अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
श्रमबल स आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
देश की रोजगार जनसंख्या को ही कार्यशील (श्रमबल) जनसंख्या अथवा कार्यबल की संज्ञा दी जाती है जो कृषि, उद्योग एवं अन्य व्यवसायों में है। वास्तविक रूप में लगी होती है।

प्रश्न 2.
श्रमबल तथा कार्यबल में अंतर कीजिए।
उत्तर-
जो व्यक्ति वास्तवकि रूप में आर्थिक क्रियाकलापों में लगे हैं अथवा इन्हें करने के योग्य है, वे सभी श्रमबल कहलाते हैं। जो व्यक्ति आर्थिक क्रियाकलापों में वस्तुतः लगे होते हैं उन्हें कार्यबल के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार श्रमबल तथा कार्यबल के अंतर को बेरोजगार श्रमबल कहते हैं। .

प्रश्न 3.
एक अर्थव्यवस्था में रोजगार के प्रमुख क्षेत्र क्या है ?
उत्तर-
एक अर्थव्यवस्था में रोजगार के तीन प्रमुख क्षेत्र होते हैं

  • प्राथमिक क्षेत्र कृषि, पशुपालन, वानिकी, खनन आदि।
  • द्वितीयक क्षेत्र- उद्योग, विनिर्माण, निर्माण, विद्युत, गैस, आदि।
  • ततीयंक क्षेत्र परिवहन, संचार, भंडारण व्यापार, बैकिंग, बीमा तथा अन्य सभी प्रकार की सीमाएँ।

प्रश्न 4.
तृतीयक क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन-सी सेवाओं को सम्मिलित किया जाता है ?
उत्तर-
तृतीयक क्षेत्र के अंतर्गत परिवहन, संचार भंडारण, व्यापार, बैकिंग, बीमा तथा अन्य सभी प्रकार की सेवाएँ को सम्मिलित किया जाता है।

प्रश्न 5.
संचार सेवाओं से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
संचार सेवाओं से हमारा अभिप्राय उनप साधनों से है जिनके माध्यम से विभिन्न स्थान के बीच विचारों और सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। समाचारपत्र, डाक सेवा, टेलीग्राफ, टेलीफोन, रेडियो आदि संचार के साधन है। टेलीविजन, मोबाइल टेलीफोन, फैक्स तथा इंटरनेट
के संचार सेवाओं के आधुनिक साधन है।

प्रश्न 6.
सूचना और संचार प्रणाली से जुड़ी पाँच सेवाओं का उल्लेख करें।
उत्तर-
समाचार पत्र, डाक सेवा, टेलीविजन, मोबाइल टेलीफोन, तथा इंटरनेट सूचना और संचार प्रणाली से जुड़ी पांच पहले पूर्ण सेवाओं में से एक है।

प्रश्न 7.
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
कंप्यूटर के दो मुख्य अंग होते हैं सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर। सॉफ्टवेयर का प्रयोग प्रोग्राम और आंकड़ों को संकलित, नियंत्रित तथा संचित करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर ‘ का भौतिक भाग हार्डवेयर के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 8.
‘आउटसोर्सिंग’ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब कोई कंपनी अपने उत्पादन से संबंधित सेवाएँ अन्य स्रोतों से प्राप्त करती हैं तो उसे आउटसोर्सिंग कहते हैं। एक विदेशी कंपनी द्वारा अपनी पुस्तक के डिजाइन छपाई आदि का कार्य हमारे देश में करवाना आउटसोर्सिंग का उदाहरण है।

प्रश्न 9.
स्वच्छता का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
स्वच्छता का संबंध नालियों तथा कूड़े की सफाई, शौचालय, मलव्ययन आदि की व्यवस्था से है। इसका अभाव स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्रभावित करता है।

