ी मात्रा वर्षा जल द्वारा ही पूरी होती है। खासकर । हमारे देश की कृषि वर्षाजल पर ही आधारित होती है। पश्चिम भारत खासकर राजस्थान में पेयजल हेतु वर्षाजल का संग्रहण छत पर किया जाता था। पं. बंगाल में बाढ़ मैदान में सिंचाई के लिए बाढ़ जल वाहिकाएँ बनाने का चलन था।

शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल को एकत्रित करने के लिए गड्ढों का निर्माण किया जाता था जिससे मृदा सिंचित कर खेती की जा सके। इसे राजस्थान के जैसलमेर में ‘खरदीन’ तथा अन्य क्षेत्रों में जोहड़’ के नाम से पुकारा जाता है। राजस्थान के वीरानों फलोदी और बाड़मेर जैसे शुष्क क्षेत्रों में पेय-जल का संचय भूमिगत टैंक में किया जाता है जिसे ‘टाँका’ कहा जाता है। यह प्रायः आँगन में हुआ करता है जिसमें छत पर संग्रहित जल को पाइप द्वारा जोड़ दिया जाता है।

इस कार्य में राजस्थान की N.G.O. ‘तरुण भारत संघ’ पिछले कई वर्षों से कार्य कर रही है। मेघालय के शिलांग में छत वर्षाजल का संग्रहण आज भी प्रचलित है। कर्नाटक के मैसूर जिले में स्थित गंगथर गाँव में छत-जल संग्रहण की व्यवस्था 200 घरों में है जो तब संरक्षण की दिशा में एक मिसाल है। वर्तमान समय में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश बाजस्थान एवं गुजरात सहित कई राज्यों में वर्षा-जल संरक्षण एवं पुनः चक्रण किया जा रहा है।

परियोजना कार्य

Social Science Class 10th Bihar Board प्रश्न 1.
अपने विद्यालय के आस-पास बहने वाली नदियों के जल-उपयोग पर एक ‘परियोजना तैयार करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।


Bihar Board Class 10 Geography वन एवं वन्य प्राणी संसाधन Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

वन एवं वन्य प्राणी संसाधन Bihar Board Class 10 प्रश्न 1.
भारत में 2001 में कितने प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में वन का विस्तार है?
(क) 25
(ख) 19.27
(ग).20
(घ) 20.60
उत्तर-
(ख) 19.27

वन एवं वन्य जीव संसाधन Class 10 Important Questions प्रश्न 2.
वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार भारत में वन का विस्तार है।
(क) 20.60% भौगोलिक क्षेत्र में
(ख) 20.55% भौगोलिक क्षेत्र में
(ग) 20% भौगोलिक क्षेत्र में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) 20.55% भौगोलिक क्षेत्र में

वन एवं वन्य जीवों का महत्व Bihar Board Class 10 प्रश्न 3.
बिहार में कितने प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में वन का फैलाव है ?
(क) 15
(ख) 20
(ग) 10
(घ) 5
उत्तर-
(घ) 5

वन एवं वन्य जीव संसाधन के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 4.
पूर्वोत्तर राज्यों के 188 आदिवासी जिलों में देश के कुल क्षेत्र का कितना प्रतिशत वन
(क) 75
(ख) 80.05
(ग) 90.03
(घ) 60.11
उत्तर-
(घ) 60.11

वन एवं वन्य जीव संसाधन Class 10 Bihar Board प्रश्न 5.
किस राज्य में वन का सबसे अधिक विस्तार है ?
(क) केरल
(ख) कर्नाटक
(ग) मध्य प्रदेश
(घ) उत्तर प्रदेश
उत्तर-
(ग) मध्य प्रदेश

वन एवं वन्य जीव संसाधन Bihar Board Class 10 प्रश्न 6.
वन संरक्षण एवं प्रबंधन की दृष्टि से वनों को वर्गीकृत किया गया है
(क) 4 वर्गों में
(ख) 5 वर्गों में
(ग) 5 वर्गों में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) 5 वर्गों में

वन्य जीव संरक्षण प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 7.
1951 से 1980 तक लगभग कितना वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र कृषि-भूमि में परिवर्तित हुआ?
(क) 30,000
(ख) 26,200
(ग) 25,200
(घ) 35,500
उत्तर-
(ख) 26,200

वन्य प्राणियों के नष्ट होने के तीन कारण Bihar Board Class 10 प्रश्न 8.
संविधान की धारा 21 का संबंध है
(क) वन्य जीवों तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण
(ख) मृदा संरक्षण
(ग) जल संसाधन संरक्षण
(घ) खनिज सम्पदा संरक्षण
उत्तर-
(क) वन्य जीवों तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण

वन एवं वन्य जीव Bihar Board Class 10 प्रश्न 9.
एक ए ओ की वानिकी रिपोर्ट के अनुसार 1948 में विश्व में कितने हेक्टेयर भूमि पर वन का विस्तार था।
(क) 6 अरब हेक्टेयर
(ख) 4 अरब हेक्टेयर
(ग) 8 अरब हेक्टेयर में
(घ) 5 अरब हेक्टेयर में
उत्तर-
(ख) 4 अरब हेक्टेयर

प्रश्न 10.
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण 1968 में कौन-सा कनवेंशन हुआ था?
(क) अफ्रीकी कनवेंशन
(ख) वेटलैंड्स कनवेंशन
(ग) विश्व आपदा कनवेंशन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क) अफ्रीकी कनवेंशन

प्रश्न 11.
इनमें कौन-सा जीव है जो केवल भारत ही में पाया जाता है ?
(क) घड़ियाल
(ख) डॉलफिन
(ग) ह्वेल
(घ) कछुआ
उत्तर-
(ख) डॉलफिन

प्रश्न 12.
भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
(क) कबूतर
(ख) हंस
(ग) मयूर
(घ) तोता
उत्तर-
(ग) मयूर

प्रश्न 13.
मैंग्रोव्स का सबसे अधिक विस्तार है
(क) अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह के तटीय भाग में
(ख) सुन्दरवन में
(ग) पश्चिमी तटीय प्रदेश में
(घ) पूर्वोत्तर राज्य में
उत्तर-
(ख) सुन्दरवन में

प्रश्न 14.
टेक्सोल का उपयोग होता है
(क) मलेरिया में
(ख) एड्स में
(ग) कैंसर में
(घ) टी.बी. के लिए
उत्तर-
(ग) कैंसर में

प्रश्न 15.
‘चरक’ का संबंध किस देश से था?
(क) म्यनमार से
(ख) श्रीलंका से
(ग) भारत से
(घ) नेपाल से
उत्तर-
(ग) भारत से

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बिहार में वन सम्पदा की वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
बिहार विभाजन के बाद वन विस्तार में बिहार राज्य दयनीय हो गयी है, क्योंकि वर्तमान बिहार में अधिकतर भूमि कृषि योग्य है। मात्र 6764.14 हेक्टेयर में वन क्षेत्र बच गया है। यह भोगोलिक क्षेत्र का मात्र 7.1 प्रतिशत है। बिहार के 38 जिलों में से 17 जिलों से वन क्षेत्र समाप्त हो गया है। पश्चिमी चम्पारण, मुंगेर, बांका, जमुई, नवादा, नालन्दा, गया, रोहतास, कैमूर और औरंगाबाद जिलों के वनों की स्थिति कुछ बेहतर है, जिसका कुल क्षेत्रफल 3700 वर्ग किमी है। शेष में अवक्रमित वनक्षेत्र है, वन के नाम पर केवल झाड़-झरमूट बच गए हैं।

प्रश्न 2.
वन विनाश के मुख्य कारकों को लिखें।
उत्तर-
वन विनाश के मुख्य कारक निम्न हैं-

  • कृषिगत भूमि का फैलाव
  • नदी घाटी परियोजनाओं के विकास के कारण
  • पशुचारण एवं ईंधन के लिए लकड़ियों का उपयोग
  • पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार भारत के कई क्षेत्रों में वाणिज्य की दृष्टि से एकल वृक्षारोपण करने से पेड़ों की दूसरी जातियाँ नष्ट हो गयीं, जैसे सागवान के एकल रोपण से दक्षिण भारत में अन्य प्राकृतिक वन बर्बाद हो गए।
  • भोजन, सुरक्षा एवं आनन्द के लिए वन्य जीवों का शिकार भी वन विनाश का एक मुख्य कारक है।

प्रश्न 3.
वन के पर्यावरणीय महत्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
वन एवं वन्य प्राणी मानव जीवन के प्रमुख हमसफर हैं। वन पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच जैसा है। यह केवल एक संसाधन ही नहीं, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण घटक है। यह जीवमंडल में सभी जीवों को संतुलित स्थिति में जीने के लिए अथवा संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान देता है क्योंकि सभी जीवों के लिए खाद्य ऊर्जा का प्रारंभिक स्रोत वनस्पति ही है।

प्रश्न 4.
वन्य-जीवों के ह्रास के चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
वन्य जीवों के हास के चार प्रमुख कारक निम्न हैं

  • प्राकृतिक आवासों का अतिक्रमण यातायात की सुविधाओं में वृद्धि आदि कारणों से – जीवों के प्राकृतिक आवासों का अतिक्रमण हो रहा है जिससे वन्य जीवों की सामान्य वृद्धि प्रजनन क्षमता में कमी आ गई।
  • प्रदूषण जनित समस्या प्रदूषण के कारण वन्य जीवों का जीवन-चक्र प्रभावित हो रहा है।
  • आर्थिक लाभ- अनेक वन्य जीवों एवं उसके उत्पाद का उपयोग आर्थिक लाभ के लिए हो रहा है जिससे उनका दोहन हो रहा है।
  • सह विलुप्तता-जब एक जाति विलुप्त होती है तब उसपर आधारित दूसरी जातियाँ भी विलुप्त होने लगती हैं।

