Bihar Board Class 10 Economics रोजगार एवं सेवाएँ Notes

  • भारत में कृषि लोगों को रोजगार उपलब्ध करानेवाला सबसे बड़ा क्षेत्र है।
  • श्रम तथा कार्यबल में अंतर होता है।
  • श्रमबल में केवल ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया जाता है जो काम कर सकते हैं तथा काम  करने के लिए इच्छुक है।
  • विभिन्न उत्पादक क्रियाओं में लगे कार्यशील जनसंख्या कोकार्यबल की संज्ञा दी जाती है।
  • श्रमबल तथा कार्यबल के अंतर को बेरोजगार श्रमबल कहते हैं।
  • विकसित देशों की तुलना में भारत में कार्यशील जनसंख्या का अनुपात बहुत कम है।
  • रोजगार एवं सेवाएँ का अर्थ जीविकोपार्जन के लिए धन एकत्र करने से है।
  • रोजगार एवं सेवाएं एक-दूसरे के पूरक है अर्थात् रोजगार वृद्धि से सेवा क्षेत्र का भी विस्तार  होता है।
  • प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र तथा तृतीयक क्षेत्र अर्थव्यवस्था में रोजगार के तीन प्रमुख क्षेत्र होते हैं।
  • विकसित देशों के कार्यबल का अधिकांश भागततीयक अथवा सेवा क्षेत्र में लगा होता है।
  • भारत का अधिकांश कार्यबल कृषि कार्यों में संलग्न है।
  • आर्थिक विकास तथा रोजगार की दृष्टि से सेवा क्षेत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
  • सेवा क्षेत्र के द्वारा ही किसी अर्थव्यवस्था की आधार संरचना का निर्माण होता है।
  • कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र में होनेवाले परिवर्तनों से सेवा क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन मिला है।
  • भारत की परिवहन सेवाओं में रेलवे सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
  • वित्तीय क्षेत्र की सेवाओं में बैंकिंग और बीमा सबसे महत्वपूर्ण है।
  • संचार उपग्रहों के प्रयोग से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं।
  • कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर उद्योग में भारत विश्व का एक अग्रणी देश माना जाने लगा है।
  • विगत कुछ वर्षों से भारत अमेरिका तथा कई अन्य विकसित देशों के लिए आउटसोर्सिंग का एक प्रधान केंद्र बन गया है।
  • मानवीय संसाधनों तथा सेवा क्षेत्र के विकास के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
  • 21 वीं सदी को ज्ञान की सदी के रूप में देखा जा रहा है।
  • देश की युवाशक्ति की उचित शिक्षा और प्रशिक्षण द्वारा भारत सेवा क्षेत्र में विश्व में श्रेष्ठता प्राप्त कर सकता है।
  • वर्तमान समय में सकलघरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान 50 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है। (लगभग 69%)
  • बाढ़ की विभीषिका भी इसके आर्थिक विपन्नता के लिए जिम्मेवार है।
  • भारत में वैश्वीकरण की शुरूआत 1991 से प्रारंभ हुई थी।