प्रश्न 10.
प्रारंभिक शिक्षा क्या है?
उत्तर-
प्रारंभिक शिक्षा युवावर्ग को न्यूनतम एवं आधारभूत कौशल सिखायी है। सरकार ने 2001 के संविधान संशोधन द्वारा 6-14 वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा को मौलिक अधिकार घोषित कर दिया गया है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
संचार सेवाओं के विकास में कंप्यूटर का क्या योगदान है ?
उत्तर-
संचार सेवाओं के प्रसार में कंप्यूटर का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। कंप्यूटर एक स्वचालित मशीन है जिसके अनेक उपयोग है। आज कंप्यूटर का दूरसंचार परिवहन, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा तथा शोध एवं अनुसंधान में प्रयोग लगातार बढ़ रहा है। कंप्यूटर के प्रयोग से इन सेवाओं के स्तर में सुधार हुआ है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उद्योग श्रम प्रधान है तथा इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएँ है।

प्रश्न 2.
भारत में आवास की क्या स्थिति है ?
उत्तर-
भारत में आवास की कमी है। जनसंख्या वृद्धि के साथ ही देश में आवास और उससे संबद्ध आधारभूत आवश्यकताओं-(पानी, बिजली, मलव्यपन इत्यादि) की माँग निरंतर बढ़ रही है। गाँव से नगरों की ओर रोजगार और उच्च शिक्षा के पलायन ने भी आवास समस्या को और अधिक गंभीर बना दिया है। योजना आयोग के अनुसार अभी देश में लगभग 247 लाख आवास इकाइयों की कमी होने का अनुमान है।

प्रश्न 3.
माध्यमिक शिक्षा की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
आर्थिक विकास एवं संरचनात्मक सुविधाओं को बनाए रखने के लिए हमें बहुत बड़ी मात्रा में प्रशिक्षित श्रम की आवश्यकता पड़ती है। माध्यमिक शिक्षा द्वारा ही इस प्रकार की श्रमशक्ति का निर्माण होता है। सभी वर्गों के मेघाती छात्रों को सर्वांगीण विकास के लिए माध्यमिक शिक्षा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
उच्च शिक्षा का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
देश के आर्थिक विकास के लिए कुछ चुने हुए प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता होती है। उच्च शिक्षा का अभिप्राय किसी विषय में विशिष्टता प्रदान करना या ग्रहण करना है। ये उच्च शिक्षा, हमारे देश के विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों एवं तकनीकी संस्थानों में प्रदान की जाती है। उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा ही देश में डॉक्टर इंजीनियर, प्राध्यापक, वैज्ञानिक एवं अन्य उच्च स्तर के कर्मचारियों की पूर्ति होती है।

प्रश्न 5.
श्रमबल तथा कार्यबल में अंतर कीजिए।
उत्तर-
जनसंख्या के सभी सदस्य आर्थिक दृष्टि से उत्पादक क्रियाओं में नहीं लगे होते हैं। परिवार के बच्चे एवं बूढ़े तथा मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति इन क्रियाओं में शामिल नहीं होते हैं। अतः, समाज के जो व्यक्ति वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन कर सकते हैं वे ही श्रमबल का निर्माण करते हैं। इसके अतिरिक्त हम श्रमबल में से ऐसे व्यक्तियों को भी निकाल देते हैं जो पारिवारिक आदि कार्यों में व्यस्त हैं या कार्य करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। इसका अभिप्राय यह है कि जो व्यक्ति वास्तविक रूप से आर्थिक क्रियाकलापों में लगे हैं अथवा इन्हें करने के योग्य हैं, वे सभी श्रमबल के सदस्य हैं। इसके विपरीत, जो इन क्रियाकलापों में वस्तुतः लगे हुए हैं उन्हें कार्यबल के रूप में जाना जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रोजगार सृजन में सेवाओं की भूमिका की विवेचना कीजिए।
उत्तर-
आज विश्व के सभी देशों में कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र की उत्पादन विधियों एवं तकनीक में परिवर्तन हो रहे हैं। इन परिवर्तनों से सेवा क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन मिला है। सेवा क्षेत्र किसी देश का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हो गया है। तथा इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएँ निरंतर बढ़ रही है।