प्रश्न 5.
वन और वन्य जीवों के संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
सहयोगी रीति-रिवाजों का वन और वन्य जीवों के संरक्षण में काफी महत्वपूर्ण योगदान है। ग्रामीण लोग कई धार्मिक अनुष्ठानों में 100 से अधिक पादप प्रजातियों का प्रयोग करते हैं और इन पौधों को अपने खेतों में भी उगाते हैं।
आदिवासियों को अपने क्षेत्र में पाये जाने वाले पेड़-पौधों तथा वन्य जीवों से भावनात्मक एवं आत्मीय लगाव होता है। वे प्रजननकाल में मादा वन पशुओं का शिकार नहीं करते हैं। वन संसाधनों का उपयोग चक्रीय पद्धति से करते हैं। वन के खास क्षेत्रों को सुरक्षित रख उसमें प्रवेश नहीं करते हैं।

प्रश्न 6.
चिपको आन्दोलन.क्या है ?
उत्तर-
उत्तर प्रदेश टेहरी-गढ़वाल पर्वतीय जिले में सुन्दरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में अनपढ़ जनजातियों द्वारा 1972 में एक आन्दोलन शुरू हुआ, जिसे चिपको आन्दोलन कहा जाता है। इस आन्दोलन में स्थानीय लोग ठेकेदारों को हरे-भरे पौधों को काटते देख, उसे बचाने के लिए अपने आगोश में पौधों को घेर कर उसकी रक्षा करते हैं। इसे कई देशों में स्वीकारा गया।

प्रश्न 7.
कैंसर रोग के उपचार में वन का क्या योगदान है ?
उत्तर-
हिमालय यव (चीड़ के प्रकार का सदाबहार वृक्ष टेक्सस बेनकेटा एवं टी. ब्रव्ही फोलिया) एक औषधीय पौधा है जो हिमालय और अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पाया जाता .. है। चीड़ की छाल, पत्तियों, टहनियों और जड़ों से टैक्सोल नामक रसायन निकाला जाता है। इससे कैंसर रोधी औषधि बनायी जाती है। यह विश्व में सबसे अधिक बिकने वाली कैंसर औषधि है।

प्रश्न 8.
दस लुप्त होने वाली पशु-पक्षियों का नाम लिखिए।
उत्तर-
एशियाई चीता, गुलाबी सिर वाला बत्तख, डोडो, गिद्ध (भारत), थाईलैंसीन (आस्ट्रेलिया), ‘स्टीलर्स सीकाउ (रूस), शेर की तीन प्रजातियाँ (बाली, जावन एवं कास्पियन) (अफ्रिका), कस्तुरी मृग, चीतल इत्यादि।

प्रश्न 9.
वन्य जीवों के हास में प्रदूषण जनित समस्या पर अपना विचार स्पष्ट करें।
उत्तर-
पराबैंगनी किरणें, अम्ल वर्षा और हरितगृह प्रभाव प्रमुख प्रदूषक हैं जिन्होंने वन्य जीवों को काफी प्रभावित किया है। इसके अलावे वायु, जल एवं मृदा प्रदूषण के कारण वन एवं वन्य जीवों का जीवनचक्र गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। इससे इनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो रही है। फलस्वरूप धीरे-धीरे वन्य जीवन संकटग्रस्त होते जाता है।

प्रश्न 10.
भारत के दो प्रमुख जैवमंडल क्षेत्र का नाम क्षेत्रफल एवं प्रान्तों का नाम बतावें।
उत्तर-

  • नीलगिरि -5520
  • वर्ग किमी – तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक।
  • मानस-2,837 वर्ग किमी – असम।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वन एवं वन्य जीवों के महत्व का विस्तार से वर्णन करें।
उत्तर-
वन एवं वन्य जीव हमारी धरा पर अमूल्य धरोहर हैं। ये मानव जीवन के प्रमुख हमसफर हैं। वन पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच हैं।
वन एवं वन्य जीवों के महत्व निम्नलिखित हैं

(i) प्राकृतिक संतुलन-वन एवं वन्य जीव प्राकृतिक संतुलन कायम रखने में मदद करते हैं। जैसे-आवास एवं अन्य कार्यों के लिए जंगल काटे जाने से अनेक पारिस्थितिक समस्याएँ उत्पन्न हुईं जैसे मृदा अपरदन, अनावृष्टि, अतिवृष्टि इत्यादि का सामना करना पड़ा।

(ii) आर्थिक महत्व-वन एवं वन्य जीवों से अनेक ऐसे उत्पाद प्राप्त होते हैं जिनका आर्थिक महत्व बहुत अधिक होता है। जैसे—कीमती लकड़ियाँ, जड़ी-बूटियाँ, हाथी दाँत, चमड़ा इत्यादि।

(iii) वैज्ञानिक उपयोगिता-वन्य प्राणी पर किये गए प्रयोगों के जरिए शरीर रचना, कार्यिकीय तथा पारिस्थितिक तथ्यों का अपार ज्ञान प्राप्त हुआ है। नयी औषधियों के गुण अथवा नयी शल्य चिकित्सा प्रणाली की महत्ता की जाँच पहले मेढक खरमोश, बंदर भेड़ा इत्यादि वन्य प्राणियों पर ही किये जाते हैं।

(iv) सांस्कृतिक महत्व और धार्मिक लगाव-अनादिकाल से ही मनुष्य का वन्य जीवों से सांस्कृतिक एवं धार्मिक लगाव रहा है। मनुष्य पीपल, बरगद, तुलसी, आँवला इत्यादि की पूजा करता रहा है। हिन्दू धर्म में मत्स्य, नरसिंह, हनुमान इत्यादि को देवताओं का अवतार समझा जाता है। बाघ, गरुड़, चूहा, बैल इत्यादि को दुर्गा, विष्णु, गणेश, शिव इत्यादि देवताओं का वाहन समझा जाता है। पौराणिक कथाएँ एवं साहित्य वन्य जंतुओं के विवरण से भरे हुए हैं।

(v) क्रीड़ा तथा आनन्द अनुभव हमारे देश में वन्य जीवों की बहुलता है और वे क्रीडा तथा आनन्द अनुभूति के अपार स्रोत हैं। भिन्न-भिन्न पशुओं तथा पक्षियों की क्रीड़ाएं मनमोहक दृश्य उत्पन्न करती हैं।

प्रश्न 2.
वृक्षों के घनत्व के आधार पर वनों का वर्गीकरण कीजिए और सभी वर्गों का वर्णन विस्तार से कीजिए।
उत्तर-
वृक्षों के घनत्व के आधार पर वनों को पांच वर्गों में बाँटा गया है
1. अत्यंत सघन वन-भारत में इस प्रकार के वन विस्तार 54.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.66 प्रतिशत है, असाम और सिक्किम को छोड़कर समूचा पूर्वोत्तर – राज्य इस वर्ग में आते हैं। इन क्षेत्रों में वनों का घनत्व 75% से अधिक है।

2.सघन वन-इसके अन्तर्गत 73.60 लाख हेक्टेयर भूमि आती है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 3% है। हिमालय, सिक्किम, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र एवं उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र । में इस प्रकार के वनों का विस्तार है। यहाँ वनों का घनत्व 621.99 प्रतिशत है।

3. खुले वन-2.59 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर इस प्रकार के वनों का विस्तार है। यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 7.12% है, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा के कुछ जिले एवं असम के 16 आदिवासी जिलों में इस प्रकार के वनों का विस्तार है, असाम आदिवासी जिलों में वृक्षों का घनत्व 23.89% है।।

4. झाड़ियाँ एवं अन्य वन-रराजस्थान का मरुस्थलीय क्षेत्र एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्र में इस प्रकार के वन पाये जाते हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार एवं प. बंगाल के मैदानी भागों में वृक्षों का घनत्व 10% से भी कम है इसलिए यह क्षेत्र इसी वर्ग में सम्मिलित है। इसके अन्तर्गत 2.459 करोड़ हेक्टेयर भूमि आती है, जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 8.66% है।

5. मैंग्रोव्स (तटीय वन)-विश्व के तटीय वन क्षेत्र (मैंग्रोव्स) का मात्र 5% 4,500 किमी. क्षेत्र ही भारत में है, जो समुद्र तटीय राज्यों में फैला है, जिसमें आधा क्षेत्र पश्चिम बंगाल का सुंदरवन है, इसके बाद गुजरात के अंडमान निकोबार द्वीप समूह आते हैं, कुल मिलाकर 12 राज्यों तथा केन्द्र प्रशासित प्रदेशों में मैंग्रोव्स वन है जिनमें आंध्रप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, , तमिलनाडु, प. बंगाल, अंडमान-निकोबार, पाण्डेिचरी, केरल एवं दमन-दीप शामिल हैं।

प्रश्न 3.
जैव विविधता क्या है ? यह मानव के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं ? विस्तार से लिखिए।
उत्तर-
जैव विविधता से तात्पर्य, विभिन्न जीव रूपों में पाई जानेवाली विविधता से है। यह शब्द किसी विशेष क्षेत्र में पाये जाने वाले विभिन्न जीव रूपों की ओर इंगित करता है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक पृथ्वी पर जीवों की करीब एक करोड़ प्रजातियां पाई जाती हैं।

ये हमारी धरा पर अमूल्य धरोहर हैं। वन्य जीव सदियों से हमारे सांस्कृतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। इनसे हमें भोजन, वस्त्र के लिए रेशे, खालें, आवास आदि सामग्री एवं अन्य उत्पाद प्राप्त होते हैं। इनकी चहक और महक हमारे जीवन में स्फूर्ति प्रदान करते हैं। पारिस्थितिकी के लिए ये श्रृंगार के समान हैं। भारत में इन्हें सदैव आदरभाव एवं पूज्य समझा गया। मनीषियों के लिए प्रेरणा का स्रोत तो सैलानियों के लिए आकर्षण का विषय रहा है।

ये पर्यावरण संतुलन के लिए भी अति आवश्यक हैं तथा हमारी भावी पीढ़ियों के लिए भी ये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 4.
विस्तारपूर्वक बताएं कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पति और प्राणीजगत के हास के कारक हैं।
उत्तर-
मानव जीवमण्डल का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य है जो न सिर्फ अन्य जैविक सदस्यों को प्रभावित करता है बल्कि पर्यावरण के अजैविक घटकों में भी अत्यधिक परिवर्तन लाता है। मानव अपनी बुद्धि और विवेक के कारण प्रकृति के दूसरे जीवों और अजैविक घटकों का प्रयोग. कर अपने जीवन को सुखमय और आरामदायक बनाता है। किन्तु जब मानव के क्रियाकलाप अनियंत्रित हो जाते हैं तो पर्यावरण के घटकों जैसे-वायु, जल तथा मृदा एवं दूसरे जीवों में अनावश्यक परिवर्तन आ जाता है जो वनस्पतियों एवं प्राणियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

मानव खेती के लिए कारखाने स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों को काटता रहा है और अभी भी काट रहा है। शाकाहारी एवं मांसाहारी जानवरों का अंधाधुंध शिकार कर जीवों में असंतुलन पैदा कर दिया है और बहुत-से जन्तु लुप्त होने के कगार पर हैं जैसे—सिंह, बाघ, चीता, गैंडा, बारहसिंगा, कस्तुरी मृग आदि।

मानव के निम्नलिखित क्रियाकलाप वनस्पतियों एवं प्राणीजगत के हास के कारक हैं-

  • औद्योगिकीकरण में अनियोजित वृद्धि
  • जंगली जंतुओं का शिकार
  • आवासीय एवं कृषि योग्य भूमि का विस्तार
  • हानिकारक रसायनों का अनियोजित प्रयोग
  • आर्थिक लाभ प्राप्त करने हेतु जैव विविधताओं का अति दोहन
  • जनसंख्या में वृद्धि, इत्यादि।

प्रश्न 5.
भारतीय जैव मंडल क्षेत्र की चर्चा विस्तार से कीजिए।
उत्तर-
हमारा देश जैव विविधता के संदर्भ में विश्व के सर्वाधिक समृद्ध देशों में से एक है। इसकी गणना विश्व के 12 विशाल जैविक-विविधता वाले देशों में की जाती है। यहाँ विश्व की सारी जैव उपजातियों का आठ प्रतिशत संख्या (लगभग 16 लाख) पाई जाती है। इन्हीं जैव विविधताओं के संरक्षण हेतु यूनेस्को के सहयोग से भारत में 14 जैव मण्डल आरक्षित क्षेत्र की स्थापना की गई है जिनका विवरण निम्न है-
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1C वन एवं वन्य प्राणी संसाधन - 1
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1C वन एवं वन्य प्राणी संसाधन - 2

Bihar Board Class 10 Geography खनिज संसाधन Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

Khanij Sansadhan Question Answer Bihar Board प्रश्न 1.
भारत में लगभग कितने खनिज पाये जाते हैं ?
(क) 50
(ख) 100
(ग) 150
(घ) 200
उत्तर-
(ख) 100

मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालें Bihar Board प्रश्न 2.
इनमें से कौन लौह युक्त खनिज का उदाहरण है ?
(क) मैंगनीज
(ख) अभ्रक
(ग) बॉक्साइट
(घ) चूना-पत्थर
उत्तर-
(क) मैंगनीज

खनिज की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए Bihar Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित में कौन अधात्विक खनिज का उदाहरण है?
(क) सोना
(ख) टीन
(ग) अभ्रक
(घ) ग्रेफाइट
उत्तर-
(ग) अभ्रक

खनिज की विशेषताएं Bihar Board प्रश्न 4.
किस खनिज को उद्योगों की जननी माना गया है ?
(क) सोना
(ख) तांबा
(ग) लोहा
(घ) मैंगनीज
उत्तर-
(ग) लोहा

खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए Bihar Board प्रश्न 5.
कौन लौह अयस्क का एक प्रकार है ?
(क) लिगनाइट
(ख) हेमाटाइट
(ग) बिटुमिनस
(घ) इनमें से सभी
उत्तर-
(ख) हेमाटाइट

प्रश्न 6.
कौन भारत का सबसे बड़ा लौह उत्पादक राज्य है ?
(क) कर्नाटक
(ख) गोवा
(ग) उड़ीसा
(घ) झारखंड
उत्तर-
(क) कर्नाटक

प्रश्न 7.
छत्तीसगढ़ भारत का कितना प्रतिशत लौह अयस्क उत्यादन करता है ?
(क) 10
(ख) 20
(ग) 30
(घ) 40
उत्तर-
(ख) 20

प्रश्न 8.
मैंगनीज उत्पादन में भारत का विश्व में क्या स्थान है?
(क) प्रथम
(ख) द्वितीय
(ग) तृतीय
(घ) चतुर्थ
उत्तर-
(ग) तृतीय

प्रश्न 9.
उड़ीसा किस खनिज का सबसे बड़ा उत्पादक है ?
(क) लौह अयस्क
(ख) मैंगनीज
(ग) टीन
(घ) ताँबा
उत्तर-
(ख) मैंगनीज

प्रश्न 10.
एक टन इस्पात बनाने में कितने मैंगनीज का उपयोग होता है ?
(क) 5 किग्रा०
(ख) 10 किग्रा
(ग) 15 किग्रा
(घ) 20 किग्रा०
उत्तर-
(ख) 10 किग्रा

प्रश्न 11.
अल्युमिनियम बनाने के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है?
(क) मैंगनीज
(ख) टीन
(ग) लोहा
(घ) बॉक्साइट
उत्तर-
(घ) बॉक्साइट

प्रश्न 12.
देश में तांबे का कुल भण्डार कितना है ?
(क) 100 करोड़ टन
(ख) 125 करोड़ टन
(ग) 150 करोड़ टन
(घ) 175 करोड़ टन
उत्तर-
(ख) 125 करोड़ टन

प्रश्न 13.
बिहार-झारखण्ड में देश का कितना प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन होता है ?
(क) 60
(ख) 70
(ग) 80
(घ) 90
उत्तर-
(ग) 80

प्रश्न 14.
सीमेंट उद्योग का सबसे प्रमुख कच्चा माल क्या है ?
(क) चूना-पत्थर
(ख) बाक्साइट
(ग) ग्रेनाइट
(घ) लोहा
उत्तर-
(क) चूना-पत्थर

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज क्या है?
उत्तर-
खनिज निश्चित अनुपात में रासायनिक एवं भौतिक विशिष्टताओं के साथ निर्मित एक प्राकृतिक पदार्थ है। दूसरे शब्दों में, खनिज निश्चित रासायनिक संयोजन एवं विशिष्ट आंतरिक परमाण्विक संरचना वाले ठोस प्राकृतिक पदार्थ को कहा जाता है।

प्रश्न 2.
धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या हैं ?
उत्तर-

  1. ये कठोर एवं चमकीले होते हैं।
  2. इसे गलाने पर धातु प्राप्त होती है।

प्रश्न 3.
खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-
खनिजों का वितरण असमान होता है। अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। खनिज समाप्य संसाधन है। एक बार उपयोग करने के बाद पुन: उपयोग नहीं किया जा सकता है। अतः इसके संरक्षण की परम आवश्यकता है।

प्रश्न 4.
लौह अयस्क के प्रकारों के नामों को लिखिए।
उत्तर-
लौह अयस्क के प्रकार निम्न हैं-
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1D खनिज संसाधन - 1

प्रश्न 5.
लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर-
कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखण्ड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु इत्यादि।

प्रश्न 6.
झारखण्ड के मुख्य लौह उत्पादक जिलों के नाम लिखें।
उत्तर-
सिंहभूम, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, संथाल परगना एवं राँची।

प्रश्न 7.
मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
(i) जंगरोधी इस्पात बनाने में (ii) शुष्क सेल के निर्माण में (iii) फोटोग्राफी में (iv) चमड़ा एवं माचिस उद्योग में (v) पेंट तथा कीटनाशक दवाओं के उत्पादन में।

प्रश्न 8.
अल्यूमिनियम के उपयोग का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
(i) वायुयान निर्माण में (ii) विद्युत उपकरण के निर्माण में (iii) घरेलू साज-सज्जा के साधनों के निर्माण में (iv) बान बनाने में (v) सफेद सीमेंट तथा रासायनिक वस्तुएँ बनाने में।