सेवा क्षेत्र की पारंपरिक सेवाओं में परिवहन वित्त, संचार विपणन, व्यापार आदि महत्वपूर्ण है। सेवा क्षेत्र में ‘शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को भी सम्मिलित किया जाता है। सेवा क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था करती है तथा इससे आर्थिक विकास के साथ ही इनमें रोजगार के अवसरों में बहुत वृद्धि हुई है। सुरक्षा सेवाओं के बाद रेलवे देश में सबसे अधिक लोगों को ।। रोजगार प्रदान करता है।

ग्रामीण सड़कों के निर्माण द्वारा बहुत अधिक रोजगार-सृजन संभव है। जहाजरानी और विमान सेवाएँ भी आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन में सहायता प्रदान कर रही है।

वित्तीय सेवाओं का जैसे बैंकिंग और बीमा क्षेत्र का बहुत अधिक विस्तार हुआ है। शहरीकरण विनिर्माण, व्यापार आदि की प्रगति के साथ ही बीमा क्षेत्र की सेवाओं की मांग निरंतर बढ़ रहवी है। उदारीकरण के फलस्वरूप भी हमारे विदेश व्यापार में बहुत वृद्धि हुई है।

आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन की दृष्टि से संचार सेवाएँ बहुत महत्वपूर्ण है। आज देश में संचार उपग्रह और सूचना प्रौद्योगिकी के विकास से नई-नई प्रकार के उद्योगों तथा रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है। टेलीविजन की वाणिज्य सेवाएं व्यापार के विस्तार में बहुत सहायक सिद्ध हुई है। संचार सेवाओं में कंप्यूटर का योगदान भी महत्वपूर्ण है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उद्योग श्रम-प्रधान है तथा इसके उत्पादन में भारत विश्व का एक अग्रणी देश माना जाने लगा है।

प्रश्न 2.
“विगत वर्षों के अंतर्गत विश्व में सेवा प्रदाता के रूप में भारत के सेवा क्षेत्र का विस्तार हुआ है।” इसके क्या कारण है।
उत्तर-
भारतीय आरंभ से ही विश्व के विकसित देशों में जाकर अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे हैं। अपने देश में अवसरों की कमी तथा इन देशों का उच्च जीवन-स्तर ही भारतवासियों को विकसित देशों में जाने के लिए प्रेरित करता हैं सूचना और संचार-प्रौद्योगिकी का बहुत तेजी से विस्तार तथा विकास होने से आज विभिन्न देश के निवासियों से संपर्क करना तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान अधिक आसान हो गया है। अब हम अपने देश में रहकर ही विश्व के अन्य देशों को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। इससे सेवा क्षेत्र के उत्पादन का भी निर्यात तेजी से होने लगा है। हमारे देश में श्रम की बहुलता है। इसके फलस्वरूप यहाँ कई प्रकार की सेवाएँ अपेक्षाकृत कम कीमत पर उपलब्ध है। इसका लाभ उठाने के लिए विकसित देशों की अनेक कंपनियां अब अपनी सेवाओं का भारत तथा अन्य विकासशील देशों में आउटसोर्सिंग करने लगी है। इस प्रकार श्रम की बहुलता तथा सेवाओं की कम कीमत में उपलब्धता ही ने भारत का विश्व में सेवा प्रदाता के रूप में समाने आया है।

प्रश्न 3.
बुनियादी अथवा आधारभूत सुविधाएं सेना क्षेत्र के विकास में किस प्रकार सहायक होती है ?
उत्तर-
सेवा क्षेत्र का संबंध मनुष्य की आवश्यकताओं और सुख-सुविधाओं से है। आर्थिक विकास एवं आय में वृद्धि के साथ ही इस क्षेत्र द्वारा उत्पादित सेवाओं की मांग बढ़ती है। कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में होनेवाले परिवर्तनों के साथ ही परिवहन संचार, शक्ति आदि सेवाओं की माँग में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। सेवा क्षेत्र के विकास द्वारा ही हम कृषि एवं उद्योग की वर्तमान तथा भावी माँग को पूरा कर सकते हैं।