प्रश्न 9.
अभ्रक का उपयोग क्या है ?
उत्तर-
(i) इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में (ii) आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन में (iii) विद्युत रोधक होने के कारण विद्युत उपकरण बनाने में।

प्रश्न 10.
चूना-पत्थर की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
(i) सीमेंट बनाने में (ii) लौह इस्पात बनाने में (iii) उर्वरक, कागज एवं चीनी उद्योग में।

प्रश्न 11.
खनिजों की मख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
खनिजों का वितरण असमान होता है। अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। खनिज समाप्य संसाधन है। एक बार उपयोग करने के बाद पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता है। अत: इसके संरक्षण की परम आवश्यकता है।

प्रश्न 12.
खनिजों के संरक्षण एवं प्रबंधन से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
खनिज क्षयशील एवं अनवीकरणीय संसाधन है। इनकी मात्रा सीमित है। इनका पुनर्निर्माण असंभव है। खनिज उद्योगों का आधार है किन्तु औद्योगिक विकास के लिए खनिजों का अतिशय दोहन एवं उपयोग उनके अस्तित्व के लिए संकट है। अतः खनिजों का संरक्षण एवं प्रबंधन आवश्यक है। खनिज संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर है-खनिजों के निरंतर दोहर पर नियंत्रण, उनका बचतपूर्वक उपयोग एवं कच्चे माल के रूप में सस्ते विकल्पों की खोज, खनिजों पर नियंत्रण के अलावे उनके विकल्पों को खोजना, खनिजों के अपशिष्ट पदार्थों को बुद्धिमतापूर्वक उपयोग, पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले कुप्रभाव पर नियंत्रण, खनिज निर्माण के लिए चक्रीय पद्धति को अपनाना प्रबंधन कहलाता है। यदि खनिजों के संरक्षण के साथ-साथ प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए तो खनिज संकट से निबटा जा सकता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दीजिए।
उत्तर-
खनिज सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं
1. धात्विक खनिज इन खनिजों में धातु होती है जैसे लौह अयस्क, ताँबा, निकेल, मैंगनीज आदि। पुनः इसे दो भागों में बाँटा जा सकता है
(क) लौहयुक्त खनिज- जिन धात्विक खनिज में लोहे का अंश अधिक पाया जाता है वे लोहयुक्त खनिज कहलाते हैं, जैसे लौह अयस्क, निकेल, टंगस्टन।
(ख) अलोहयुक्त खनिज- वैसे खनिज जिनमें लोहे की मात्रा न्यून होती है या नहीं होती है, अलौहयुक्त खनिज कहलाते हैं; जैसे सोना, चाँदी, शीशा, बॉक्साइट ताँबा।

2. धात्विक खनिज- इसमें धातु नहीं होती है जैसे-चूना पत्थर, अभ्रक, जिप्सम आदि। अधात्विक खनिज भी दो प्रकार के होते हैं-
(क) कार्बनिक खनिज- इसमें जीवाश्म होते हैं, ये पृथ्वी में दबे प्राणी, पादप जीवों के परिवर्तन से बनते हैं, जैसे-कोयला, पेट्रोलियम आदि।
(ख) अकार्बनिक खनिज- इसमें जीवाश्म नहीं होते हैं जैसे–अभ्रक, ग्रेफाइट।

प्रश्न 2.
धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में क्या अंतर है ? तुलना करें।
उत्तर-
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1D खनिज संसाधन - 2

प्रश्न 3.
भारत के खनिज पट्टियों का नाम लिखकर किन्हीं दो का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत के अधिकांश खनिज तीन पट्टियों में पाये जाते हैं।(i) उत्तर-पूर्वी पठार (i) दक्षिणी-पश्चिमी पठार (iii) उत्तर-पश्चिमी प्रदेश।

(i) उत्तरी-पूर्वी पठार- यह देश की सबसे धनी खनिज पट्टी है जिसमें छोटानागपुर का पठार, उड़ीसा का पठार, छत्तीसगढ़ का पठार तथा पूर्वी आन्ध्रप्रदेश का पठार अवस्थित है। इस पटी में लौह अयस्क, मैंगनीज, अभ्रक, बॉक्साइट, चना पत्थर, डोलामाइट, ताँबाः थोरियम, यूरेनियम, क्रोमियम, सिलिमेनाइट तथा फास्फेट के विशाल भण्डार हैं।

(ii) दक्षिणी-पश्चिमी पठार- इस पट्टी का विस्तार खम्भात की खाड़ी से लेकर अरावली की श्रेणियों तक है। यहाँ तक अनेक अलौह धातुएँ, जैसे–चाँदी, सीसा, जस्ता, ताँबा आदि मिलते हैं। बालु पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर, जिप्सम, मुलतानी मिट्टी, डोलोमाइट, चूना-पत्थर, नमक आदि के भी पर्याप्त भंडार हैं।

हिमालय एक अन्य खनिज पट्टी है जहाँ ताँबा, सीसा, जस्ता, कोबाल्ट आदि प्राप्त हैं।

प्रश्न 4.
लौह अयस्क का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं को लिखें।
उत्तर-
लौह अयस्क का वर्गीकरण निम्न हैं-
(i) हेमेटाइट—इसमें 68% लौह अंश होता है, इसे लाल अयस्क भी कहते हैं।
(ii) मैग्नेटाइट–इसमें 60% लौह अंश होता है, इसे काला अयस्क भी कहते हैं।
(iii) लिमोनाइट-इसमें 40% लौह अंश होता है, इसे पीला अयस्क भी कहते हैं।
लौह अयस्क उद्योगों की जननी है। लोहा आधुनिक सभ्यता की रीढ़ है।

प्रश्न 5.
भारत में लौह अयस्क के वितरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
भारत में लौह अयस्क प्रायः सभी राज्यों में पाया जाता है परन्तु यहाँ के कुल भण्डार का 96% कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखण्ड, राज्यों में सीमित है। शेष भण्डार तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों में अवस्थित है। भारत में 1950-51 में 42 लाख टन लोहे का उत्पादन हुआ जो 2004-05 में बढ़कर 1427.1 लाख टन हो गया। अतः लोहे के उत्पादन में भारी विकास हुआ है।

कर्नाटक राज्य भारत का लगभग एक-चौथाई लोहा उत्पादन करता है। यहाँ बेल्लारी, हास्पेट, सुदूर क्षेत्रों में लौह अयस्क की खानें हैं। छत्तीसगढ़ देश का दूसरा उत्पादन राज्य है जो देश का करीब 20 प्रतिशत लोहा उत्पन्न करता है। दाँतेवाड़ा जिले का वैलाडिला तथा दुर्गा जिले के डल्ली एवं राजहरा प्रमुख उत्पादक हैं। रायगढ़, विलासपुर तथा सरगुजा अन्य उत्पादक जिले हैं। यहाँ का अधिकांश लोहा विशाखापट्नम बंदरगाह से जापान को निर्यात किया जाता है।

उड़ीसा देश का 19 प्रतिशत लोहा उत्पादन करता है। यहाँ की प्रमुख खाने गुरु माहिषानी, बादम पहाड़ (मगूरभंज) एवं किरिबुरू हैं।

गोवा देश का चौथा बड़ा लोहा उत्पादक राज्य है तथा 16 प्रतिशत देश का लोहा यहीं से प्राप्त होता है। यहाँ की प्रमुख खाने साहक्वालिम, संगयूम, क्यूपेम, सतारी, पौडा एवं वियोलिम में स्थित हैं। यहाँ के मर्मागांव पतन से लोहा निर्यात किया जाता है।

झारखण्ड देश का पांचवां बड़ा अयस्क उत्पादक राज्य है और 15% से अधिक लोहे का उत्पादन करता है। यहाँ के सिंहभूम, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, संथालपरगना तथा राँची मुख्य उत्पादक जिले हैं।

महाराष्ट्र में लौह अयस्क की खाने चन्द्रपुर, रत्नागिरि और भण्डारा जिलों में स्थित हैं।
आन्ध्रप्रदेश के कसीमनगर, बारंगल, कुर्नुल, कड़प्पा आदि जिले लौह अयस्क उत्पादक हैं जबकि तमिलनाडु के तीर्थ मल्लाई पहाड़ियों (सलेम) एवं यादपल्ली (नीलगिरी) क्षेत्र में लोहे के भण्डार हैं।

प्रश्न 6.
मैंगनीज तथा बॉक्साइट की उपयोगिता तथा देश में इनके वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मैंगनीज अयस्क- मैंगनीज के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में रूस एवं द अफ्रीका के बाद तीसरा है। यह मुख्य रूप से जंगरोधी इस्पात बनाने तथा लोहा एवं मैंगनीज के मिश्रधातु बनाने के उपयोग में आता है। इसका उपयोग शुष्क बैटरियों के निर्माण में, फोटोग्राफी में, चमड़ा एवं माचिस उद्योग में भी होता है। साथ ही इसका उपयोग पेंट तथा कीटनाशक दवाओं के बनाने में भी किया जाता है। भारत के कुल उत्पादन का 85% मैंगनीज का उपयोग मिश्रधातु बनाने में किया जाता है।

वितरण- भारत में मैंगनीज का संचित भण्डार 1670 लाख टन है। विश्व में जिम्बाब्वे के बाद भारत में ही मैंगनीज का सबसे बड़ा संचित भण्डार है जो विश्व के कुल संचित भण्डार का 20 प्रतिशत है।

भारत के उत्पादन में मुख्य क्षेत्र उड़ीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं आन्ध्रप्रदेश हैं। भारत का 75% से ज्यादा मैंगनीज अयस्क के भण्डार महाराष्ट्र के नागपुर तथा भण्डारा जिलों से लेकर मध्यप्रदेश के बालघाट एवं छिन्दवाड़ा जिलों तक फैली पट्टी में मिलते हैं।

उड़ीसा भारत में मैंगनीज के उत्पादन में अग्रणीय है। यहाँ देश के कुल उत्पादन का 37.6% मैंगनीज उत्पन्न होता है। यहाँ मैंगनीज के मुख्य खादानें, सुन्दरगढ़, कालाहांडी, रायगढ़ बोलांगीर, क्योंझर, जालसुर एवं मयूरभंज जिलों में हैं। महाराष्ट्र भारत के कुल उत्पादन का लगभग एक चौथाई मैंगनीज उत्पादन करता है। इस राज्य की मुख्य मैंगनीज उत्पादन पट्टी नागपुर तथा भण्डारा जिले में हैं। इस पट्टी में उत्तम कोटि के मैंगनीज अयस्क मिलते हैं। रत्नागिरि में उच्चकोटि का मैंगनीज का उत्पादन होता है।

मध्यप्रदेश 21% मैंगनीज पैदा कर देश का तीसरा बड़ा उत्पादक राज्य है। बालघाट तथा छिन्दवाड़ा जिलों में मैंगनीज का उत्पादन होता है।

कर्नाटक में मैंगनीज शिमोगा, तुमकुर, बेलारी, धारवाड़, चिकमंगलूर और बीजापुर जिले मुख्य उत्पादक हैं। पहले यहाँ देश का एक चौथाई मैंगनीज उत्पादन होता था किन्तु अब उत्पादन कम हो रहा है।

आन्ध्रप्रदेश में देश के सकल उत्पादन का 6 प्रतिशत ही मैंगनीज का उत्पादन होता है। यहाँ । मुख्य उत्पादक जिला श्रीकाकुलम है। अन्य उत्पादक जिलों में विशाखापतनम, कुडप्पा, विजयनगर, गुंटूर हैं।

बॉक्साइट-यह एक अलौह धातु निक्षेप है जिससे एल्युमिनियम नामक धातु निकाली जाती है। भारत में बॉक्साइट का इतना भण्डार है कि अल्युमिनियम में हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं। इसका बहुमुखी उपयोग वायुयान निर्माण, बर्तन बनाने, सफेद सीमेंट तथा रासायनिक वस्तुएं बनाने में किया जाता है। भारत में बॉक्साइट का अनुमानित भण्डार 3037 मिलियन टन है।

वितरण-बॉक्साइट भारत के अनेक क्षेत्रों में मिलता है किन्तु मुख्य रूप से इसका भण्डार उड़ीसा, गुजरात, झारखण्ड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश में अवस्थित है। देश का आधा से अधिक भण्डार उड़ीसा में है। उड़ीसा भारत के कुल उत्पादन का 42% बॉक्साइट उत्पन्न करता है। कालाहांडी, बोलंगीर, कोशपुर, सुन्दरगढ़ तथा संभलपुर बॉक्साइट के मुख्य उत्पादक जिले हैं।

गुजरात भारत का 17.35 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पन्न कर दूसरे स्थान पर है। जामनगर, कैरा, सबरकंठ तथा सूरत महत्वपूर्ण उत्पादक जिले हैं। झारखण्ड बॉक्साइट के उत्पादन में तीसरा स्थान रखता है तथा देश का 14 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पन्न करता है। इसके लोहरदग्गा, राँची, लातेहार एवं पलामू मुख्य उत्पादक जिले हैं।

महाराष्ट्र के कोलावा, रत्नागिरि तथा कोल्हापुर जिलों में बॉक्साइट का खनन होता है तथा 12 प्रतिशत उत्पादन करता है।
छत्तीसगढ़ भारत का 6 प्रतिशत से अधिक बॉक्साइट उत्पादन करता है। सरगुजा का पठारी प्रदेश, रायगढ़ तथा विलासपुर जिले इसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं।

अन्य उत्पादन राज्यों में कर्नाटक में बॉक्साइट के प्रमुख निक्षेप बेलगाँव जिले में पाये जाते : हैं। तमिलनाडु के नीलगिरि, सलेम, मदुरई और कोयम्बटूर जिले, उत्तरप्रदेश के बांदा जिले बॉक्साइट के अन्य उत्पादक हैं। जम्मू और कश्मीर के पूंछ एवं उधमपुर जिलों में उत्तम कोटि के बॉक्साइट पाये जाते हैं। भारत विभिन्न देशों कों बॉक्साइट निर्यात करता है।
मुख्य आयातक देश इटली, यू. के., जर्मनी, जापान हैं।

प्रश्न 7.
अभ्रक की उपयोगिता एवं वितरण पर प्रकाश डालें।।
उत्तर-
भारत विश्व में शीट अभ्रक का अग्रणीय उत्पादक है। अब तक इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में इसका उपयोग होता रहा है। किन्तु कुछ कृत्रिम विकल्प आ जाने से अभ्रक के उत्पादन एवं निर्यात दोनों पर बुरा असर पड़ा है। वैसे तो प्राचीन काल से अभ्रक का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं के लिए किया जाता रहा है, लेकिन विद्युत उपकरण में इसका खास उपयोग होता है। क्योंकि यह विद्युत रोधक होने के कारण उच्च विद्युत शक्ति को सहन कर सकता है।

भारत में उत्पादन की दृष्टि से अभ्रक निक्षेप की तीन पट्टियाँ हैं जो बिहार, झारखंड, आन्ध्रप्रदेश तथा राजस्थान राज्यों के अन्तर्गत आती हैं। भारत में अभ्रक के कुल भण्डार 59065 टन है। 2002-03 में इसका उत्पादन 1217 टन था। बिहार एवं झारखण्ड में उत्तम कोटि के रूबी अभ्रक का उत्पादन होता है। पश्चिम में गया जिले में हजारीबाग, मुंगेर होते हुए पूर्व में भागलपुर तक फैला हुआ है। इसके अतिरिक्त धनबाद, पलामू, राँची एवं सिंहभूम जिलों में भी अभ्रक के भण्डार मिले हैं। बिहार एवं झारखंड भारत का 80% अभ्रक का उत्पादन करते हैं। आन्ध्रप्रदेश के नैगूर जिले में अभ्रक का उत्पादन होता है। राजस्थान देश का तीसरा अभ्रक उत्पादक राज्य है। यहाँ जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर आदि जिलों में अभ्रक की पट्टी फैली हुई है। यू. एस. ए. भारतीय अभ्रक का मुख्य आयातक है।

प्रश्न 8.
खनिजों के संरक्षण के उपाय सुझायें।
उत्तर-
खनिज क्षयशील एवं अनवीकरणीय संसाधन है। इनकी मात्रा सीमित है। इनका पुनर्निर्माण असंभव है। खनिज उद्योगों का आधार है। किन्तु औद्योगिक विकास के लिए खनिजों का अतिशय दोहन एवं उपयोग उनके अस्तित्व के लिए संकट है। अतः खनिजों का संरक्षण एवं प्रबंधन आवश्यक है। खनिज संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर है-खनिजों के निरंतर दोहन पर नियंत्रण, उनका बचतपूर्वक उपयोग एवं कच्चे माल के रूप में सस्ते विकल्पों की खोज। खनिजों पर नियंत्रण के अलावे उनके विकल्पों को खोजना, खनिजों के अपशिष्ट पदार्थों को बुद्धिमतापूर्ण उपयोग, पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले कुप्रभाव पर नियंत्रण, खनिज निर्माण के लिए चक्रीय पद्धति को अपनाना प्रबंधन कहलाता है। यदि खनिजों के संरक्षण के साथ-साथ प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए तो खनिज संकट से निबटा जा सकता है।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 1.
भारत क एक मानचित्र पर महत्वपूर्ण खनिजों के वितरण को दर्शाइये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
लौह अयस्क के मुख्य उत्पादक केन्द्रों को भारत के मानचित्र में अंकित कीजिये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
पूरे पृष्ठ पर भारत का मानचित्र बनाकर निम्नलिखित को दिखाइये : मैंगनीज, बॉक्साइट तथा ताँबा उत्पादक क्षेत्र।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
विभिन्न चट्टानों तथा खनिजों के टुकड़े उपलब्ध कर भूगोल प्रयोगशाला में संग्रह कीजिये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 10 Geography शक्ति (ऊर्जा) संसाधन Text Book Questions and Answers

 

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्रश्न 1.
किस राज्य में खनिज तेल को विशाल भंडार स्थित है ?
(क) असम
(ख) राजस्थान
(ग) बिहार
(घ) तमिलनाडु
उत्तर-
(क) असम

Class 10 Geography Bihar Board प्रश्न 2.
भारत के किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था ?
(क) कलपक्कम
(ख) नरोरा
(ग) राणाप्रताप सागर
(घ) तारापुर
उत्तर-
(घ) तारापुर

Bihar Board Class 10th Geography Solution प्रश्न 3.
कौन-सा ऊर्जा स्रोत अनवीकरणीय है ?
(क) जल
(ख) सौर
(ग) कोयला
(घ) पवन
उत्तर-
(ग) कोयला

Bihar Board Class 10 Social Science Solution प्रश्न 4.
प्राथमिक ऊर्जा का उदाहरण नहीं है
(क) कोयला
(ख) विद्युत
(ग) पेट्रोलियम
(घ) प्राकृतिक गैस
उत्तर-
(ख) विद्युत