योग्य, कुशल और प्रशिक्षित श्रम के अभाव में सेवा क्षेत्र का विकास संभव नहीं है। एक सक्षम श्रमबल के निर्माण के लिए कुछ बुनियादी अथवा आधारभूत सुविधाएँ आवश्यक है। बुनियादी अथवा आधारभूत सुविधाएँ निम्नांकित हैं-

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मानवीय संसाधनों के विकास के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। देश में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएँ ही एक सक्रिय-श्रम-शक्ति का निर्माण करती है। परिवार कल्याण कार्यक्रम नागरिकों को औसत आयु बढ़ाने और जीवन स्तर को ऊंचा करने में सहायक है।
  • आवास-आवास मनुष्य की एक आधारभूत आवश्यकता है। आवास की उचित व्यवस्था मानवीय संसाधनों के विकास में सहायक होती है।
  • स्वच्छता-स्वच्छता अर्थात साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने में सहायक होता है।
  • जलापूर्ति स्वस्थ जीवन एवं कार्यकुशलता को बनाए रखने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था अनिवार्य है।
  • शिक्षा-मानवीय संसाधनों के विकास तथा सेवा क्षेत्र के विस्तार में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। 21 वीं सदी के ज्ञान की सदी के रूप में देखा जा रहा है। हमारे देश में यथाशक्ति का विशाल भण्डार है। इनकी उचित शिक्षा और प्रशिक्षण द्वारा हम सेवा क्षेत्र में विश्व में श्रेष्ठता प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 4.
सेवा क्षेत्र के विकास में शिक्षा की भूमिका की विवेचना कीजिए।
उत्तर-
सेवा क्षेत्र के विकास में शिक्षा की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। शिक्षा द्वारा ही मानवीय संसाधनों का पूर्ण विकास तथा विस्तार हो सकता है। 21वीं सदी को ज्ञान की सदी के रूप में देखा जा रहा है। अर्थात् शिक्षित तथा प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा ही सेवा तथा अन्य क्षेत्रों का कार्य संपन्न हो सकेगा। कार्यकुशल लोगों का ही कृषि, उद्योग, सैना क्षेत्र तथा अन्य क्षेत्रों में मांग रहेगी। भारत ने संचार एवं सूचना सेवाओं के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। इसका प्रमुख कारण शिक्षा में सुधार तथा ज्ञान और कौशल का विकास है।

हमारे देश भी युवाशक्ति का विशाल भण्डार है। इनकी उचित शिक्षा और प्रशिक्षण द्वारा हम सेवा क्षेत्र में विश्व में श्रेष्ठता प्राप्त कर सकते हैं।

सेवा क्षेत्र के विकास में शिक्षा और प्रशिक्षण के तीन मुख्य स्तर होते हैं-
प्रारंभिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा।

  • प्रारंभिक शिक्षा प्रारंभिक शिक्षा युवावर्ग को न्यूनतम एवं आधारभूत कौशलसिखाती है। प्रारंभिक शिक्षा का हमारी उत्पादक क्रियाओं पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। इसी कारण प्रारंभिक शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गई है।
  • माध्यमिक शिक्षा-आर्थिक विकास एवं संरचनात्मक सुविधाओं को बनाए रखने के लिएह में बहुत बड़ी मात्रा में प्रशिक्षित श्रम की आवश्यकता पड़ती है। माध्यमिक शिक्षा द्वारा ही इस प्रकार की श्रमशक्ति का निर्माण होता है।
  • उच्च शिक्षा देश के आर्थिक विकास के लिए कुछ चुने हुए प्रतिभावान छात्रों की उच्च एवं तकनीकि शिक्षा प्रदान करना भी अनिवार्य है। उच्च शिक्षा द्वारा ही देश में डॉक्टर, इंजीनियर, प्राध्यापक, वैज्ञानिक एवं अन्य उच्च स्तर के कर्मचारियों की पूर्ति होती है।