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 5.
ऊर्जा का गैर-पारम्परिक स्रोत है
(क) कोयला
(ख) विद्युत
(ग) पेट्रोलियम
(घ) सौर-ऊर्जा
उत्तर-
(घ) सौर-ऊर्जा

Geography Class 10 Bihar Board प्रश्न 6.
गोण्डवाना समूह के कोयले का निर्माण हुआ था
(क) 20 करोड़ वर्ष पूर्व
(ख) 20 लाख वर्ष पूर्व
(ग) 20 हजार वर्ष पूर्व
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क) 20 करोड़ वर्ष पूर्व

Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 7.
भारत में कोयले का सर्वप्रमुख उत्पादक राज्य है
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) झारखण्ड
(ग) उड़ीसा
(घ) छत्तीसगढ़
उत्तर-
(ख) झारखण्ड

Bihar Board Class 10 History Notes In Hindi प्रश्न 8.
सर्वोत्तम कोयले का प्रकार कौन-सा है ?
(क) एन्थ्रासाइट
(ख) पीट
(ग) लिग्नाइट
(घ) बिटुमिनस
उत्तर-
(क) एन्थ्रासाइट

Bihar Board Class 10 History Solution प्रश्न 9.
मुम्बई हाई क्यों प्रसिद्ध है?
(क) कोयले के निर्यात हेतु
(ख) तेल शोधक कारखाना हेतु
(ग) खनिज तेल हेतु
(घ) परमाणु शक्ति हेतु
उत्तर-
(ग) खनिज तेल हेतु

History Class 10 Bihar Board प्रश्न 10.
भारत का प्रथम तेल शोधक कारखाना कहाँ स्थित है?
(क) मथुरा
(ख) बरौनी
(ग) डिगबोई
(घ) गुवाहाटी
उत्तर-
(ग) डिगबोई

Bihar Board Class 10 History Notes Pdf प्रश्न 11.
प्राकृतिक गैस किस खनिज के साथ पाया जाता है?
(क) यूरेनियम
(ख) पेट्रोलियम
(ग) चूना पत्थर
(घ) कोयला
उत्तर-
(ख) पेट्रोलियम

Bihar Board Class 10 Sst Solution प्रश्न 12.
भाखड़ा नंगल परियोजना किस नदी पर अवस्थित है ?
(क) नर्मदा
(ख) झेलम
(ग) सतलज
(घ) व्यास
उत्तर-
(ग) सतलज

Bihar Board Class 10 History Book Solution प्रश्न 13.
दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है।
(क) तुंगभद्रा
(ख) शारवती
(ग) चंबल
(घ) हिराकुण्ड
उत्तर-
(क) तुंगभद्रा

Class 10th Social Science Bihar Board प्रश्न 14.
ताप विद्युत केन्द्र का उदाहरण है
(क) गया
(ख) बरौनी
(ग) समस्तीपुर
(घ) कटिहार
उत्तर-
(ख) बरौनी

प्रश्न 15.
यूरेनियम का प्रमुख उत्पादक स्थल है
(क) डिगबोई
(ख) झरिया
(ग) घाटशिला
(घ) जादूगोड़ा
उत्तर-
(घ) जादूगोड़ा

प्रश्न 16.
एशिया का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत-गृह है।
(क) तारापुर
(ख) कलपक्कम
(ग) नरौरा
(घ) कैगा
उत्तर-
(क) तारापुर

प्रश्न 17.
भारत के किस राज्य में सौर-ऊर्जा के विकास की सर्वाधिक संभावनाएं हैं ?
(क) असम
(ख) अरुणाचलप्रदेश
(ग) राजस्थान
(घ) मेघालय
उत्तर-
(ग) राजस्थान

प्रश्न 18.
ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा उत्पादन हेतु भारत में अधिक अनुकूल परिस्थितियाँ कहाँ पाई जाती हैं ?
(क) मन्नार की खाड़ी में
(ख) खम्भात की खाड़ी में
(ग) गंगा नदी में
(घ) कोसी नदी में
उत्तर-
(ख) खम्भात की खाड़ी में

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के तीन-तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
पारम्परिक ऊर्जा स्रोत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, लकड़ी इत्यादि।
गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोत–बायो गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा ज्वारीय ऊर्जा एवं तरंग ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा एवं जैव ऊर्जा।

प्रश्न 2.
गोण्डवाना समूह के कोयला क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(i) दामोदर घाटी (ii) सोन घाटी (iii) महानदी घाटी (iv) वर्धा-गोदावरी घाटी।

प्रश्न 3.
झारखण्ड राज्य के मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्रों के नाम अंकित कीजिए।
उत्तर-
झरिया, बोकारो, गिरीडीह, कर्णपुरा, रामगढ़।

प्रश्न 4.
कोयले के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(i) ऐंथासाइट (ii) बिटुमिनस (iii) लिग्नाइट (iv) पीट।

प्रश्न 5.
पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ?
उत्तर-
गैसोलीन, डीजल, किरासन, तेल, स्नेहक, कीटनाशक दवाएँ, पेट्रोल, साबुन, कृत्रिम रेशा, प्लास्टिक आदि।

प्रश्न 6.
सागर सम्राट क्या है ?
उत्तर-
यह एक जलयान है जो पानी के भीतर तेल के कुएँ खोदने का कार्य करता है।

प्रश्न 7.
किन्हीं चार तेल शोधक कारखाने का स्थान निर्दिष्ट कीजिए।
उत्तर-
असम का डिग्बोई, मुम्बई का तारापुर, बिहार का बरौनी, उत्तर प्रदेश का मथुरा।

प्रश्न 8.
जल विद्युत उत्पादन के कौर-कौन से मुख्य कारक हैं ?
उत्तर-

  • नदी में प्रचुर जल की राशि
  • नदी मार्ग में ढाल
  • जल का तीव्र वेग
  • प्राकृतिक जल-प्रपात का होना
  • सघन औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं आबाद क्षेत्रों जैसा
  • ऊर्जा के अन्य स्रोतों का अभाव
  • प्रौद्योगिकी ज्ञान।

प्रश्न 9.
नदी घाटी परियोजनाओं को बहु-उद्देशीय क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
क्योंकि इससे एक साथ कई उद्देश्यों की पूर्ति होती है, जैसे-

  • सिंचाई के साथ पनबिजली उत्पन्न करना।
  • बाढ़ का नियंत्रण।
  • मृदा अपरदन का नियंत्रण।
  • मत्स्य पालन।
  • पर्यटक स्थल का विकास।
  • नहर निर्माण द्वारा यातायात की सुविधा का विकास।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित नदी घाटी परियोजनाएँ किन-किन राज्यों में अवस्थित हैं हीराकुण्ड, तुंगभद्रा एवं रिहन्द।
उत्तर-
हीराकुण्ड – उड़ीसा में
तुंगभद्रा – आंध्रप्रदेश में
रिहन्द – उत्तर प्रदेश में

प्रश्न 11.
ताप शक्ति क्यों समाप्य संसाधन है ?
उत्तर-
ताप शक्ति संयंत्रों में तापीय विद्युत का उत्पादन करने के लिए कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस का उपयोग होता है। इन सभी का भंडार सीमित है जो समाप्त हो जायेंगे अतः इसे
समाप्य संसाधन कहा जाता है।

प्रश्न 12.
परमाणु शक्ति किन-किन खनिजों से प्राप्त होता है ?
उत्तर-
इल्मेनाइट, बेनेडियम, एंटीमनी, ग्रेफाइट, यूरेनियम इत्यादि।

प्रश्न 13.
मोनाजाइट भारत में कहाँ-कहाँ उपलब्ध है?
उत्तर-
भारत में मोनाजाइट केरल राज्यों में प्रचुरता से पाया जाता है। इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा राज्यों के तटीय क्षेत्रों में यह पाया जाता है।

प्रश्न 14.
सौर ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है?
उत्तर-
जब फोटोवोल्टाइक सेलों में विणाषित सूर्य की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तो सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है।

प्रश्न 15.
भारत के किन-किन क्षेत्रों में पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं ?
उत्तर-
पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ। विद्यमान हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
शक्ति संसाधन का वर्गीकरण विभिन्न आधारों के अनुसार सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
शक्ति संसाधनों का वर्गीकरण निम्नलिखित हैं

1. उपयोग स्तर के आधार पर-
(a) सतत शक्ति- सौर किरणें, भूमिगत ऊष्मा, पवन, प्रवाहित जल इत्यादि।
(b) समापनीय शक्ति-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि।

2. उपयोगिता के आधार पर
(a) प्राथमिक ऊर्जा- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं रेडियोधर्मी खनिज।
(b) गौण ऊर्जा-विद्युत।

3. स्रोत की स्थिति के आधार पर
(a) क्षयशील- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा आण्विक खनिज।
(b) अक्षयशील-प्रवाही जल, पवन, लहरें, सौर शक्ति इत्यादि।

4. संरचनात्मक गुणों के आधार पर
(a) जैविक ऊर्जा-मानव एवं अन्य प्राणी।
(b) अजैविके ऊर्जा- जल शक्ति, पवन शक्ति, सौर शक्ति तथा ईंधन शक्ति।

5. समय के आधार पर
(a) पारम्परिक-कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैसा
(b) गैर-पारम्परिक-सूर्य, पवन, ज्वार, परमाणु ऊर्जा, गर्म झरने इत्यादि।

प्रश्न 2.
भारत में पारम्परिक शक्ति के विभिन्न स्रोतों का विवरण दें।
उत्तर-
पारम्परिक शक्ति स्रोत के अन्तर्गत कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सम्मिलित हैं।
कोयला – यह शक्ति और ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है। जनवरी 2008 तक भारत में 1200 मीटर की गहराई तक पाये जानेवाले कोयले का कुल अनुमानित भण्डार 26454 करोड़ टन आँका गया था।
भारत में 96 प्रतिशत गोंडवाना समूह का और 4 प्रतिशत टर्शियरी समूह का कोयला पाया जाता है।

पेट्रोलियम – शक्ति के समस्त साधनों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं व्यापक रूप से उपयोगी संसाधन पेट्रोलियम ही है। आधुनिक युग में कोई भी राष्ट्र इसके बिना अपने अस्तित्व को कायम नहीं रख सकता है। शक्ति स्रोत के साथ-साथ अनेक उद्योग का कच्चा माल भी इससे प्राप्त होता है। इ. गैसोलीन, डीजल, किरासन तेल, स्नेहक, कीटनाशक दवाएँ, पेट्रोल, साबुन, कृत्रिम रेशा, लास्टिक इत्यादि बनाये जाते हैं। भारत विश्व का मात्र एक प्रतिशत पेट्रोलियम पैदा करता है। भारत थम बार 1866 में ऊपरी असम घाटी में तेल के कुएँ खोदे गये।

प्राकृतिक गैस – यह हमारे वर्तमान जीवन में बड़ी तेजी से एक महत्वपूर्ण ईंधन बनती जा । इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में मशीन को चलाने में, विद्युत उत्पादन में, खाना पकाने मोटर गाड़ियां चलाने में किया जा रहा है।

भारत में एक अनुमान के अनुसार प्राकृतिक गैस की संचित मात्रा 700 अरब घन मीटर है। “y: में प्राकृतिक गैस प्राधिकरण की स्थापना देश की प्राकृतिक गैसों के परिवहन, वितरण एवं विपणन हेतु किया गया जो 5340 किलोमीटर गैस पाइप लाइन द्वारा देश भर में फैले उपभोक्ताओं की आवश्यकता पूर्ति करता है।

प्रश्न 3.
गोंडवाना काल के कोयले का भारत में वितरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
गोंडवाना समूह में भारत के 96 प्रतिशत कोयले का भण्डार है जो कुल उत्पादन का प्रतिशत भाग उपलब्ध कराता है। यहाँ के कोयले का निर्माण 20 करोड़ वर्ष पूर्व में हुआ था। गंडवाना कोयला क्षेत्र मुख्यतः चार नदी घाटियों में पाये जाते हैं-
(i) दामोदर घाटी क्षेत्र (ii) सोन नदी घाटी क्षेत्र (ii) महानदी घाटी क्षेत्र (iv) वर्धा-गोदावरी बाटो क्षेत्र।

गोंडवाना काल का कोयला निम्न राज्यों में पाया जाता है

झारखण्ड-कोयले के भण्डार एवं उत्पादन की दृष्टि से यह देश का पहला राज्य है। यहाँ के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं-झरिया, बोकारो, गिरिडीह, कर्णपुरा, रामगढ़ इत्यादि।

छत्तीसगढ़- यह भारत का दूसरा कोयला उत्पादक राज्य है। यहाँ का उत्पादक क्षेत्र है चिरिमिरी, कुरसिया, विश्रामपुर, झिलमिली, सोनहाट, लखनपुर, हासदो-अरंड, कोरबा एवं मांड-रायगढ़ इत्यादि।

उड़ीसा-यहाँ देश का एक चौथाई कोयले का भण्डार है। यहाँ का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है तालचर।
महाराष्ट्र-यहाँ 3% कोयला सुरक्षित है। यहाँ के मुख्य क्षेत्र–चाँदा-वर्धा, कांपटी तथा बंदेर हैं।

मध्यप्रदेश- यहाँ देश का 7% कोयला है। सिंगरौली, सोहागपुर, जोहिल्ला, उमरिया, सतपुड़ा क्षे. यादि.मुख्य उत्पादक क्षेत्र हैं।
पश्चिम बंगाल- यह देश का सुरक्षित भण्डार की दृष्टि से चौथा एवं उत्पादन में गवां राज्य है। रानीगंज यहाँ का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है।

प्रश्न 4.
कोयले का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-
कोयले को निम्नलिखित चार भागों में बांटा गया है-

  • एंथासाइट- यह सर्वोच्च कोटि का कोयला है, जिसमें कार्बन की मात्रा 90% से अधिक है। यह जलने पर धुआँ नहीं देता और देर तक अत्यधिक ऊष्मा देता है। इसे कोकिंग कोल भी कहा गया है तथा धातु गलाने के काम आता है।
  • बिटुमिनस- इसमें कार्बन की मात्रा 70-90% होती है। इसे परिष्कृत कर कोकिंग कोल बनाया जा सकता है। भारत का अधिकतर कोयला इसी प्रकार का है।
  • लिग्नाइट- इसमें कार्बन की मात्रा 30-70% होती है यह धुआँ अधिक और ऊष्मा कम देता है। इसे भूरा कोयला भी कहते हैं।
  • पीट- इसमें 30% से कम कार्बन पाया जाता है। यह दलदली क्षेत्र में पा

प्रश्न 5.
भारत में खनिज तेल के वितरण का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत में मुख्यतः पाँच खनिज तेल उत्पादक क्षेत्र हैं –

  • उत्तर- पूर्वी क्षेत्र- यह देश का सबसे पुराना तेल उत्पादक क्षेत्र है। इसके अन्तर्गत ऊपरी असम घाटी, अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड आदि का विशाल तेलक्षेत्र आता है।
  • गुजरात क्षेत्र- यह खम्भात के बेसिन एवं गुजरात के मैदान में विस्तृत है। यहाँ पहली बार 1958 में तेल का पता चला था। इसके मुख्य उत्पादक अंकलेश्वर, कलोल, नवगाँव, कोसांवा, मेहसाना इत्यादि हैं।
  • मुम्बई हाई क्षेत्र- यह मुम्बई तट से 176 किमी दूर उत्तर-पश्चिम दिशा में अरबसागर में है। यहाँ 1975 से तेल खोजने का कार्य शुरू हुआ।
  • पूर्वी तट क्षेत्र- यह कृष्णा-गोदावरी और कावेरी नदियों की श्रेणियों में फैला हुआ है।
  • बाड़मेर बेसिन- इस बेसिन के मंगला क्षेत्र में सितम्बर 2009 से उत्पादन शुरू हुआ। 2012 तक यह भारत का 20% पेट्रोलियम उत्पन्न करेगा।

प्रश्न 6.
जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक एवं आर्थिक कारकों की विवेचना करें।
उत्तर-
जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक दशाएँ निम्न हैं-

  • सन्दावाहिनी नदी में प्रचुर जल की राशि।
  • नदी मार्ग में ढाल
  • जल का तीव्र वेग
  • प्राकृतिक जलप्रपात का होना।

अनुकूल आर्थिक दशाएं निम्न हैं-

  • सघन औद्योगिक एवं वाणिज्यिक एवं आबाद क्षेत्र
  • पर्याप्त पूँजी निवेश
  • परिवहन के साधनlel
  • प्रौद्योगिकी का ज्ञान
  • ऊर्जा के अन्य साधनों का अभाव।

प्रश्न 7.
संक्षिप्त भौगोलिक टिप्पणी लिखें-भाखड़ा-नंगल परियोजना, दामोदर घाटी परियोजना, कोसी परियोजना, हीराकुण्ड परियोजना, रिहन्द परियोजना और तुंगभद्रा परियोजना।
उत्तर-
(i) भाखड़ा-नंगल परियोजना- सतलज नदी पर हिमालय प्रदेश में विश्व के सर्वोच्च बाँधों में एक भाखड़ा बांध की ऊंचाई 225 मीटर है। यह भारत की सबसे बड़ी परियोजना है। जहाँ चार शक्ति गृह एक भाखड़ा में, दो गंगुवाल में और एक कोटला में स्थापित होकर 7 लाख किलोवाट विद्युत उत्पन्न कर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तथा जम्मू व कश्मीर राज्यों के कृषि एवं उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है।

(ii) दामोदर घाटी परियोजना- यह परियोजना दामोदर नदी के भयंकर बाढ़ से झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल को बचाने के साथ-साथ तलैया, मैथन, कोनर और पंचेत पहाड़ी में बाँध बनाकर 1300 मेगावाट जलविद्युत उत्पन्न करने में सहायक है। इसका लाभ बिहार, झारखण्ड एवं प. बंगाल को प्राप्त है।

(ii) कोसी परियोजना- उत्तर बिहार का अभिशाप कोसी नदी पर हनुमाननगर (नेपाल) में बाँध बनाकर 20000 किलोवाट बिजली उत्पन्न किया जा रहा है। जिसकी आधी बिजली नेपाल को तथा शेष बिहार को प्राप्त होती है।

(iv) रिहन्द परियोजना-सोन की सहायक नदी पर रिहन्द उत्तरप्रदेश में 934 मी. लम्बा बाँध और कृत्रिम झील ‘गोविन्द बल्लभ पंत सागर’ का निर्माण कर बिजली उत्पादित की जाती है। इस योजना से 30 लाख किलोवाट विद्युत उत्पादन करने की क्षमता है। यहाँ की बिजली का उपयोग रेणुकूट के अल्युमिनियम उद्योग, चुर्क के सीमेंट उद्योग, मध्य भारत के रेल मार्गों का विद्युतिकरण तथा हजारों नलकूपों के लिए किया जाता है।

(v) हीराकुण्ड परियोजना- महानदी पर विश्व का सबसे लम्बा बाँध (4801) मी. बनाकर 2.7 लाख किलोवाट बिजली उत्पन्न होता है। इससे उड़ीसा एवं आस-पास के कृषि क्षेत्र एवं उद्योग में उपयोग किया जाता है।

(vi) तंगभद्रा परियोजना- यह कृष्णा नदी की सहायक नदी तुंगभद्रा पर आंध्रप्रदेश में स्थित दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है जो कर्नाटक एवं आंध्रप्रदेश के सहयोग से तैयार हुई है। इसकी बिजली उत्पादन क्षमता 1 लाख किलोवाट है जो सिंचाई के साथ-साथ सैकड़ों छोटे-बड़े उद्योगों को बिजली आपूर्ति करता है।

प्रश्न 8.
भारत के किन्हीं चार परमाणु विद्युत गृह का उल्लेख कीजिए तथा उनकी विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
देश के चार परमाणु विद्युत गृह निम्न हैं-

  • तासरापुर परमाणु विद्यत गह यह एशिया का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत गृह है। यहाँ जल उबालने वाली दो परमाणु भट्ठियाँ हैं जिनमें प्रत्येक की उत्पादन क्षमता 200 मेगावाट से अधिक है। अब यहाँ यूरेनियम के स्थान पर प्लूटोनियम बनाकर विद्युत उत्पन्न किए जा रहे हैं, क्योंकि भारत थोरियम के भण्डार में काफी समृद्ध है।
  • कलपक्कम परमाण विद्यत गह-तमिलनाडु में स्थित यह परमाणुगृह स्वदेशी प्रयास से बना है। यहाँ 355 मेगावाट के दो रिएक्टर क्रमश: 1983 एवं 1985 में कार्य करना शुरू कर चुके हैं।
  • नरौरा परमाण विद्यत गह- यह उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर के पास स्थित है। यहाँ भी 235 मेगावाट के दो रिएक्टर हैं।
  • ककरापास परमाणु गह- गुजरात राज्य में समुद्र के किनारे स्थित इस परमाणु गृह में 1992 से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हुआ है।

प्रश्न 9.
संक्षिप्त भौगोलिक टिप्पणी लिखें- सौर-ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायो गैस एवं ज्वारीय ऊर्जा।
उत्तर-
सौर ऊर्जा-जब फोटोवोल्टाइक सेलों में विपरित सूर्य की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, तो सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है। यह कम लागत वाला पर्यावरण के अनुकूल तथा निर्माण में आसान होने के कारण अन्य ऊर्जा के स्रोतों की अपेक्षा ज्यादा लाभदायक है। यह सामान्यतः हीटरों, कूलर्स, प्रकाश आदि उपकरणों में अधिक उपयोग की जाती है। भारत के पश्चिमी भाग गुजरात, राजस्थान में सौर ऊर्जा की अधिक संभावनाएँ हैं।

पवन ऊर्जा- पवन ऊर्जा पवन चक्कियों की सहायता से प्राप्त की जाती है। पवन चक्की पवन की गति से चलती है और टरबाईन को चलाती है। इससे गतिज ऊर्जा को विद्युत में बदला जाता है। भारत विश्व का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक देश है। यहाँ ऊर्जा के स्रोत के रूप में स्थानीय पवनों, स्थलीय एवं समुद्री समीरों को भी विद्युत उत्पादन में प्रयोग किया जा सकता है। पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं। दूसरा बड़ा संयंत्र तमिलनाडु के तूतीकरिन में स्थित है।

ज्वारीय ऊर्जा-समुद्री ज्वार तथा तरंग में जल गतिशील रहता है। अतः इसमें अपार ऊर्जा रहती है। अनुमान है कि भारत में 8000-9000 मेगावाट संभाव्य ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा है। खम्भात की खाड़ी से 7000 मेगावाट ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। इसके बाद कच्छ की खाड़ी (1000 मेगावाट) तथा सुन्दरवन (100 मेगावाट) का स्थान है।

भतापीय ऊर्जा- यह ऊर्जा पृथ्वी के उच्च ताप से प्राप्त की जाती है। जब भूगर्भ से मैग्मा निकलता है तो अपार ऊर्जा निर्मुक्त होती है। गीजर कुपों से निकलने वाले गर्म जल तथा गर्म झरनों से भी शक्ति प्राप्त की जाती है। हिमाचल प्रदेश के मनीकरण में भूतापीय ऊर्जा संयंत्र स्थापित है तथा दूसरा लद्दाख के दुर्गाघाटी में स्थित है।

बायोगैस एवं जैव ऊर्जा – ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि अपशिष्ट, पशुओं और मानव जनित अपशिष्ट के उपयोग से घरेलू उपयोग हेतु बायोगैस उत्पन्न की जाती है। पशुओं के गोबर से गैस तैयार करने वाले संयंत्र को भारत में गोबर गैस प्लांट के नाम से जाना जाता है। इससे किसानों को ऊर्जा तथा उर्वरक की प्राप्ति होती है। जैविक पदार्थों से प्राप्त होनेवाली ऊर्जा को जैविक ऊर्जा कहते हैं। कृषि अवशेष, नगर पालिका, औद्योगिक एवं अन्य अपशिष्ट पदार्थ जैविक पदार्थों के उदाहरण हैं। इसे विद्युत ऊर्जा, ताप ऊर्जा या खाना पकाने के लिए गैस में परिवर्तित किया जा सकता है। कचरे को ऊर्जा में बदलने की एक परियोजना दिल्ली के ओखला में शुरू की गई है।

प्रश्न 10.
शक्ति संसाधनों के संरक्षण हेतु कौन-कौन से कदम उठाये जा सकते हैं ? आप उसमें कैसे मदद पहुंचा सकते हैं?
उत्तर-
ऊर्जा संकट एक विश्व-व्यापी समस्या का रूप ले चुका है। इसके समाधान के निम्न उपाए किए जा रहे हैं-

(i) ऊर्जा के प्रयोग में मितव्ययिता ऊर्जा संकट से बचने के लिए प्रथमतः ऊर्जा के उपयोग में मितव्ययिता बरती जाया इसके लिए तकनीकी विकास आवश्यक है। अनावश्यक बिजली का उपयोग रोककर हम ऊर्जा की एक बड़ी मात्रा की बचत कर सकते हैं।

(ii) ऊर्जा के नवीन क्षेत्रों की खोज- ऊर्जा संकट समाधान की दिशा में परम्परागत ऊर्जा के नये क्षेत्रों का अन्वेशन किया जाय। इस दिशा में भारत में 1970 के बाद काफी तेजी आई है तथा अनेक नये-नये पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस के भण्डार का पता लगाया जा चुका है। अरब-सागर, कृष्णा-गोदावरी क्षेत्र, राजस्थान क्षेत्र आदि में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस दे स्रोत प्राप्त हुए हैं।

(iii) ऊर्जा के नवीन वैकल्पिक साधनों का उपयोग- वैकल्पिक ऊर्जा में पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक दोनों ही ऊर्जा सम्मिलित हैं। इनमें से कुछ तो सतत् नवीकरणीय हैं तो कुछ समापनीय हैं। आज वैकल्पिक ऊर्जा में जल विद्युत, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैव ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि का विकास कर उपयोग करना शक्ति के संसाधनों को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। जीवाश्म ऊर्जा के अत्यधिक उपयोग से प्रदूषण, स्वास्थ्य एवं जलवायु परिवर्तन की आशंका प्रबल हो गई है।

(iv) अंतर्राष्टीय सहयोग – ऊर्जा संकट से बचने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। विश्व के सभी राष्ट्र ऊर्जा संकट के समाधान हेतु सहमति से नीति निर्धारण करें।

इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र आर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक स्पोर्टिंग कन्ट्रीज विश्व व्यापार संगठन, दक्षिण एशियाई 8 देशों का संगठन (जी-8) जैसे संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते

इन सब के अलावे मैं अपने क्रियाकलाप में परिवर्तन कर इसमें सहायता कर सकता हूँ जैसे-

  • बिजली के बल्बों एवं अन्य उपकरणों का आवश्यकतानुसार प्रयोग करा
  • स्वचालित वाहनों के बजाय पैदल चलकर या साइकिल का अधिक उपयोग कर।
  • गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, बायोगैस इत्यादि का उपयोग कर।
  • लोगों को इस संबंध में अपनी क्षमतानुसार जागरूक कर।

मानचित्र कार्य

भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाइए और उनके नाम लिखिये :

प्रश्न 1.
कोयला खदानें : घरिया, बोकारो, रानीगंज, कोरबा, तालचर, सिंगरेनी एवं नेवेली।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
तेल क्षेत्र : डिगबोई, कलोल, अंकलेश्वर, बसीन, मुम्बई हाई।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
तेलशोधक कारखाने : भटिंडा, पानीपत, मथुरा, जामनगर, मंगलौ, तातीपाका, हल्दिया, गुवाहाटी, बरौनी
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
परमाणु शक्ति केन्द्र : कैगा कालपक्कम, रावती तट, नरौरा, काकरापारा, तारापुर।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।


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